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CG ये चोरी पूरी फिल्मी है : सगी बहन ने जलन में अपनी बहन के घर कराई 41.30 लाख की चोरी, रिपोर्ट सिर्फ 20 हजार की, पुलिस को दिया ऐसा ऑफर

CG ये चोरी पूरी फिल्मी है : सगी बहन ने जलन में अपनी बहन के घर कराई 41.30 लाख की चोरी, रिपोर्ट सिर्फ 20 हजार की, पुलिस को दिया ऐसा ऑफर
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By yogeshwari varma

बिलासपुर. छत्तीसगढ़ की न्यायधानी में चोरी की एक फिल्मी कहानी का पुलिस ने पर्दाफाश किया है. इस कहानी में बड़ी बहन ने ही अपनी सगी छोटी बहन के घर में चोरी करवाई. चोरी तो 41.30 लाख की थी, लेकिन छोटी बहन ने थाने में सिर्फ 20 हजार कैश और कुछ गहनों की चोरी की रिपोर्ट लिखाई. पुलिस ने जब चोरों को पकड़ा तो 25 लाख कैश मिले. कहानी यहां खत्म नहीं हुई है. चोरों ने बताया कि वे तो नकली चोर हैं, असली चोर कोई और है. असली चोरों को पकड़कर जब पुलिस ने पूरी रकम बरामद कर ली तो प्रार्थिया ने पुलिस को ही यह ऑफर कर दिया कि वे आधी रकम रख ले, लेकिन लिखा-पढ़ी में जब्ती न बनाएं. जब पुलिस ने इतनी बड़ी मात्रा में कैश के सोर्स के बारे में पूछा तो प्रार्थिया कुछ नहीं बता सकी. पुलिस ने इस मामले में आयकर विभाग को लिखने का निर्णय लिया है.

अब कहानी विस्तार से बताते हैं. पहले पात्रों के बारे में बता दें. बड़ी बहन का नाम रुकमणी साहू है. रुकमणी रतनपुर थाना क्षेत्र के लखराम में रहती है. अपने गांव की सरपंच रह चुकी है. फिलहाल पति के साथ ईंट भट्ठा चलाती है. छोटी बहन का नाम सरोजनी साहू है. सरोजनी वन विभाग में ठेकेदारी करती है. उसके पति तुलसीराम साहू पीडब्ल्यूडी में माली हैं. किस्सा कुछ यूं है कि कुछ साल पहले सरोजनी ने वन विभाग में ठेकेदारी शुरू की. इसके बाद ऐसी तरक्की की कि घर-बंगला सब बना लिया. लिविंग स्टैंडर्ड बदल गया. इससे रुकमणी को जलन होने लगी. उसे इस बात की खबर लग गई कि सरोजनी ने आयकर विभाग के डर से घर में बड़ी राशि छिपाकर रखी है.

दो बहनों के बाद एक तीसरे शख्स की इंट्री होती है. इसका नाम है शिवदीप तिवारी. तिवारी नगपुरा का रहने वाला है और रुकमणी की परिचित है. रुकमणी ने अपनी बहन के घर बड़ी रकम की चोरी का प्लान बनाया. इस प्लान के तहत रुकमणी अपनी बहन के अभिषेक नगर मंगला स्थित घर पहुंची. अपनी बहन के परिवार के साथ सभी बबल्स वाटर पार्क चले गए. 5-10 मिनट बीते थे कि शिवदीप और उसके साथ गोलू कश्यप और विजेंद्र कश्यप सरोजनी के घर पहुंचे. ये तीनों नीले रंग की एक बुलेट से पहुंचे थे, जो शिवदीप के दोस्त समेश कश्यप की थी. तीनों ने नकाब पहना. पानी के बहाने दरवाजा खुलवाया. घर पर दो बुजुर्ग महिलाएं थीं. उनका मुंह बंद कर एक कमरे में बंद कर दिया. इसके बाद आलमारी से चोरी कर ली.

ऊपर जो आपने पढ़ा वह प्लान-ए था. प्लान बी के तहत शिवदीप ने सूरज, विशु और किशोरी लाल बंजारे नाम के तीन युवकों को 25 लाख रुपए और गहने दिए. 15 लाख अपने पास रख लिए. विशु को 80 हजार रुपए और चोरी के प्लान में मदद करने के लिए 50 हजार रुपए दिए थे. इसके बाद जिस बाइक से चोरी हुई थी, वह बाइक दे दी. इसके बाद नकली चोर एक बैग में यह रकम और गहने लेकर उसलापुर धुरी पारा मोहल्ले होते हुए रतनपुर की ओर भाग गए. इधर, वाटर पार्क से जब सरोजनी और बाकी लोग लौटे तो उन्हें वारदात का पता चला. सरोजनी थाने गई और बीस हजार रुपए नगद और गहनों की चोरी की रिपोर्ट लिखाई.

पुलिस के सामने ऐसे ट्विस्ट आए कि वे भी चौंके

सिविल लाइन थाने में जब रिपोर्ट लिखी गई, तब पुलिस ने जांच शुरू की. पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज खंगाले. उसमें तीन संदिग्ध युवक, बैग और वह बाइक दिख गई, जिसमें वे रतनपुर की ओर भागे थे. पुलिस ने तीनों की पहचान की और हिरासत में ले लिया. आरोपियों से जो बैग मिला, उसमें 25 लाख कैश और जेवर मिल गए. रिपोर्ट 20 हजार की थी और 25 लाख मिले थे, इसलिए पुलिस ने अपने तरीके से पूछताछ की तो शिवदीप का नाम सामने आया. शिवदीप को पुलिस ने उसके गांव से पकड़ लिया. शिवदीप से जब पुलिस ने पूछताछ की तो टीवी सीरियल के नाटकीय मोड़ की तरह बड़ा सनसनीखेज खुलासा हुआ कि सगी बहन के कहने पर चोरी कराई गई है. उसने पूरा किस्सा उगल दिया. उसके पास से पुलिस ने पैसे बरामद कर लिए. इसके बाद रुकमणी को पकड़ लिया गया.

पुलिस ने पूरी प्लानिंग के साथ जिस वारदात को अंजाम दिया था, उसका भंडाफोड़ कर दिया, लेकिन एक सवाल का जवाब अभी भी नहीं मिला था. सवाल था कि सरोजनी ने इतनी बड़ी रकम चोरी होने के बाद रिपोर्ट में यह बात क्यों छिपाई? सरोजनी को बुलाने के बाद एक बार फिर चौंकने की बारी पुलिस की थी. सरोजनी ने सीधे पुलिस को ऑफर कर दिया कि वे चाहें तो आधी रकम और गहने ले लें, लेकिन जब्ती शो न करें. पुलिस को लगा कि यह दो नंबरी माल है. पुलिस ने पूछताछ की, लेकिन सरोजनी ने कोई जवाब नहीं दिया. ऐसी आशंका जताई जा रही है कि यह किसी बड़े ठेकेदार की रकम होगी, जिसे सरोजनी के जरिए खपाया जा रहा था. इस मामले में जांच के लिए पुलिस आयकर विभाग को लिखेगी. एसपी संतोष सिंह ने पूरे मामले का खुलासा किया.

ये गिरफ्तार किए गए

शिवदीप तिवारी, 29 वर्ष

सूरज विश्वकर्मा, 22 वर्ष

विशू श्रीवास, 20 वर्ष

किशोरी लाल बंजारे, 25 वर्ष

गजेंद्र कश्यप, 30 वर्ष

रुकमणी साहू, 50 वर्ष

समेश कश्यप, 26 वर्ष

गोलू कश्यप और शिव नारायण साहू फिलहाल फरार हैं.

आरोपियों से जब्त हुआ

पुलिस ने आरोपियों से घटना में प्रयुक्त एक बुलेट मोटरसाइकिल के अलावा एक धारदार चाकू जब्त किया है. 41 लाख 20 हजार रुपए कैश, एक नग चांदी की करधन, एक जोड़ी चांदी की पायल, एक नग सोने की लटकन वाली बाली, एक नग सोने का मांग टीका, एक नग चांदी का सिक्का, एक नग छोटी सोने की बाली, एक नग चांदी की छोटा पायल, एक जोड़ी कंगन, एक एयर बैग बरामद किया है.

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