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चावल घोटाले को CM भूपेश ने बताया बेबुनियाद, बोले हम तो कार्रवाई कर रहे, रमन सरकार में फर्जी राशन कार्ड के जरिए 2000 करोड़ के घोटाले में वसूली क्यों नहीं की

चावल घोटाले को CM भूपेश ने बताया बेबुनियाद, बोले हम तो कार्रवाई कर रहे, रमन सरकार में फर्जी राशन कार्ड के जरिए 2000 करोड़ के घोटाले में वसूली क्यों नहीं की
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By Sandeep Kumar Kadukar

रायपुर। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के पांच हजार करोड़ के चावल घोटाले पर सीएम भूपेश बघेल का बयान आया है। उन्होंने इसे बेबुनियाद और उनकी सरकार को बदनाम करने का षड्यंत्र करार दिया है।

रायपुर में हेलीपैड पर मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा नेता हताश हैं, अब उनके पास राज्य सरकार को झूठे आरोप लगाकर बदनाम करने के षड्यंत्रों के अलावा कुछ नहीं बचा है। रमन सिंह ने लगभग 1 माह पूर्व यह आरोप लगाया कि राज्य में 5127 करोड़ का चावल घोटाला हुआ है। कभी वे कहते हैं कि घोटाला 5 से 6000 करोड का है। रमन सिंह ने आरोप लगाया है कि राज्य को वर्ष 2020 से वर्ष 2022 के मध्य प्रधानमंत्री गरीब अन्न कल्याण योजनार्न्तगत 38 लाख टन चावल प्राप्त हुआ था जिसमें से 15 लाख टन चावल वितरित न करने का आरोप लगाया गया था।

उक्त घोटाले का आरोप पूर्णतः बेबुनियाद है। प्रधानमंत्री गरीब अन्न कल्याण योजनार्न्तगत वर्ष 2020 से 2022 के बीच केंद्र सरकार से मात्र 28.10 लाख टन चावल प्राप्त हुआ था जिसके विरुद्ध 27.61 लाख टन चावल का उठाव किया गया था। शेष लगभग 50,000 टन चावल की सब्सिडी राज्य सरकार द्वारा केंद्र सरकार से क्लेम नहीं की गयी है।

राज्य सरकार सितम्बर 2022 में स्वतः ही ई-पॉस उपकरण के माध्यम से सभी पी. डी. एस. दुकानों के खाद्यान्न का सत्यापन का कार्य आरंभ किया गया। सभी दुकानों के सत्यापन में यह पाया गया कि 65,000 मीट्रिक टन चावल दुकानों में उपलब्ध नहीं है। जिसकी शासन द्वारा तत्काल वसूली की कार्यवाही आरंभ की गयी। 65,000 मीट्रिक टन का कुल मूल्य लगभग 210 करोड़ मात्र होती है। वर्तमान स्थिति में लगभग 15,000 टन चावल की वसूली भी की जा चुकी है। साथ ही 208 उचित मूल्य दुकानों का आबंटन निरस्त किया जा चुका है तथा 22 उचित मूल्य दुकानों के विरुद्ध पुलिस में एफ. आई. आर. दर्ज की गयी है। शेष चावल, लगभग 50,000 टन की दोषी व्यक्तियों से वसूली हेतु आर. आर. सी. जारी की जा रही है जिसमें से 21,000 टन का आर.आर.सी. जारी किया जा चुका है। शेष चावल का कुल अनुमानित मूल्य मात्र 165 करोड़ है। स्पष्ट है घोटाले बाजों के विरुद्ध राज्य सरकार द्वारा कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जा रही है तथा संपूर्ण राशि की वापसी तक यह कार्यवाही जारी रहेगी। भाजपा नेताओं के द्वारा 6,000 करोड़ के कथित घोटाले की वस्तुस्थिति यही है ।

भाजपा शासनकाल में हुए चावल घोटालों का भी यहां उल्लेख करना प्रासंगिक होगा। वर्ष 2004 से 2015 के बीच हुए "नान घोटाले" में हजारों करोड़ का घोटाला होना स्वयं ए.सी.बी. द्वारा प्रचारित किया गया था। रमन सिंह यह बता दें कि इस घोटाले की कितनी राशि की वसूली उनके सरकार के कार्यकाल में हुई थी। क्योंकि

“नान घोटाला” स्वयं रमन सिंह एवं उनके सहयोगियों के संरक्षण में हुआ था, अतः उस घोटाले में हुई क्षति की वसूली हेतु कोई कार्यवाही नहीं की गयी थी । वर्ष 2013 में विधानसभा चुनाव के पूर्व माहों में रमन सरकार के संरक्षण में राज्य

में 12 से 15 लाख फर्जी राशन कार्ड बनाये गये थे। जिन्हें विधानसभा चुनाव के कुछ माह स्वयं सरकार द्वारा निरस्त करना आरंभ किया गया था। वर्ष 2013 से 2015 के बीच इन फर्जी राशन कार्डों के माध्यम से लगभग 2,000 करोड़ का चावल चोरी से उठा लिया गया था। रमन सिंह बता दें कि लाखों फर्जी राशन कार्ड की जानकारी मिलने के बाद भी उनकी सरकार द्वारा 2,000 करोड के घोटाले की राशि हेतु कोई कार्यवाही नहीं की गयी थी ।

उसी तरह रमन सरकार के संरक्षण में हुए कुनकुरी चावल घोटाला, बलौदा बाजार में हुए 1,000 करोड़ के धान घोटाले और स्वयं रमन सिंह के गृह नगर कबीरधाम में हुए 2,000 टन धान चोरी के घोटालों के वास्तविक दोषियों के विरुद्ध वसूली हेतु कोई कार्यवाही क्यों नहीं की गयी। सभी घोटालों में जांच की खानापूर्ति कर निर्दोष लोगों को बलि का बकरा बना दिया गया और भाजपा नेता भ्रष्टाचार कर दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की करते गये।

Sandeep Kumar Kadukar

संदीप कुमार कडुकार: रायपुर के छत्तीसगढ़ कॉलेज से बीकॉम और पंडित रवि शंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी से MA पॉलिटिकल साइंस में पीजी करने के बाद पत्रकारिता को पेशा बनाया। मूलतः रायपुर के रहने वाले हैं। पिछले 10 सालों से विभिन्न रीजनल चैनल में काम करने के बाद पिछले सात सालों से NPG.NEWS में रिपोर्टिंग कर रहे हैं।

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