Begin typing your search above and press return to search.

छात्रवृति के मोहताज: छत्तीसगढ़ के आधे से अधिक विद्यार्थियों को नहीं मिल पाई पिछले बरस की छात्रवृत्ति

छात्रवृति के मोहताज: छत्तीसगढ़ के आधे से अधिक विद्यार्थियों को नहीं मिल पाई पिछले बरस की छात्रवृत्ति
X
By NPG News

रायपुर। प्रदेश के आधे से अधिक छात्रों को अब तक पिछले वर्ष की छात्रवृत्ति नही मिल पाई हैं। राज्य सरकार द्वारा छात्रवृत्ति आवंटित नही होने पर अभिवावक शिक्षकों को जिम्मेदार मानते हुए उनके सिर पर ठीकरा फोड़ रहे हैं। और उन्हें ही जवाबदार मान रहे हैं। दूसरी तरफ शिक्षक खुद ही इससे परेशान हैं।

स्कूली बच्चो को शासन के द्वारा कक्षावार छात्रवृत्ति प्रदान की जाती हैं। इसके लिए शासन ने ऑनलाइन पोर्टल बनाया हुआ है। जिसमें छात्र- छात्राओं का पंजीयन किया जाता हैं। ऑनलाइन छात्रवृति के लिए क्लास 1 से लेकर क्लास 8 तक पंजीयन इस वर्ष शासन के इस पोर्टल में किया गया हैं। जिसके लिए पंजीयन की अंतिम तिथि 31 जुलाई निर्धारित थी और 31 जुलाई को ऑनलाइन पोर्टल में पंजीयन बंद हो गया है। पंजीयन करने में स्कूलों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। क्योंकि ज्यादातर स्कूलों में ना तो कम्प्यूटर हैं और न ही कम्प्यूटर के जानकार शिक्षक है। शिक्षक इसके लिए ऑनलाइन कम्प्यूटर सेंटरों पर ही निर्भर हैं। शिक्षकों के द्वारा पालकों से संपर्क कर छात्रवृत्ति भुगतान हेतु बैंको में खाता खुलवाया जा रहा हैं। इसके साथ ही उन्हें स्कूलों में पंजीयन की सुविधा न होने का हवाला देकर कम्यूटर सेंटरों में जाकर पंजीयन करवाने की गुजारिश की गई।

शिक्षकों के द्वारा छात्रवृत्ति मिलने की बात कह पालकों से बैंको में खाता खुलवा लिया गया हैं। इसके बाद शिक्षकों के कहने से ही पालकों ने कम्प्यूटर सेंटरों में जाकर ऑनलाइन छात्रवृत्ति पोर्टल में खर्चा कर पंजीयन करवाया है। पर दुविधा यह हैं कि पिछले सत्र 2021-22 की आधे से भी अधिक छात्र- छात्राओं की छात्रवृत्ति राशि अब तक शासन से प्राप्त नही हुई हैं। छात्रवृत्ति की तय राशि सीधे विद्यार्थियों के खाते में ही जाती हैं। पिछले सत्र की राशि नही मिलने से पालकों के द्वारा शिक्षको से संपर्क कर राशि के बारे मे पता किया जा रहा है। पर शिक्षकों को इसके बारे में जानकारी नही होने से वो इस बारे में बताने की स्थिति में नही है। छात्रवृत्ति भुगतान न होने को लेकर पालको के द्वारा इसके लिए शिक्षको को जवाबदार माना जा रहा हैं। और उनमें शिक्षकों के प्रति रोष हैं। जिससे शिक्षक परेशान हैं और उनका कहना हैं कि राशि शासन से प्राप्त होती हैं और उन्हें खुद भी नही पता कि राशि शासन से क्यो नही आई है। लिहाजा पालको की उनके प्रति नाराजगी वाजिब नहीं है।

Next Story