CG Sukma News: चार प्रधान पाठक बर्खास्त, फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर शिक्षक बन नौकरी करने वालों पर गिरी गाज...
सुकमा। फर्जी जाती प्रमाण पत्र से सरकारी नौकरी कर रहे चार शिक्षकों को बर्खास्त किया गया है। चारों शिक्षकों के खिलाफ आदिवासी समाज ने विभिन्न विभागों में सरकारी नौकरी कर रहे 36 लोगों ने नामजद शिकायत की थी। 7 माह चली जांच के बाद चार शिक्षकों को बर्खास्त किया गया है।
बता दें कि कुल 6 शिक्षकों के प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए थे, जिनमें एक सेवानिवृत हो गए हैं वही एक की नियुक्ति बीजापुर जिले से होने के चलते वहा जांच व कार्यवाही हेतु प्रतिवेदन भेजा जा रहा हैं।
अविभाजित बस्तर व दंतेवाड़ा जिले में 1980 से 2012-13 के बीच निकली सरकारी नौकरियों में कई लोगों के द्वारा फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी पाने की शिकायत आदिवासी समाज ने की थी। नियुक्ति के समय तहसीलदार की ओर से जारी अस्थाई जाति प्रमाण पत्र के आधार पर नियुक्तियां दी गई थी।
यह नियुक्तियां सिर्फ 6 माह के लिए ही वैध थी। बाद में आवेदकों को स्थाई जाति प्रमाण पत्र जमा करना था। पर नौकरी पाए इन लोगों ने स्थाई जाति प्रमाण पत्र जमा नहीं किया और लगातार नौकरी करते रहें। साथ ही आदिवासी प्रमाण पत्र के सहारे शासन की अन्य योजनाओं का भी लाभ लेते रहें। कई तो अपनी नौकरी पूरी कर रिटायर भी हो गए।
ये हुए बर्खास्त
जांच के बाद प्रधान पाठक बालक आश्रम इंजरम सलवम गिरीश, पीएस पटेलपारा फंदीगुड़ा की प्रधान पाठिका सलवम गीता, पीएस धावड़ाभाठा की प्रधान पाठिका वरलक्ष्मी नाग, पीएस मिलमपल्ली के प्रधान पाठक ओसिक ठाकुर को बर्खास्त किया गया हैं। वही एर्राबोर के प्राचार्य के यशवंत रामा का जाति प्रमाण पत्र संदिग्ध पाया गया है।