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CG PSC Scam: EOW की जांच रिपोर्ट: PSC 2005 में किस तरह का गोलमाल हुआ, 59 पेज की इस जांच रिपोर्ट को पढ़ हिल जाएंगे आप

CG PSC Scam: छत्‍तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (सीजी पीएससी) की भर्ती परीक्षाओं पर पहले भी आरोप लगते रहे हैं। 2005 में भर्ती में गड़बड़ी की तत्‍कालीन सरकार ने ईओडब्‍ल्‍यू से जांच कराई थी।

CG PSC Scam: EOW की जांच रिपोर्ट: PSC 2005 में किस तरह का गोलमाल हुआ, 59 पेज की इस जांच रिपोर्ट को पढ़ हिल जाएंगे आप
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By Sanjeet Kumar

CG PSC Scam: रायपुर। छत्‍तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CG PSC) भर्ती परिक्षा के परिणाम को लेकर विवादों में हैं। आयोग पर अफसरों और नेताओं के रिश्‍तेदारों का चयन का आरोप लगा है। यह मामला हाईकोर्ट के विचाराधीन है। विवादों से सीजी पीएससी का रिश्‍ता पुराना है। पीएससी की चयन सूची पर पहले भी विवाद होते हैं। इनमें 2005 की भर्ती सबसे ज्‍यादा चर्चित रही। भर्ती में गड़बड़ी के आरोप को लेकर विपक्ष के बढ़ते दबाव के कारण राज्‍यपाल ने पीएससी के तत्‍कालीन अध्‍यक्ष अशोक दरबारी को सस्‍पेंड कर दिया था। आईपीएस दरबारी राज्‍य के चौथे डीजीपी और पीएससी के दूसरे चेयरमैन थे। दरबारी को सस्‍पेंड करने के साथ ही सरकार ने मामले की जांच ईओडब्‍ल्‍यू को सौंप दी।

ईओडब्‍ल्‍यू ने 2006 में अपराध दर्ज कर विवेचना शुरू की। ईओडब्‍ल्‍यू के इंस्‍पेक्‍टर एसके सैन को जांच की जिम्‍मेदारी सौंपी गई। करीब 5 वर्ष की लंबी जांच के बाद सैन ने 31 दिसंबर 2011 को अपनी रिपोर्ट सौंपी। इसमें गड़बड़ी के आरोपों को सही पाया गया। इंस्‍पेक्‍टर सैन की 59 पेज की इस जांच रिपोर्ट में कई चौकाने वाले तथ्‍य हैं। यह रिपोर्ट एनपीजी न्‍यूज के पास है। इस रिपोर्ट को पढ़कर आप भी हिल जाएंगे।

क्रमांक एवं धारा 4/2006

धारा 420, 467,468,471,120मी. भा०द०वि० 13(1)]] 13(2)पी. सी. एक्ट 1956

(2) घटना स्थल छ.ग. लोक सेवा आयोग रायपुर

(3) दिनांक घटना 15.12.2006

(4) पंजीयन दिनांक 15.12.2006

(5) प्रकरण जाँच में प्राप्त होने का दिनांक वर्ष 2003 से जुलाई 2006 के मध्य

(6) अधिकारी का नाम: श्री एस.के. सैन निरीक्षक

(7) जाँच पूर्ण होने का दिनांक 31.12.2011

(8) पर्यवेक्षण अधिकारी का नाम 1 / श्री पुरुषोत्तम गौतम तत्कालीन पुलिस अधीक्षक एन्टी करप्शन ब्यूरो रायपुर

2/ श्री आर. एस. नायक पुलिस अधीक्षक एन्टी करप्शन ब्यूरो, रायपुर छ.ग.

(9) शिकायतकर्ता का नाम, पिता का नाम व्यवसाय एवं पता कु. वर्षा डोगरे

श्री सुखीराम डोगरे उम्र 24 वर्ष निवासी सिविल लाईन कवर्धा जिला कबीरधाम

(10) आरोपीगणों का नाम, पद व पता-

(अ) छ.ग. लोक सेवा आयोग रायपुर के लोक सेवकरण अधिकारी / कर्मचारीगण

आरोपी क. 1/ श्री अशोक दरबारी तत्कालीन अध्यक्ष छ०ग०लोक सेवा आयोग रायपुर पता- 50. वैशाली नगर भोपाल मध्यप्रदेश (सेवा निवृत) (२०२०)

आरोपी के 2/ श्री बी.पी. कश्यप पिता स्व० श्री जनकराम कश्यप, उम्र 47 साल तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक छ.ग. लोक सेवा आयोग रायपुर हाल - बी2 ई.एस.ई. कालोनी रायपुर स्थाई पता ग्राम अकलतरी, पोस्ट लेखराम, जिला बिलासपुर

घटना के समय पद- परीक्षा नियंत्रक छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग रायपुर

मूल पद वरिष्ठ सहायक प्राध्यापक

शासकीय सेवा में आने का दिनांक-

सेवा निवृति दिनांक- -

सेवा से पृथक करने वाले सक्षम अधिकारी का नाम प्रमुख सचिव संचानालय उच्च शिक्षा रायपुर

आरोपी क. 3 / श्री लोमेस कुमार मदरिया पिता स्व. श्री तालसिंह मढरिया उम्र 53 साल निवासी अनुभाग अधिकारी (चयन शाखा) छ.ग. लोक सेवा आयोग रायपुरः स्थाई पता- ग्राम पहदोर थाना उतई जिला दुर्ग रायपुर हाल-सी 9 सेक्टर-1 शंकर नगर रायपुर घटना के समय पद अनुभाग अधिकारी (चयन) छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग रायपुर

श्रेणी (तृतीय श्रेणी)

शासकीय सेवा में आने का दिनांक-

सेवा निवृति दिनांक=

सेवा से पृथक करने वाले सक्षम अधिकारी का नाम-

(ब) लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित अभ्यार्थी

1 / कु० पदमिनी नोई रोल नम्बर 66786 (अनारक्षित) अपिव डिप्टी कलेक्टर

2 / कु० जयश्री जैन रोल नम्बर 21664 डिप्टी कलेक्टर

3/ श्रीमती चंदन संजय त्रिपाठी रोल नम्बर 28411 डिप्टी कलेक्टर

4 / प्रियंका थवाइत रोल नम्बर 21336 (अनारक्षित) अपिव डिप्टी कलेक्टर

5/ फरिहा आलम रोल नम्बर: 23560 डिप्टी कलेक्टर

6 / संक्तिमा राय रोल नम्बर: 19632 डिप्टी कलेक्टर

7/ दीपक कुमार अग्रवाल रोल नम्बर: 19178 डिप्टी कलेक्टर

8/ संजय कन्नौजे र रोल नम्बर 19653 अपिव. डिप्टी कलेक्टर

9/ कु. तुलिका प्रजापति रोल नम्बर: 10372 अजजा, डिप्टी कलेक्टर

10 / सुखनाथ मोची रोल नम्बर: 19782 अजा, डिप्टी कलेक्टर

11 / भगवान सिंह उईके रोल नम्बर: 19135 अजजा, डिप्टी कलेक्टर

12 / कु० लीना धुव रोल नम्बर 68026 अजजा, डिप्टी कलेक्टर

13 / कु० संतन देवी जाडगे रोल नम्बर 27900 अजा. डिप्टी कलेक्टर

14/ निवेदिता पाल रोल नम्बर 22260 उप पुलिस अधीक्षक

15/ कु० इला तिवारी रोल नम्बर 33009 उप पुलिस अधीक्षक

16/ओमप्रकाश शर्मा रोल नम्बर 27435 उप पुलिस अधीक्षक

17 / निरज कुमार चन्द्राकर रोल नम्बर 71776 अ.पि.व उप पुलिस अधीक्षक

18/ गायत्री सिंह रोल नम्बर 22632 उप पुलिस अधीक्षक

19/कमलेश्वर प्रसाद चंदेल रोल नम्बर: 38939 अजा. उप पुलिस अधीक्षक

20 / नेहा पांडे रोल नम्बर 22794 उप पुलिस अधीक्षक

21 / मेघा टेंमुरकर रोल नम्बर 40466 अजा. उप पुलिस अधीक्षक

22/ मनीषा ठाकुर रोल नम्बर 90067 अजजा, उप पुलिस अधीक्षक

23 / ज्योति सिंह रोल नम्बर: 21692 अजजा, उप पुलिस अधीक्षक

24 / प्रशांत लाल रोल नम्बर: 10516 लेखा अधिकारी

25 / दिवाकर सिंह राठौर रोल नम्बर 24020 लेखा अधिकारी

26 / सौम्या चौरसिया रोल नम्बर 57741 लेखा अधिकारी

27 / भावेश कुमार दुबे रोल नम्बर: 30066 लेखा अधिकारी

28 / मिनाक्षी शुक्ला रोल नम्बर : 20735 लेखा अधिकारी

29 / श्रद्धा त्रिवेदी रोल नम्बर 20407 लेखा अधिकारी

30 / मोहम्मद इमरान खान रोल नम्बर 72279 लेखा अधिकारी

31 / कु०ज्योत्सना तिवारी रोल नम्बर 39020 लेखा अधिकारी

32 / निरज कुमार मिश्रा रोल नम्बर 27040 लेखा अधिकारी

33 / सुशील कुमार गजभिये रोल नम्बर 90276 लेखा अधिकारी

34 / राजीव सिंह चौहान रोल नम्बर 31106 अजा. लेखा अधिकारी

35 / श्रद्धा थवाईत रोल नम्बर 62631 अपिव, लेखा अधिकारी

36/ सत्येन्द्र शाह रोल नम्बर 24728 अपिव, लेखा अधिकारी

37 / चन्द्रप्रभा रोल नम्बर 42613 अजा. लेखा अधिकारी

38 / दीपक सिंह रोल नम्बर 61018 अजजा लेखा अधिकारी

39 / रवि नेताम रोल नम्बर: 16110 अजजा लेखा अधिकारी

40 / सुषमा ठाकुर रोल नम्बर 93245 अजजा लेखा अधिकारी

41 / गांधीलाल भारद्वाज रोल नम्बर 20039 अजा (विकलांग) लेखा अधिकारी

42 / विजय सेन शर्मा रोल नम्बर: 20996 वाणिज्यकर अधिकारी

43 / सोनल खंडूजा रोल नम्बर 28996 वाणिज्यकर अधिकारी

44 / सोनिया नायक रोल नम्बर 34629 (अनारक्षित) अपिव. वाणिज्यकर अधिकारी

45/ गोपाल वर्मा रोल नम्बर 24499 (अना.) अपिव. वाणिज्यकर अधिकारी

46 / राखी गोयल रोल नम्बर: 86548 वाणिज्यकर अधिकारी

47 / छतराम महिलांग रोल नम्बर 87146 अजा. वाणिज्यकर अधिकारी

48 / अजय कुमार देवांगन रोल नम्बर 85738 अपिव. वाणिज्यकर अधिकारी

49 / याचना ताँबे रोल नम्बर : 68669 अजा. वाणिज्यकर अधिकारी

50 / मावना नेताम रोल नम्बर 36813 अजजा, वाणिज्यकर अधिकारी

51 / करूणा मिज रोल नम्बर 73600 अजजा, वाणिज्यकर अधिकारी

52 / रतन कुमार आइच रोल नम्बर 86074 जिला आबकारी अधिकारी

53 / अरविंद कुमार पाटले रोल नम्बर: 19088 अजा जिला आबकारी अधिकारी

54 / नीतु नोटानी रोल नम्बर: 106061 जिला आबकारी अधिकारी

55 / नोहर सिंह ठाकुर रोल नम्बर 68231 अजजा जिला आबकारी अधिकारी

56 / रेणुका श्रीवास्तव रोल नम्बर 25099 जिला पंजीयक

57 / बालमुकुंद तंबोली रोल नम्बर 71085 (अना.) अपिव.

58/ गुरुप्रीत कौर हुरा रोल नम्बर 23127 सहायक संचालक जनसंपर्क

59 / सुनील कुमार सिंह रोल नम्बर 94541 सहायक संचालक जनसंपर्क

60 / सीमा अग्रवाल रोल नम्बर 86608 सहायक संचालक जनसंपर्क

61/ पवन कुमार गुप्ता रोल नम्बर: 107956 सहायक संचालक जनसंपर्क

62/ इस्मत जहन दानी रोल नम्बर 66248 सहायक संचालक जनसंपर्क

63 / हीरालाल देवांगन रोल नम्बर 23140 अपिव सहायक संचालक जनसंपर्क

64/ जितेन्द्र नागेश रोल नम्बर: 16834 अजा. सहायक संचालक जनसंपर्क

65/ उषा किरण बरई रोल नम्बर 27187 अजा. सहायक संचालक जनसंपर्क

66/ अंजु नायक रोल नम्बर: 17741 अजजा, सहायक संचालक जनसंपर्क

67 / किरण मरकाम रोल नम्बर 66366 अजजा, सहायक संचालक जनसंपर्क

68/ चंद्रेश सिंह सिसोरिया रोल नम्बर 29114 जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी

69/ किरण कौशल रोल नम्बर 71681 जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी

70/ सुनील चौधरी रोल नम्बर: 19786 जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी

71/ विवेक कुमार उपाध्याय रोल नम्बर 35922 जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी

72 / मुक्तानंद खुटे रोल नम्बर 44318 अजा. जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी

73 / अजय शर्मा रोल नम्बर 46532 जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी

74/ रमेश कुमार साहू रोल नम्बर 71361 अपिव, जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी

75/ रेणु प्रकाश रोल नम्बर 41831 अजा, जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी।

76 / प्रियंका ठाकुर रोल नम्बर 69216 अजजा, जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी

77 / शैली ठाकुर रोल नम्बर 73927 अजजा जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी

78 / सौदागर सिंह टांडे रोल नम्बर 68551 अजा. सहा. संचा. स्था. निधि संपरीक्षा

79 / अजय बिरथरे रोल नम्बर 19008 सहा. सचा स्था. निधि संपरीक्षा

80 / भारती सिंह राजपूत रोल नम्बर 28058 सहा सचा स्था. निधि संपरीक्षा)

81/ गोविंद सिंह कुमेटी रोल नम्बर: 48554 सहा तचा स्था निधि संपरीक्षा

82 / विकास महेश्वरी रोल नम्बर 55128 नायब तहसीलदार

83/सुनीता केशरवानी रोल नम्बर: 19794 नायब तहसीलदार

84/ महेश सिंग राजपूत रोल नम्बर 24109 नायब तहसीलदार

85/ अमित कुमार गुप्ता रोल नम्बर 106220 नायब तहसीलदार

86/ शैलेन्द्र कुमार यन्दोनिया रोल नम्बर 27535 नायब तहसीलदार

87/ शुधाशु सक्सेना रोल नम्बर 79579 नायब तहसीलदार

88 / श्रीमति पूनम मिश्रा रोल नम्बर : 73960 नायब तहसीलदार

89/ जागेश्वर कुमार कौशल रोल नम्बर: 19287 अपिव नायब तहसीलदार

90 / प्रकाश कुमार टडन रोल नम्बर 39407 अजा नायब तहसीलदार

91 / सारिका राम टेक रोल नम्बर: 41275 अजा नायब तहसीलदार

92/ कुमारी रजनी भगत रोल नम्बर: 50081 अजजा नायब तहसीलदार

93 / गीता रायस्त रोल नम्बर 16348 अजजा नायब तहसीलदार

94 / बनसिंह नेताम रोल नम्बर 68790 अजजा नायब तहसीलदार

95/ प्रकाश गुप्ता रोल नम्बर 70334 वाणिज्यकर निरीक्षक

96 / मीना मिश्रा रोल नम्बर: 19418 वाणिज्यकर निरीक्षक

97 / प्रशात शुक्ला रोल नम्बर 53699 वाणिज्यकर निरीक्षक

98 / राजेन्द्र कुमार जायसवाल रोल नम्बर 22322 अपिव वाणिज्यकर निरीक्षक

99 / गायत्री कुमार सारथी रोल नम्बर 22140 अजा वाणिज्यकर निरीक्षक

100/ नीलमणी टोप्पो रोल नम्बर 85405 अजजा वाणिज्यकर निरीक्षक

101 / भरत सिंह रोल नम्बर 23983 अजजा वाणिज्यकर निरीक्षक

102 / नितिन कुमार खडूजा रोल नम्बर: 19474 आबकारी उप निरीक्षक

103 / अजय कुमार अग्रवाल रोल नम्बर 64514 आबकारी उप निरीक्षक

104 / अशोक कुमार रोल नम्बर 20560 आबकारी उप निरीक्षक

105 / अमित कुमार श्रीवास्तव रोल नम्बर 22527 आबकारी उप निरीक्षक

106 / आदित्य शर्मा रोल नम्बर 20504 आबकारी उप निरीक्षक

107 / अजय कुमार पांडे रोल नम्बर 73036 आबकारी उप निरीक्षक

108 / रवीन्द्र कुमार पांडे रोल नम्बर 20334 आबकारी उप निरीक्षक

109 / राकेश कुमार सिंह राठौर रोल नम्बर: 50990 (अनारक्षित) अपिव

110 / विनया देवी दीक्षित रोल नम्बर : 79496 आबकारी उप निरीक्षक

111 / गंगाउपाध्याय रोल नम्बर 24906 आबकारी उप निरीक्षक

112 / अजली श्रीवास्तव रोल नम्बर 22250 आबकारी उप निरीक्षक

113 / ऋषा मिश्रा रोल नम्बर: 106410 आबकारी उप निरीक्षक

114 / निष्ठा पाडे रोल नम्बर 24149 आबकारी उप निरीक्षक

115 / सिराजुद्दीन कुरैशी रोल नम्बर 73446 (प्रावधिक) अधिव आबकारी उप निरीक्षक

116 / दीनदयाल पटेल रोल नम्बर 20008 अपिव आबकारी उप निरीक्षक

117 / समिधा पांडे रोल नम्बर 27121 आबकारी उप निरीक्षक

118 / जनार्दन सिंह कौरव रोल नम्बर 101161 आबकारी उप निरीक्षक

119 / पंकज कुमार शुक्ला रोल नम्बर 28205 आबकारी उप निरीक्षक

120 / सूर्यकिरण तिवारी रोल नम्बर 25579 आबकारी उप निरीक्षक

121 / गोपाल प्रसाद साहू रोल नम्बर 21162 (अनारक्षित) अपिव

122 / रकशंधा शेख रोल नम्बर 70870 आबकारी उप निरीक्षक

123 / नीलेश जैन रोल नम्बर 24144 आबकारी उप निरीक्षक

124 / उमेश कुमार अग्रवाल रोल नम्बर 72985 आबकारी उप निरीक्षक

125 / राजेन्द्र नाथ तिवारी रोल नम्बर 66937 आबकारी उप निरीक्षक

126 / रोशनी तिवारी रोल नम्बर 81866 आबकारी उप निरीक्षक

127 / अरविंद कुमार वाणी रोल नम्बर: 19090 अजा आबकारी उप निरीक्षक

128 / विजय कुमार तंबोली रोल नम्बर 21474 अपिव आबकारी उप निरीक्षक

129 / रविकांत जायसवाल रोल नम्बर: 19617 अपिव आबकारी उप निरीक्षक

130 / विद्या कश्यप रोल नम्बर 25596 अपिव आबकारी उप निरीक्षक

131 / गुलापा साहू रोल नम्बर 68906 अपिव आबकारी उप निरीक्षक

132 / ठाकुर राम रात्रे रोल नम्बर 77480 अजा आबकारी उप निरीक्षक

133 / महेन्द्र कुमार कुलदीप रोल नम्बर: 55730 अजा आबकारी उप निरीक्षक

134 / मनोज कुमार लारोकर रोल नम्बर: 41697 अजा आबकारी उप निरीक्षक

135 / सुनील कुमार रोल नम्बर: 20953 अजा आबकारी उप निरीक्षक

136/ दीप महिष रोल नम्बर 21115 अजा आबकारी उप निरीक्षक

137 / निरूपमा लोन्हारे रोल नम्बर: 10109 अजा आबकारी उप निरीक्षक

138/ निधि कुमार कोष्टी रोल नम्बर 71784 अजजा आबकारी उप निरीक्षक

139/ तपन कुमार सोरी रोल नम्बर 25165 अजजा आबकारी उप निरीक्षक

140/ निर्मला ठाकुर रोल नम्बर : 66757 अजजा आबकारी उप निरीक्षक

141/ सारिका बोठे रोल नम्बर 26336 अजजा आबकारी उप निरीक्षक

142 / मदन लाल ठाकुर रोल नम्बर 39151 अजजा आबकारी उप निरीक्षक

143/ विमल तिर्की रोल नम्बर 240803 अजजा आबकारी उप निरीक्षक

144/ शशिकला पैकरा रोल नम्बर: 10709 अजजा आबकारी उप निरीक्षक

145/ चंद्रप्रताप सिंह रोल नम्बर 85943 अजजा आबकारी उप निरीक्षक

146 / शीला बारा रोल नम्बर 70436 अजजा आबकारी उप निरीक्षक

147/ संजय कुमार घुद रोल नम्बर 76909 अजजा आबकारी उप निरीक्षक

(13) भूमिका-

दिनांक 01.12.2006 को प्रार्थीया कु वर्षा डोंगरे पिता सुखी राम डोगरे निवासी सिविल लाइन कवर्धा ने ब्यूरो कार्यालय में आकर पुलिस अधीक्षक एंटी करप्शन ब्यूरो के समक्ष निम्न जाशय का शिकायत प्रस्तुत किया कि यह छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग की राज्य सेवा परीक्षा 2003 में अनुसूचित जाति (महिला वर्ग) की अभ्यर्थी के रूप में सम्मिलित हुई थी। इस परीक्षा में उसका रोल नं. 53443 है। उसने कुल अंक 1290.41 प्राप्त किये थे, फिर भी लोक सेवा आयोग द्वारा उसका चयन किसी भी पद नहीं किया गया। प्रार्थीया ने छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग से सूचना के अधिकार के तहत संयुक्त प्राविण्य सूची एवं अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेजों की प्रतिलिपी प्राप्त की थी। प्रार्थीया को लोक सेवा आयोग द्वारा सूचना के अधिकार के तहत जो प्राविण्य सूची प्रदाय की गयी थी उस सूची में उसका नाम व रोल नंबर सरल क्रमांक 183 पर था। सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त जानकारी का अवलोकन करने पर पाया कि उससे कम अंक प्राप्त करने वाले अभ्यर्थीयों का चयन लोक सेवा आयोग द्वारा निम्न तालिका अनुसार किया था।

क्रमांक प्राविण्य सूची में सरल क्रमांक रोल नं. अभ्यर्थी का नाम कुल प्राप्तांक पद जिस पर चयनित किया गया

1 183 53443 कु. वर्षा डोगरे (प्रार्थीया) 1290.41 अचयनित

2 208 55730 महेंद्र कुमार कुलदीप 1277.35 आबकारी उप निरीक्षक

3 209 41697 मनोज कुमार लारोकर 1276.88 आकबारी उप नरिीक्षक

4 213 27187 उषा किरण बरई 1274.51 सहायक जन सम्पर्क अधिकारी

5 216 41275 सारिका रामटेके 1273.23 नायब तहसीलदार

6 236 20953 सुनील कुमार 1268.03 आबकारी उप निरीक्षक

7 253 66577 मनीषा उहरिया 1256.07 नायब तहसीलदार

कु. वर्षा डोंगरे की उपरोक्त शिकायत के आधार पर ब्यूरो में सत्यापन जांच क. 60/2006 दिनांक 01.02.2006 पंजीबद्ध कर जाच की गयी। शिकायत के सत्यापन पर यह पाया गया कि छ.ग. लोक सेवा आयोग ने प्रार्थया कु वर्षा डोंगरे ने अग्र मान्यता पत्रक के दसवें कम पर आबकारी उप निरीक्षक के पद के चयन के लिए सहमति दी थी जिसे लोक सेवा आयोग द्वारा जालसाजी पूर्वक छल करके बाद में काट दिया और उसे चयन से वंचित किया । अग्र मान्यता पत्रक के कॉलम न 3 कार्यालीन उपयोग के लिए कॉलन में लोक सेवा आयोग कार्यालय द्वारा सभी पदो (1 से 10 तक) की पदो का अंग्रेजी में सक्षिप्त नाम की कोडिंग गयी है जिसमें आबकारी उप निरीक्षक की कोडिंग AEXI है। जिसे आयोग ने जालसाजी पूर्वक काट दिया। यदि प्रार्थीया द्वारा आबकारी उप निरीक्षक के पद क. 10 को भरकर काटा जाता तो लोक सेवा आयोग कार्यालय द्वारा इस पद की कोडिंग नहीं की जाती। क्योंकि आयोग उन्हीं पदों के कोडिंग करता जिनके लिए प्रार्थी आवेदन करता है। प्रार्थीया के आवेदन के अग्र मान्यता पत्रक में आबकारी उप निरीक्षक पद के आगे कोडिंग किया जाना प्रथम दृष्टया इस बात का प्रमाण है कि प्रार्थीया ने इस पद हेतु अपनी सहमति दिया है। अतः स्पष्ट है कि पद कम 10 में आबकारी उप निरीक्षक पद को आयोग द्वारा कोडिंग करने के बाद काटा है।

आवेदिका कु वर्षा डोंगरे का नाम आयोग की संयुक्त प्राविण्य सूची कम में ऊपर होते हुए भी उसका चयन किसी भी पद के लिए नहीं किया गया। जिसके लिए उपरोक्त वर्णित छः अभ्यर्थी चयन किए गये। उपरोक्तानुसार स्पष्ट है कि छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग के लोक सेवकों ने अपने पद का दुरूपयोग करते हुए कम अंक प्राप्त करने वाले अभ्यर्थीयों को चयनित कर उन्हें अनुचित लाभ पहुंचाया और अपराधिक षडयंत्र कर आवेदिका के दस्तावेजों में काट छाट कर कूट रचना की तथा आवेदिका को अनुचित हानि पहुंचायी गयी।

प्रार्थिया कुछ वर्षा डोंगरे ने अपनी शिकायत में यह भी उल्लेख किया है कि छग लोक सेवा आयोग ने स्केलिंग प्राप्तांको में भी गड़बड़ी कर कम अंक दिये। इसी प्रकार चयन सूची में आरक्षण का नियम का पालन न करते हुए अनारक्षित वर्ग के अभ्यर्थियो को आरक्षित पदो पर चयन किया गया तथा कई आरक्षित अभ्यर्थियो को स्थाई जाति प्रमाण पत्र न होने से अनारक्षित वर्ग में दर्शाकर उन्हें चयन से वंचित किया गया।

उपरोक्तानुसार स्पष्ट है कि छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग के लोक सेवकों द्वारा अपने पद का दुरूपयोग कर कम अंक प्राप्त अभ्यर्थीयों को चयनित कर उन्हें अनुचित लाभ पहुंचाया और अपराधिक षडयंत्र कर आवेदिका के दस्तोवजों में काट छांट कर कूट रचना कर आवेदिका को अनुचित हानि पहुंचायी गयी। आरोपीगणों का यह कृत्य धारा 420, 466, 468, 471, 120 (बी) भारतीय दंड विधान एवं धारा 13 (1) डी 13 (2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 का प्रथम दृष्टया पाया जाने से उक्त धाराओं का अपराध पंजीबद्ध किया जाकर विवेचना की गई। विवेचना के दौरान छ.ग. लोक सेवा आयोग से पत्राचार कर राज्य सेवा परीक्षा 2003 से संबंधित दस्तावेज एवं नस्तीयां प्राप्त की गई। प्रार्थिया एवं अन्य के कथन लिये गये।

(14) आरोपः-

आरोपी क. (1) श्री अशोक दरबारी तत्कालीन अध्यक्ष छ.ग. लोक सेवा आयोग रायपुर श्री अशोक दरबारी दिनांक 22.10.2004 से दिनांक 24.10.2008 तक छ.ग. लोक सेवा आयोग में लोक सेवक के रूप में संवैधानिक पद पर पदस्थ रहते हुए आयोग द्वारा आयोजित राज्य सेवा परीक्षा 2003 के चयन प्रक्रिया में कार्यरत विभिन्न शाखाओं के अधिकारियों/कर्मचारी पर नियंत्रण नहीं रखा तथा परीक्षा नियंत्रक द्वारा तैयार की गई अंतिम चयन सूची जिसमें भारी अनिमियततायें, अव्यहारिक स्केलिंग पद्धति का अनुमोदन, आरक्षण के नियमों का उल्लंघन, पात्र अन्यर्थियों का चयन न करते हुये अपात्र अभ्यर्थियों का चयन बिना परीक्षण कराये अनुमोदित किया है।

श्री अशोक दरबारी संविधान एवं आयोग के कार्य मार्गदर्शिका एवं रूल्स ऑफ प्रोसिजर में वर्णित प्रावधानों एवं नियमों के अंतर्गत आयोग द्वारा आयोजित परीक्षा परिणामों के लिए पूर्ण रूपेण उत्तरदायी है।

आरोपी क. (2) श्री बी.पी. कश्यप तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक छ.ग. लोक सेवा आयोग रायपुर श्री बी० पी० कश्यप दिनांक 10.08.2004 से दिनाक 23.01.2006 तक छ.ग. लोक सेवा आयोग में प्रतिनियुक्ति पर परीक्षा नियंत्रक के पद पर लोक सेवक के रूप में, पदस्थ रहते हुए अधीनस्थ समस्त शाखाओं परीक्षा, गोपनीय एवं चयन शाखा पर नियंत्रण, नहीं किया।

आयोग द्वारा आयोजित राज्य सेवा परीक्षा 2003 के लिखित परीक्षा के परिणाम प्राप्ताको का स्केल्ड अक (स्केलिंग पद्धति) में अव्यवहारिक नीति निर्धारण, संयुक्त प्रवीण्य सूची के आधार पर मन माफिक पद आवंटन करना, अंतिम चयन सूची तैयार करने के पूर्व अभ्यर्थी के समस्त आवेदनों दस्तावेजों का सूक्ष्म परीक्षण नहीं करना, अंतिम पद आबटन की सूची तैयार करने के लिए निर्धारित अपूर्ण एवं अस्पष्ट नोटशीट लेखकर अध्यक्ष से अनुमोदन प्राप्त करना लोक सेवा आयोग की कार्य मार्गदर्शिका में दिये गये प्रावधानों के अनुसार जिसके लिए वे पूर्णतः उत्तरदायी है।

आरोपी क (3) श्री लोमेश कुमार मदरिया अनु अधिकारी (चयन शाखा) छ.ग. लोक सेवा आयोग आरोपी श्री लोमेश कुमार मढरिया ने दिनांक 09.04.2003 से छ.ग. लोक सेवा आयोग में पदस्थ रहते हुए अनुभाग अधिकारी (चयन) के दायित्वों एवं कर्तव्यों का निर्वहन कार्य मार्गदर्शिका निर्देशानुसार नहीं किया। राज्य सेवा परीक्षा 2003 के साक्षात्कार संपन्न कराने का कार्य अंतिम चयन सूची तैयार करने का उत्तरदायित्व चयन शाखा का है। अंतिम चयन सूची तैयार करने, पद आवंटन का कार्य करते समय पात्र का चयन करना, आरक्षण के नियमों का पालन करने का उत्तरदायित्व चयन शाखा का है।

प्रार्थीया कु वर्षा डोगरे के अग्रमान्यता पत्रक में भरे गये आबकारी उप निरीक्षक के पद को काट दिया था जिसके कारण उसका चयन किसी भी पद पर नहीं हो सका। सभी अन्यर्थियों के अग्रमान्यता पत्रक को सुरक्षित रखने का दायित्व भी आरोपी का है। कु वर्षा डोगरें के द्वारा मानव अधिकार आयोग एवं मुख्यमंत्री कार्यालय को की गयी शिकायत के परिपेक्ष्य में यह लिखकर "आवेदिका द्वारा आबकारी उप निरीक्षक का भर का काटा गया है।" असत्य जानकारी नोटशीट में अपने टीप के साथ लिखकर सचिव को अवगत कराया।

(14-ए) विवेचना मे पाये गये अन्य आरोपः-

1. राज्य सेवा परीक्षा 2003 की अंतिम चयन सूची में पदो के आवंटन में कम अंक प्राप्त करने वाले अभ्यर्थियो का चयन किया गया है। तथा अधिक अंक प्राप्त अभ्यर्थियो को चयन से वचित किया गया।

2. राज्य सेवा परीक्षा 2003 की मुख्य लिखित परीक्षा के ऐच्छिक विषयो के प्राप्तांको की स्केलिंग कराने के लिए आयोग के परीक्षा नियंत्रक श्री बी० पी० कश्यप द्वारा अव्यवहारिक नीति निर्धारण किया गया। संघ लोक सेवा आयोग एवं अन्य राज्यों के लोक सेवा आयोग द्वारा एक ही विषय के दो प्रश्न पत्रो के प्राप्तांको की स्केलिंग कराई जाती है जबकि राज्य सेवा परीक्षा 2003 की मुख्य परीक्षा के एक ही विषय के दो विकल्प के आधार पर चार प्रश्न पत्रो के प्राप्ताको की स्केलिंग की गई है जो गलत एवं अव्यवहारिक है। (स्केलिंग पद्धति)

3. राज्य सेवा परीक्षा 2003 के घयन सूची तैयार करते समय अभ्यर्थियों के प्राप्ताको एवं आरक्षण के नियम के अनुसार पद आवंटन की कार्यवाही परीक्षा नियंत्रक श्री बी० पी० कश्यप चयन शाखा के अनुभाग अधिकारी श्री लोमेश कुमार मदरिया द्वारा मनमर्जी से की गई जिससे अनारक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों का चयन आरक्षित पद के विरूद्ध किया गया तथा आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को चयन से बचित किया गया। उक्त त्रुटिपूर्ण चयन सूची का अनुमोदन बिना परीक्षण कराये आयोग के अध्यक्ष श्री अशोक दरबारी द्वारा किया गया।

4. राज्य सेवा परीक्षा 2003 में पद आबटन पश्चात् अंतिम चयन सूची के अनुमोदन प्राप्त करने के पूर्व परीक्षा नियंत्रक श्री बी.पी. कश्यप द्वारा अस्पष्ट अपूर्ण नोटशीट लिखी गई। नियमत नोटशीट में चयनीत अभ्यर्थियो के रोल न०, नाम चयनित पद, आरक्षण की स्थिति, प्रतीक्षा सूची आदि का विवरण स्पष्ट होना चाहिए था। परंतु परीक्षा नियंत्रक श्री बी० पी० कश्यप द्वारा अपूर्ण एवं अस्पष्ट नोटशीट लिखकर अध्यक्ष से अनुमोदन प्राप्त किया। इस पर अध्यक्ष श्री दरबारी द्वारा कोई आपत्ति नहीं की गई और न ही परीक्षण कराया। नियमत इस सूची को तैयार करने का दायित्व चयन शाखा के अनुभाग अधिकारी श्री लोमेश कुमार मदरिया का है।

5. प्रार्थिया कुछ वर्षा डोंगरे के द्वारा राज्य मानव अधिकार आयोग एवं मुख्यमंत्री कार्यालय को अपने अधिक अंक प्राप्त होने के बावजूद किसी भी पद पर चयन न होने तथा उससे कम अंक प्राप्त अभ्यर्थियों का चयन होने तथा उसके अग्र मान्यता पत्रक में भरे गये आबकारी उपनिरीक्षक के पद को काटकर उसे चयन से वंचित करने की शिकायत करने पर आयोग द्वारा, शासन को असत्य जानकारी प्रेषित की गई कि आवेदिका कु० वर्षा डोंगरे ने अपने अग्रमान्यता पत्रक में दसवें कम पर आबकारी उपनिरीक्षक के पद को भर कर काट दिया। यह कांटछांट का कार्य आयोग स्तर ही हुआ है।

छ०ग० लोक सेवा आयोग का गठन-

छत्तीसगढ़ राज्य का निर्माण मध्यप्रदेश से विभाजित होकर 1 नवम्बर 2000 को हुआ है। राज्य में एक सुदृढ़ कियाशील और निष्पक्ष प्रशासनिक व्यवस्था स्थापित करने के उद्देश्य से भारत के संविधान के अनुच्छेद- 315, 316, 317, 318, 320, 321, 322 एवं 323 के अंतर्गत छ.ग. लोक सेवा आयोग का गठन किया गया है। संविधान के उपरोक्त अनुच्छेद में आयोग के गठन, संचालन, अध्यक्ष, सचिव, तथा अन्य प्रशासनिक पदों पर अधिकारियों एवं कर्मचारियों की प्रति नियुक्ति, उनके कर्तव्यो दायित्वों एवं अधिकारों के प्रावधान दिये गये है।

आयोग में मनोनीत अध्यक्ष सदस्य एवं पदस्य अधिकारियों/कर्मचारियों के कर्तों एवं उत्तरदायित्वों के निर्वाहन हेतु संविधान एवं कार्यमार्गदर्शिका में सघनकारी प्रावधान दिये है।

आयोग के गठन का उद्देश्य-

आयोग राज्य सरकार के आधीन संविधान के अनुच्छेद 320 में उल्लेखित कर्तव्यों सीधी भर्ती एवं प्रतियोगी परीक्षा के माध्यम से भर्ती साक्षात्कार से भर्ती के नियमों से संबंधित प्रकरणों तथा नियुक्तियों में अपनाये जाने वाले सिद्धातों. एक पद से दूसरे पद होने वाली पदोन्नति और सिविल सेवाओं से संबंधित शासकीय नामलों में शासन को सलाह देना है।

म.प्र. लोक सेवा आयोग की कार्य मार्गदर्शिका का अनुसरण-

छत्तीसगढ़ राज्य का गठन नया-नया था इसलिए लोक सेवा आयोग के सूचास संचालन हेतु किसी प्रकार की कार्य-मार्गदर्शिका नहीं थी अतः आयोग द्वारा पूर्ववर्ती राज्य मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग की कार्य-मार्गदर्शिका का अनुसरण यथावत किया गया है। कार्य-मार्गदर्शिका के अनुसार आयोग के गठन के पश्चात आयोग के विभिन्न प्रशासनिक शाखाओं की स्थापना की गयी। इन शाखाओं के संचालन हेतु विभिन्न पदों पर योग्य एवं सक्षम पदाधिकारियों को पदस्थ किया गया।

छ.ग. लोक सेवा आयोग के गठन का अनुमोदन

छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग के गठन को महामहिम राज्यपाल के द्वारा अनुमोदित कर राजपत्र में प्रकाशित किया गया है। छ.ग. लोक सेवा आयोग की प्रशासनिक व्यवस्था एवं कार्य संचालन के अंतर्गत आयोग ने निम्न पदों का गठन किया गया।

(1) अध्यक्ष- संविधान के अनुच्छेद 320 के अंतर्गत संवैधानिक प्रमुख अध्यक्ष है इस पद पर तत्कालीन श्री अशोक दरबारी को नियुक्त किया गया था।

(2) सचिव आयोग का प्रशासनिक प्रमुख है जो नीति एवं प्रशासन संबंधी मामलों में अध्यक्ष के प्रधान सलाहकार है उसका दायित्वपूर्ण एवं अविभाजित है।

(3) परीक्षा नियंत्रक- परीक्षा अनुभागों के कार्यों के संचालन के लिए परीक्षा नियंत्रक सीधे उत्तरदायी हैं। परीक्षा शाखा की गोपनीयता बनाये रखते हुए समस्त कामकाज, समय पर वह ठीक ढंग से पूर्ण करने तथा परीक्षा के विभिन्न अनुभागों में उचित समन्वय हेतु वे जिम्मेदार है। नीतिगत मामलों मे वे सचिव से मार्गदर्शन प्राप्त करते है तथा महत्वपूर्ण मामलों को आयोग के समक्ष प्रस्तुत कर निराकरण कराते है।

(4) उप परीक्षा नियंत्रक उप परीक्षा नियंत्रक सीधे परीक्षा नियंत्रक के आधीन कार्य करते हैं। तथा परीक्षा शाखा के सामान्य कामकाज को सुचारू रूप से सम्पादित कराने में परीक्षा नियंत्रक के सहायक है ये परीक्षा शाखा के सामान्य कार्य के निष्पादन हेतु उत्तरदायी है। (3) अवर सचिव अवर सचिव आयोग में एक या एक से अधिक अनुभागों के प्रभारी होते हैं। ये अनुभाग का कामकाज ठीक ढंग से पलाये जाने उत्तरदायी है।

(6) अनुमान अधिकारी- अनुभाग अधिकारी अपने अनुभाग के कार्य कलापों के लिए सीधे जिम्मेदार रहते है। वे सीधे उस अधिकारी के प्रति उत्तरदायी है जिनके मार्फत कार्य संपादित कर रहे है।

(7) निज / निज सहायक / स्टेनोग्राफर- कार्यमार्गदर्शिका में वर्णित कार्यों का निष्पादन करेगे।

(8) ग्रंथपाल आयोग कार्यालय के विभिन्न विषयों के पाठ्यकम संबंधित पुस्तकें कय कर साज संमत, वर्गीकरण सूचीकरण इत्यादि है। राजपत्र में प्रकाशित होने वाले जानकारी नियमों में संशोधन आदि के संबंध में अधिकारियों का ध्यान आकर्षित करते है तथा आयोग को अलोकनार्थ प्रस्तुत करते है।

(9) सहायक- सहायक अनुभाग अधिकारी के आदेशों को आधिन उनकी देखरेख में कार्य करते है। उन्हें जो कार्य सौंपा जाता है उसके निष्पादन के लिए उत्तरदायी है।

आयोग में निम्न शाखाओं का गठन किया जाता है।

(1) स्थापना शाखा

(2) सामान्य शाखा

(3) परीक्षा शाखा

(4) चयन शाखा

15- जॉच का परिणाम-

कु. वर्षा डोगरे पिता श्री सुखीराम डोंगरे निवासी कर्वधा ने दिनांक 01.12.2006 को ब्यूरो कार्यालय में आकार एक लिखित शिकायत पत्र पुलिस अधीक्षक महोदय एन्टी करप्शन ब्यूरो. रायपुर के समक्ष निम्न आशय का प्रस्तुत किया कि छ.ग. लोक सेवा आयोग द्वारा राज्य सेवा परीक्षा 2003 में अनुसूचित जाति (महिला) वर्ग में उसका रोल नं. 53443 एवं कुल प्राप्तांक 1290. 45 है। उसके अधिक अंक प्राप्त होने के बावजूद उसका चयन किसी भी पद पर नहीं किया गया

चयनित अभ्यर्थि का नाम रोल नंबर वर्ग कुल प्राप्तांक चयनित पदनाम

उषा किरण बरई 27167 अजजा 274.51 सहा. सांच. जनसंपर्क अधिकारी

सारिका राम टेके 4125 अजजा 1273.23 नायब तहसीलदार

मनोज कुमार लारोकर 41657 अजजा 1278.88 आबकारी उप निरीक्षक

आवेदिका कु वर्षा डोगरे ने सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के तहत 22 दिसंबर 2005 को को आयोग से जानकारी प्राप्त की तो आयोग ने 5 अप्रैल 2006 को आवेदिका को सूचित किया कि उसके अग्रमान्यता पत्रक में 10वें कम पर भरी हुई आबकारी उप निरीक्षक को प्रवृष्टि को काट दिया है जिसके कारण चयन नहीं किया गया। जबकि प्रार्थिया ने अपने अग्र मान्यता पत्रक में 10वें क्रम पर भरी हुई "आबकारी उप निरीक्षक पद को भरकर नहीं काटा है। सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त मेरी वरियता सूची से स्पष्ट है क्योंकि यदि मैंने आबकारी उप निरीक्षक के पद की वरियता कम को काटा होता तो आयोग द्वारा कार्यालयीन प्रयोग में लायी गई कॉलम को आयोग स्वयं निरस्त कर देता जो कि आयोग ने नहीं किया है एवं मेरी अग्र मान्यता पत्रक में आबकारी उप निरीक्षक के सम्मुख के कॉलम में आयोग ने स्वयं प्रविष्टी की है इस प्रकार आयोग का कथन स्वमेव संदिग्ध एवं असत्य है। साथ ही मैंने राज्य सूचना आयोग में अपनी पेशी दिनांक 13 जून 2005 के दरम्यान आयोग से अपनी मूल अग्र मान्यता पत्रक का प्रत्यक्ष निरीक्षण किया तो मैंने पाया कि मैंने अपनी प्रविष्टि काले पेन से की है जबकि कांटछाँट नीली स्याही से हुई है। जिसे आयोग ने जानबूझ कर मुझे पद से वंचित करने हेतु काटा है। इसी प्रकार प्रार्थीया द्वारा 6वें एवं 8वें क्रम में सहायक संचालनक संचालक जनसंपर्क अधिकारी एवं नायब तहसीलदार की प्रविष्टी की है फिर भी उसका चयन नहीं किया गया। जबकि उससे कम अंक प्राप्त करने वाले अन्य अन्यर्थियों का उन पदो पर चयन किया गया।

अग्र मान्यता पत्रक में जहां-जहां पर कॉटछाँट की है वहां पर प्रार्थीया ने लघु हस्ताक्षर किये है जबकि आबकारी उप निरीक्षक के पद के कॉलम में हुई कॉटछाँट पर उसके हस्ताक्षर नहीं है।

इसी प्रकार आयोग द्वारा प्रदत्त स्केलिंग सूत्र में विषयों के प्राप्तांकों को रखने पर भी स्केलिंग में अंक कम दिये गये है।

आवेदिका का नाम चयन सूची में पुलिस उपअधीक्षक की प्रतिक्षा सूची में द्वितीय स्थान पर है फिर भी उसका किसी भी पद पर नहीं किया गया।

प्रार्थीया उक्त शिकायत के सत्यानोपरांत अप. के. 54 / 2005 धारा 420, 467, 468,120बी पीसी एक्ट 13 (1) डी 13 (2) पीसी एक्ट का कायम कर विवेचना में लिया गया। मूल प्रथम सूचना पत्र नस्ती क्रमांक एफ-1 अभिलेख पताक डी-1 पृष्ठ 1 से 8 तक है।

बिना नंबरी प्रथम सूचना पत्रक डी-2 से 37 पृष्ठ 9 से 13 तक है। प्रार्थीया की लिखित शिकायतमय सहपत्र अभिलेख पताका डी-3) पृष्ठ 14 तक है। प्रार्थया को उक्त शिकायत को संभागीय सत्यापन जाँच क्रमांक 60/2006 विरुद्ध छग लोक सेवा आयोग के लोक सेवकगण पंजीबद्ध किया जाकर आदेशानुसार जाँच की गई। जॉय के दौरान सचिव छ.ग. लोक सेवा आयोग रायपुर को तथ्यात्मक जानकारी देने बावत् पत्र क्रमांक पुअ / एसीबी / एस. के. एस. / 4399/2006 दिनांक 04.12.2006 जारी किया गया। जो नस्ती एफ-2 अभिलेख पताका डी-4 पृष्ठ 38 से 39 तक है।

सचिव छ.ग. लोक सेवा आयोग रायपुर ने अपने पत्र कमांक 1851/ चयन / शिकायत दिनांक 12.12.2006 के द्वारा ब्यूरों को अवगत कराया कि लोक सेवा आयोग एक संवैधानिक संस्था है। जिसकी जाँच शासन से विधिवत अनुमति प्राप्त करने पर ही की जा सकती है साथ ही यह भी उल्लेख किया की कु वर्षा डोगरे द्वारा माननीय उच्च न्यायालय छत्तीसगढ़ बिलासपुर में रिट याचिका कमांक 4028 / 06 प्रस्तुत की है इससे मामला सब ज्यूडिश है। आयोग का उक्त पत्र नस्ती कमांक एफ-2 अभिलेख पताका डी-5 पृष्ठ 40 से 42 तक है।

छ.ग. लोक -सेवा आयोग द्वारा ब्यूरो के पत्र पुज/एसीबी / एनकेएस / 4399/2006 दिनांक 04.12.2006 के विरुद्ध माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर में रिट पिटिशन के 7200/2006 दायर किया। रिट पिटिशन की प्रमाणित प्रति प्राप्त किया जो अभिलेख पताका डी-6 पृष्ठ 43 से 79 तक है। उक्त चाचिका की सुनवायी करते हुए माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर ने आदेश निर्णय दिनांक 24.01.2007 में स्वतः निर्देश जारी किया याचिका कर्ता के प्रति "no Coercive step shall by taken" इस में माननीय न्यायालय ने ब्यूरो की जांच / अनुसंधान संबंधी कार्यवाही को किसी प्रकार की रोक (stay) की व्यवस्था नहीं दी। माननीय उच्च न्यायाल का निर्णय दिनांक 24.01.2007 की प्रमाणित प्रतिलिपि नस्ती क्रमांक एफ-2 अभिलेख पताका डी-7 पृष्ठ 80, से 81 तक है। आवेदिका कु. वर्षा डोगरे की प्रस्तुत शिकायत पत्र एवं सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के तहत आयोग से प्राप्त दस्तावेजों की जानकारी के अवलोकन से प्रथम दृष्टया पाया गया कि छ.ग. लोक सेवा आयोग के लोक सेवकगणों द्वारा प्रार्थीया कु वर्षा डोगरे रोल नं. 53443 प्राप्तांक 1290.41 होने के बावजूद उसे चयन से बंचित रखा गया और सूचना के अधिकार से प्राप्त मान्यता पत्रक की छायाप्रति के अवलोकन से स्पष्ट है कि 10 से कम पर भरे गये आबकारी उप निरीक्षक के पद को आयोग द्वारा अपराधिक षडयंत्र कर उसके दस्तावेजों में कॉटछॉट कर कूट रचना की गयी तथा उससे कम प्राप्तांक पाने वाले अभ्यर्थियों को विभिन्न पदो पर चयनित कर अवेदिका को अवैध रूप से अनुचित हानि पहुँचायी गयी है। आयोग के लोक सेवकगणों का यह कृत्य धारा 420, 466, 568, 471, 120बी भा.द.वि. एवं धारा 13. (1) डी, 13 (2) पी.सी. एक्ट 1988 का अपराध पाया जाने से जाँच प्रतिवेदन ब्यूरो को प्रस्तुत किया गया जो अभिलेख पताका डी- पृष्ठ 82 से 84 तक है।

दिनांक 15.12.2006 को जाँच प्रतिवदेन तैयार कर ब्यूरो में प्रस्तुत किया गया। ब्यूरो द्वारा छ.ग. लोक सेवा आयोग के सेवकगणों के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध करने का निर्णय लिया गया। पुलिस अधीक्षक महोदय एन्टी करप्शन ब्यूरो, का आदेश के / पुज / एसीबी / रीडर / 1540 / 2006, रायपुर दिनांक 14.12.2006 नस्ती एफ-2 अभिलेख पताका डी-9 से 85 तक है।

अपराध पंजीबद्ध करने के पश्चात सचिव छ.ग. लोक सेवा आयोग रायपुर को पत्र कमांक पुज / एसीबी / एस. के. एस / 4844/2006 दिनांक 21.12.2006 लेखकर आयोग द्वारा राज्य सेवा परीक्षा 2003 के संबंध में आवश्यक बिंदुवार जानकारी चाही गयी ।

उक्त पत्र के परिपालन में लोक सेवा आयोग द्वारा पत्र कमांक 1911/ लो.से.आ. / परीक्षा / 2006 रायपुर दिनांक 26.12.2006 प्रेषित कर वांछित बिंदु के 1 से 16 तक नय संलग्न पत्रों जानकारी प्रस्तुत की। जो नस्ती कं. एफ-3 पताका डी-10 पृष्ठ प्रस्तुत जानकारी में बिंदुवार जानकारी प्रस्‍तुत की। जो नस्‍ती क्रं एफ-3 पताका डी-10 पृष्‍ठ 86 से 87 प्रस्‍तुत जानकारी में बिंदुवार जानकारी निम्‍न प्रकार है।

राज्य सेवा परीक्षा 2003 का विज्ञापन प्रकाशन-

बिन्दु कमांक-1. छ.ग. लोक सेवा आयोग द्वारा राज्य सेवा परीक्षा 2003 के विभिन्न रिक्त पदों के विरुद्ध प्रतियोगी परीक्षा आयोजित करने संबंधी विज्ञापन कमांक 04/2003/परीक्षा/ 04.07.2003 स्थानीय पत्र रोजगार और नियोजन में दिनांक 09.07.2003 को में प्रकाशित किया था। समाचार की प्रतिलिपि नस्ती क्रमांक एफ-3 पताका-डी 11 पृष्ठ प्रारंभिक परीक्षा की तिथि 02 नवंबर 2003 नियत थी। 85 से 119 तक के अनुसार प्रारंभिक परीक्षा की तिथि 02 नवंबर 2003 नियत थी।

बिंदु क्र. अंतिम चयन सूची

छग लोक सेवा आयोग द्वारा राज्य सेवा परीक्षा 2003 के प्रारंभिक, मुख्य परीक्षा व साक्षात्कार के उपरात 147 पदों के लिये चयन सूची क्रमांक 210 दिनांक 2408 2005 को अनुशंसा सहित राज्य शासन को भेजी गयी। जिसमें अनु जाति 25 अनुपूरक सूची में 19 अभ्यर्थी हो जो अभिलेख पताका डी-13 पृष्ठ 121 से 136 तक है। इस सूची में कु वर्षा डोंगरे का नाम डीएसपी की अनुपूरक सूची में दर्ज है।

छ.ग. लोक सेवा आयोग ने आवेदिका कु वर्षा डोगरे द्वारा भरे गये आवेदन पत्र एवं सह पत्रों की प्रमाणित छायाप्रति सलग्न की है। कु वर्षा डोगरे के आवेदन पत्र एवं सहपत्रों की प्रमाणित प्रतिलिपी जो अभिलेख पताका डी-14 पृष्ठ 137 से 151 तक है। आवेदिका के आवेदन पत्र में सलग्न अग्र मान्यता पत्रक में 10वें कम पर भरे गये आबकारी उप निरीक्षक के पद को भरकर कांटा गया है परंतु इस पद की कोडिंग अंग्रजी के संक्षिप्त नाम AEXI से की गयी है।

स्केलिंग पद्धति का अनुसरण

बिन्दु कमांक-4

छ.ग. लोक सेवा आयोग के द्वारा पूर्व में जारी विज्ञापन कमांक 04/2003 दिनांक 04.07-2003 में स्केलिंग पद्धति लागू करने के बारे में सूचित नहीं किया गया था इसलिये छ.ग. लो.से आयोग ने मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा लागू पद्धति स्केलिंग का अनुसरण करने संबंधी निर्णय दिनांक 16.01.2004 को लिया जिसे विशेष सूचना कमांक 2175/12/2003 / परीक्षा दिनांक 09.02.2004 के माध्यम से स्केलिंग हेतु जिस सूत्र का उपयोग किया गया है उस सूत्र के संबंध में विज्ञापन जारी किया गया था जो नस्ती कमांक एफ- 3 अभिलेख पताका डी- 15.पृष्ठ 152 से 152 तक है।

डॉ. बी.पी. कश्यप तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक का कार्य आवंटन-

बिन्दु कमांक- 5 अभ्यर्थियो द्वारा भरे गये मान्यता पत्रक विषयो की कोडिंग परीक्षा नियंत्रक श्री बी० पी० कश्यप के निदेशानुसार की गई हैं। एजेन्सी के कार्यों का पर्यवेक्षण का दायित्व परीक्षा नियंत्रक श्री बी पी कश्यप का था।

बिन्दु क्रमांक 6 राज्य सेवा परीक्षा 2003 हेतु साक्षात्कार दिनांक 16.05.2005 से 17.06.2005 के मध्य किया गया साक्षात्कार बोर्ड में श्री अशोक दरबारी अध्यक्ष रहें हैं। बिन्दु क्रमांक- 7 राज्य सेवा परीक्षा 2003 का परीक्षा फल तैयार करने हेतु कमेटी का गठन का कार्य परीक्षा नियंत्रक श्री बी पी कश्यप का है।

बिन्दु क्रमांक 8 स्केलिंग एवं चयन के समय में माननीय उच्च न्यायालय में रिट याचिका कमांक 3028/05 चमन लाल सिन्हा विरूद्ध छ० ग० शासन एवं अन्य प्रकरण के 4852/06 संतोष कुजान विरुद्ध छ० ग० शासन एवं अन्य प्रकरण का 4026 / 08 कुछ वर्षा डोंगरे लबित हैं।

बिन्दु क्रमांक-9 राज्य सेवा परीक्षा 2003 की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन आयोग कार्यालय में विषय विशेषज्ञों से कराया गया था।

बिन्दु क्रमांक-10 राज्य सेवा परीक्षा 2003 को अंतिम चयन सूची तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक श्री बी पी कश्यप के माध्यम से अनुमोदनाथ प्रस्तुत की गई थी जिसका अनुमोदन तत्कालीन अध्यक्ष श्री अशोक दरबारी द्वारा किया गया था।

बिन्दु क्रमांक- 11 राज्य सेवा परीक्षा 2003 की साक्षात्कार के उपरान्त वर्गवार प्रावीण्य सूची उपलब्ध नहीं कराई जा रही है।

बिन्दु कमांक 12 राज्य सेवा परीक्षा 2003 में साक्षात्कार हेतु लिये गए सभी परीक्षार्थियों के वर्गवार प्राप्तांको की जानकारी सीडी में हैं।

बिन्दु कमांक-13 राज्य सेवा परीक्षा 2003 के अंतिम प्रावीण्य सूची के उपरान्त चयन / आबटन सबंधी नस्ती तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक श्री बी पी कश्यप के द्वारा तैयार की गई तथा तत्कालीन अध्यक्ष श्री अशोक दरबारी द्वारा अनुमोदित किया गया।

बिन्दु क्रमांक 14 राज्य सेवा परीक्षा 2003 में आयोग के माध्यम से सीधी भर्ती के विभिन्न रिक्त पदो की पूर्ति के संबंध में मध्य प्रदेश लोक सेवा (अनुसूचित जातियो, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण) अधीनियम 1994 एवं मध्य प्रदेश सिविल सेवा (महिलाओ की नियुक्ति हेतु विशेष उपबंध) नियम 1997 की छाया प्रति अभिलेख पताका डी 17 पृष्ठ 155 से 162- तक है।

बिन्दु क्रमांक-15 परीक्षा अनुभागों के कार्य के संचालन के लिए परीक्षा नियंत्रक सीधे उत्तरदायी है। परीक्षा शाखा की गोपनीयता बनाए रखते हुए समस्त कामकाज समय पर ठीक ढंग से पूर्ण तथा परीक्षा के विभिन्न अनुभागों में उचित समन्वय हेतु ये जिम्मेदार है। परीक्षा नियंत्रक श्री बी पी कश्यप के कार्य आवंटन के संबंध में कार्यालयीन आदेश दिनांक 12.08.2004 की प्रति सलग्न है।

माननीय सदस्यों के कार्य विभाजन आदेश क0 1622/137/2002 / स्था दिनांक 26.10.2004 की छाया प्रति संलग्न है।

विवेचन राज्य सेवा परीक्षा 2003 में छ.ग. लोक सेवा आयोग परीक्षा नियंत्रक श्री बी.पी. कश्यप के कार्य आवंटन आदेश क्रमांक-137/2002 / स्था रायपुर दिनांक 12.08.2004 की प्रमाणित प्रति संलग्न है। इस कार्य आबंटन आदेश के अनुसार परीक्षा विभाग आयोग की परीक्षाओं साक्षात्कारों तथा चयन से संबंधित समस्त कार्य श्री बीपी कश्यप द्वारा नस्तिया माननीय अध्यक्ष महादेय को सीधे प्रस्तुत की जायेगी। इस प्रकार परीक्षा से संबंधित समस्त कार्य एवं मस्तिया परीक्षा नियंत्रक श्री बी.पी. कश्यप एवं अध्यक्ष श्री अशोक दरबारी के मध्य संपादित की गयी है बीच के अन्य कड़ियों को जानबूझकर छोड़ा गया है। जो नस्ती क० एफ-3 अभिलेख पताका डी- 153 से 154 16 पृष्ठ तक है। अपेक्षा अधिविषय 1994 थी अदी। अनिल D-17 यूष्ट 165 से 162 तक बिन्दु कमांक- 15 राज्य सेवा परीक्षा 2003 में छ.ग. लोक सेवा आयोग द्वारा आयोग की समस्त कार्यवाहियों एवं भर्ती के लिये प्रतियोगी परीक्षा आदि संपन्न कराने हेतु एक रूल्स ऑफ प्रोसिजर तैयार किया है इस रुल्त ऑफ प्रोसिजर की कण्डिका RECRUITMENT RULES,ADVERTISEMENT INTERVIEW AND DECLARTION OF FINAL RESULT बिन्दु क011 में APPROVAL OF FINAL RESULT CHAIRMAN OR THE COMMISSION AS MAY BE DECIDEE BY THE CHAIRMAN स्पष्ट उल्लेख किया गया है। किसी भी प्रतियोगी परीक्षा के अंतिम परिणाम का अनुमोदन अध्यक्ष द्वारा किया जायेगा। इस प्रकार परीक्षा 2003 के अंतिम चयन की घोषणा के लिये परीक्षा नियंत्रक के साथ-साथ अध्यक्ष भी पूर्ण रूपेण उत्तरदायी है। जो नस्ती क० एफ-3 अभिलेख पताका डी- 18 पृष्ठ 183 से 178 तक है।

नस्ती क० एफ- 4

विवेचना के दौरान सचिव छ० ग० लोक सेवा आयोग को राज्य सेवा परीक्षा 2003 के संबंध में जानकारी प्राप्त करने हेतु पत्र क० पुअ / एसीबी / एसकेएस /21/2007 दिनांक 04. 01.2007 जारी किया गया। जो कार्यालय प्रति नस्ती क० एफ-4 पताका डी -1 पृष्ठ 1 से 3 तक है।

छ० ग० लोक सेवा आयोग द्वारा उपरोक्त पत्र के परिपेक्ष्य में बिन्दुवार जानकारी पत्र क० 1953 / 191/लो से आ./परीक्षा/ 06 दिनांक 08.01.2007 की प्रेषित की जो नस्ती क० एफ-4 पताका डी -2 पृष्ठ 4 से 6 तक है।

बिन्दु क01 छ० ग० लोक सेवा आयोग द्वारा राज्य सेवा परीक्षा 2003 के विभिन्न विभागों की माग पत्रों के अनुसार कुल 177 रिक्त पदो के लिए प्रतियोगी परीक्षा संपन्न कराने हेतु विज्ञापन प्रकाशन रोजगार एवं नियोजन समाचार पत्र में भेजा था। उसके पत्राचार एवं विज्ञापन की कार्यालयीन छायाप्रति नस्ती क० एफ-4 पताका डी 3 पृष्ठ 7 से 49 तक है।

बिन्दु क02. छग लोक सेवा आयोग द्वारा राज्य सेवा परीक्षा 2003 में 177 रिक्त पदों की परीक्षा हेतु विज्ञापित किया गया था। जिसे बाद में महिला एवं बाल विकास विभाग के परियोजना अधिकारी के 30 पदो को विलोपित किया गया। विलोपित पदो का शुद्धि पत्र 0/04/01/2003/ परीक्षा दिनांक 12.03.2004 द्वारा प्रकाशन किया गया इस प्रकार आयोग द्वारा कुल 147 रिक्त पदों के लिए चयन की कार्यवाही की गई। जो मस्ती क० एफ-4 पताका डी. - पृष्ठ 50 से 99 तक है

बिन्दु क० 3 छग लोक सेवा आयोग द्वारा राज्य सेवा परीक्षा 2003 में मुख्य परीक्षा एवं साक्षातकार उपरान्त विभिन्न पदो पर चयनित मुख्य सूची एवं अनुपूरक सूची के सभी आवेदकों के मूल आवेदन पत्र सहपत्र सहित प्राप्त जिसमें प्रार्थिया हु वर्षा डोंगरे का भी आवेदन पत्र है। जिन पर पेन्सिल से अंग्रेजी में डीएसपी लिखा है। जो नस्ती का एफ-4 पताका डी 5 पृष्ठ 100 से 623 तक है।

बिन्दु क0 4 छ०ग० लोक सेवा आयोग द्वारा राज्य सेवा परीक्षा 2003 में स्केलिंग सूत्र प्रयुक्त किये जाने के संबध में मूल नस्ती पृष्ठ 1 से 9 तक एवं पत्र व्यवहार पृष्ठ 1 से 60 तक है जो नस्ती क० एफ-4 पताका डी. 16 पृष्ठ 624 से 672 तक है।

बिन्दु क05 छ० ग० लोक सेवा आयोग द्वारा राज्य सेवा परीक्षा 2003 में आयोग द्वारा अहं आवेदको को साक्षात्कार पत्र के साथ सलग्न जानकारी पत्रक, अनुप्रमाणक फार्म, व्यक्तिगत विवरण एवं अय मान्यता पत्रक भेजे गए थे। चयन सूची तैयार करते समय परीक्षा नियंत्रक के निर्देशानुसार अग्रमान्यता पत्रक में आवेदको द्वारा भरे गए पदों का अंग्रेजी में संक्षिप्त नाम से कोडिंग किया गया जिसका सत्यापन परीक्षा नियंत्रक द्वारा किया गया।

बिन्दु क० 6 छ० ग० लोक सेवा आयोग द्वारा राज्य सेवा परीक्षा 2003 में आयोजित साक्षात्कार हेतु आमन्त्रित आवेदकों की दिनांक 16.05 2005 से 17.06.2005 तक की मूल सूची सलग्न है। साक्षात्कार बोर्ड में अध्यक्ष द्वारा सदस्यों को आमंत्रित किया गया। ( फाईल नं0 7) साक्षात्कार बोर्ड द्वारा आवेदको को दिये गए अक टेबुलेशन दिनाक 16.05.2005 से 17.06 2005 तक पृष्ठ 1 से 97 तक मूल प्रतियो में है। साक्षात्कार बोर्ड के सदस्यों की सूची पृष्ठ 1 से 24 तक है। जो नस्ती क० एफ-4 पताका डी -7 पृष्ठ 1 से 97 तक पताका डी 7 अ- पृष्ठ 1 से 120 तक है। एवं पताका डी -7 बी प्रष्ट 1 से 24 तक ।

चयन सूची संबंधी नोटशीट (बिंदु कमांक 6 चयन सूची नोटशीट)

बिन्दु क06 (7) विवेचना के दौरान छ.ग. लोक सेवा आयोग द्वारा अपने पत्र कमाक 1953/191/लो.ले.अ./परीक्षा/2006 रायपुर दिनांक 08.01.2007 के द्वारा बिंदु कमांक 6 की जानकारी प्रस्तुत की

छ.ग. लोक सेवा आयोग ने राज्य सेवा परीक्षा 2003 की चयन सूची बनाने का कार्य परीक्षा नियंत्रक श्री बी पी कश्यप ने नोटशीट नस्ती कमाक 5 / चयन/च से मुख्य परीक्षा 2003 लेख किया है जिसमें परीक्षा नियंत्रक श्री बी.पी कश्यप ने निम्नलिखित अभ्यर्थियों के समध ने टीप अंकित कर अध्यक्ष श्री अशोक दरबारी से अनुमोदन प्राप्त किया। (1) अनुकमांक 12478 मुकेश कुमार बजाज को जिला सत्र न्यायालय द्वारा कारावास दंडित करने के कारण निलंबित किया गया है आवेदक ने इस संबंध में अनापत्ति प्रमाण पत्र आयोग को प्रस्तुत नहीं किया अतः अपात्र घोषित किया और चयन सूची में सम्मिलित नहीं किया गया। (2) अनुक्रमांक 22790 नवोदिता पारा अनुसूचित जनजाति द्वारा स्थायी जाति प्रमाण पत्र प्रस्तुत नहीं करने के कारण अनारक्षित वर्ग के अंतर्गत मान्य किये जाने का निर्णय लिया गया। (3) अनुकनांक 23576 हत्तन लाल गोहिया अनुसूचित जाति द्वारा स्थायी जाति प्रमाण नहीं करने के कारण चयन सूची में अनारक्षित वर्ग के अंतर्गत मान्य किया गया।

(4) अनुक्रमांक 38939 कमलेश्वर प्रसाद चंदेल को शिक्षाकर्मी वर्ग-2 अनापत्ति प्रमाण प्रस्तुत नहीं करने के कारण आवदेक को प्रावधिक रूप से चयन सूची में सम्मिलित किया गया है।

(5) अनुक्रमांक 73446 सिराजुदिन कुरैशी के विरुद्ध अजमानती अपराध दर्ज होने के शिकायत पर उसे चयन सूची में प्रावधिक रूप सम्मिलित किया गया।

अंतिम चयन सूची संबंधी मूल नस्ती (फाईल नं0 9)

परीक्षा नियंत्रक श्री बी.पी. कश्यप द्वारा दिनांक 24.07.2005 को "आयोग के विज्ञापन कमांक-04/2003 परीक्षा / 04.07.2003 तथा शुद्धि 12.03.2003 के संदर्भ में आयोजित राज्य सेवा मुख्य परीक्षा 2003 तथा साक्षात्कार दिनांक 16.05.05 से 17.05.2005 तक के परीणाम स्वरूप आवेदकों की गुणानूकम सूची में से आवेदकों से प्राप्त अग्र मान्यता प्रत्रक के आधार पर पदवार चयन सूची बनाया गया है। उक्त चयन सूची का अनुमोदन देना चाहे तत्पश्चात शासन को उक्त पदवार चयन सूची की अनुशंसा एवं चयन परिणाम घोषित किया जाकर समाचार पत्रों में प्रकाशन किये जाने की अनुमति देना चाहे।

परीक्षा नियंत्रक की उक्त नोटबीट पर यक्ष श्री अशोक दरवारी ने अ अनुसार दीप अकित कर अंतिम चयन सूची की पदवार अनुशंसा एवं चयन परिणाम घोषित कर समाचार पत्रों में प्रकाशन हेतु अनुमति की स्वीकृति देकर दिनांक 24.07.2005 को हिन्दी में हस्ताक्षर किये। इसी नस्ती के पृष्ठ क्रमाक 5 पर राज्य सेवा परीक्षा 2003 के चयन सूची दिनांक 24.08.2005 को जारी किया गया जिसमें टकण त्रुटि होने के कारण शुद्धि पत्र कमांक 219 / चयन / 2005 /प.गौ. / दिनांक 27.07.2005 परीक्षा नियंत्रक बी.पी. कश्यप द्वारा अध्यक्ष श्री अशोक दरबारी अनुमोदन प्राप्त कर जारी किया गया जो मस्ती क० एफ-4 पताका डी 8 पृष्ठ 1 से 24 तक विवेचन इस नस्ती के अवलोकन से स्पष्ट है कि परीक्षा नियंत्रक श्री कश्यप पर ने नोटशीट नियमानुसार विधिवत एवं विस्तृत रूप से लेख नहीं किया। कार्य मार्ग दर्शिका के नियमानुसार नोटशीट में सभी चयनित अभ्यर्थियों के पदवार अनुक्रमाक वर्गवार नाम स्पष्ट रूप से उल्लेख किया जाना चाहिए ये साथ ही प्रतिक्षा सूची भी पदवार वर्गवार स्पष्ट उल्लेख किया जाना था जो नहीं किया गया। इस प्रकार बी.पी. कश्यप ने जानबूझ कर सोची समझी योजना के अनुसार इस प्रकार अपूर्ण अस्पष्ट एवं नियम विरुद्ध नोटशीट लिखकर अध्यक्ष श्री अशोक दरबारी से अनुमोदन प्राप्त किया।

श्री अशोक दरबारी अध्यक्ष का इस स्तर पर नैतिक और संवैधानिक दायित्व था कि परीक्षा नियंत्रक द्वारा प्रस्तुत अपूर्ण अस्पष्ट नोटशीट को पूर्ण कराते तथा चयन सूची का अनुमोदन के पूर्व सूधी का बरीकी से पुर्ननिरिक्षण करते जो उनका पदीय कर्तव्य था।

बिन्दु क० 7 राज्य सेवा परीक्षा 2003 का परीक्षा परिणाम एवं स्केलिंग कार्य के लिए मेसर्स मेथोडेक्स सिस्टम लिमिटेड नेहरू प्लेस नई दिल्ली को नियुक्त किया गया था इससे संबंधित नस्ती की छायाप्रति जो नस्ती क० एफ-4 पताका डी 9 पृष्ठ 1 से 16 तक है।

बिन्दु क08 संयुक्त प्रवीण्य सूची विवेचना के दौरान छ.ग. लोक सेवा आयोग द्वारा अपने पत्र कमांक 1953/191/ लो.से.अ./ परीक्षा / 2006 रायपुर दिनाक 08.01.2007 के द्वारा बिंदु कमांक 8 की जानकारी राज्य सेवा परीक्षा 2003 की अंतिम संयुक्त प्रवीण्य सूची जो कम्प्यूटरीकृत है, प्रस्तुत की। यह सूची सरल कमांक 1 से लेकर 441 तक तथा पृष्ठ 1 से 23 तक है।

नोट- इस संयुक्त प्रवीण्य सूची में किसी भी अधिकारी एवं कर्मचारी हस्ताक्षर नहीं है साथ ही रिमार्क कालम में अभ्यर्थी के नाम के समक्ष पेन्सिल से पदों को अंग्रेजी में संक्षिप्त में लिखा गया है।

सयुक्त प्रावीण्य सूची में सभी अभ्यर्थियों के संबंध में किम से विस्तृत विवरण अंकित है।

(1) सरल कमांक

(2) रोल नंबर व नाम

(3) जाति व लिंग

(4) जन्मतिथि

(5) लिखित परीक्षा के प्राप्तांक

(6) ग्रीन कार्ड प्राप्ताक

(7) योग

(8) साक्षात्कार दिनांक

(9) अग्र मान्यता पत्रक में भरे पदों का वरीयता कम

(10) रिमार्क

इस संयुक्त प्रवीण्य सूची के पृष्ठ कमांक 10 सरल एनांक 183 पर आवेदिका कु वर्षा डोगों से संबंधित विवरण स्पष्ट लेख है जैसे रोल नंबर 53443 अनुसूचित जाति महिला जन्म तिथि 10.08.1982 लिखित परीक्षा प्राप्तांक 1180.41 साक्षात्कार 110.00 कुल योग 129041 साक्षात्कार कमांक 14 दिनांक 06:062005 अग्र मान्यता पत्रक में पदों की कोडिंग वरीयता कम DSP, DC, AO, STO, DWCDO, APRO, DR, NT, STI, AEXI, भरा हुआ है। क वर्षा डोगरे के नाम के समक्ष पेन्सिल से टिक मार्क तथा पेन्सिल से DSP SCR लिखा हुआ है। कम्प्यूटरीकृत सूची नस्ती क० एफ-4 पताका डी-10 पृष्ठ 1 से 23 तक है।

छ.ग. लोक सेवा आयोग द्वारा इसी क्रम में एक अन्य कम्प्यूट्रीकृत सूची प्रस्तुत की इस सूची (कम्प्यूटर शीट डाटा एंट्री) में उन अभ्यर्थियों के रोल नंबर जो साक्षात्कार हेतु योग्य पाये गये थे उनके रोल नंबर तथा उनके द्वारा अग्रमान्यता पत्रक में भरे गये पदों को वरीयता कन में संक्षिप्त रूप से अंग्रेजी में लिखे हुए है। इस सूची के अवलोकन में पेन्सिल से एक-एक पद को टिक किया हुआ है अर्थात् इस सूची को बनाने तैयार करने में आयोग के संबंधित शाखा ने पूर्ण सतर्कता एवं सावधानी बरती है, किसी प्रकार की त्रुटि की संभावना नही है। इस सूची में प्रार्थिया कु. वर्षा डोगरे रोल नंबर 53443 के समक्ष उसके द्वारा अग्रमान्यता पत्रक में नरे गये पदों का वरीयता कम का संक्षिप्त रूप से अंग्रेजी में DSP, DC, AO, STO, DWCDO, APRO, DR, NT, STI, AEXI, लिखा हुआ है। इससे यह प्रमाणित होता है कि कु. वर्षा डोगरे ने अग्रमान्यता पत्रक में दसवें कम पर आबकारी उप निरीक्षक भरा था जिसका आयोग ने AEXI, भरा है। कम्प्यूटरीकृत सूची नस्ती क० एफ-4 पताका डी - 11 पृष्ठ 1 से 15 तक है।

विवेचन- इस सूची में किसी भी प्रकार का काटछाट नहीं है। इसका संबंधीत परीक्षा / चयन शाखा में पदस्थ अनुभाग अधिकारी कर्मचारी द्वारा पूरी सावधानी एवं सतर्कता बरती गयी है। आवेदिका कु वर्षा डोगरे के अनुक्रमांक के समक्ष अग्रमान्यता पत्रक में कम से भरे गए पदों का संक्षिप्त कोडिंग लिखा गया है। जिसके अंत में AEXI लिखा है इससे यह स्पष्ट एवं प्रमाणित है कि संयुक्त प्रवीण्य सूची तैयार किये जाने तक यह पद आवेदिका द्वारा अवश्यक भरा गया था। काटा हुआ नहीं था।

नोट- छ.ग. लोक सेवा आयोग द्वारा प्रार्थीया कु वर्षा डोगरे के किसी भी पद पर चयन ना होने की लिखित शिकायत मानव अधिकार जयोग एवं मुख्यमंत्री कार्यालय को दिये गये जवाब आवेदिका ने AEXI को भर कर काट दिया है। स्पष्टः असत्य एवं निराधार है। उपरोक्त प्रवीण्य सूची के अवलोकन से इस स्पष्ट है कि आयोग ने अपनी गलती को छुपाने के लिए उसे बाद में नीली स्याही के पेन से काटा गया। जबकि अन्य प्रवृष्टिया काली रंग की स्याही से की गई है। काटने के स्थान पर किसी के लघु हस्ताक्षर नहीं है। इस प्रकार आयोग के अधिकारी / कर्मचारियों ने दस्तावेजों में कूट रचना कर षड्यंत्र पूर्वक प्रार्थी कु वर्षा डोगरे को उसके अधिक अंक प्राप्त करने के बावजूद (अनुसूचित जाति महिला वर्ग में) किसी भी पद चयन से वंचित किया गया।

बिन्दु क09- जानकारी बिन्दु क० 8के अनुसार ।

बिन्दु क0 10- प्रार्थिया कु० वर्षा डोंगर का आवेदन पत्र बिन्दु क0 3 के साथ संलग्न है।

बिन्दु क0 11- राज्य सेवा परीक्षा 2003 में साक्षात्कार हेतु आमंत्रित अभ्यर्थियों द्वारा अग्रमान्यता पत्रक में पद भरे गये नाम को अंग्रेजी में सक्षिप्त नाम (कोडिंग) करने संबंधी नोटशीट 1 पृष्ठ में है जिस पर परीक्षा नियंत्रक श्री बी.पी. कश्यप के हस्ताक्षर है एवं अनुभाग श्री अधिकारी एल. के. मढरिया के लघु हस्ताक्षर है तथा उक्त अंग्रेजी के सक्षिप्त पद नामों का अनुमोदन तत्कालीन अध्यक्ष श्री अशोक दरबारी से दिनांक 22.07.2005 को प्राप्त किया गया है। नस्ती क० एफ-4 पताका डी -12 पृष्ठ 1 से 1 तक है।

बिन्दु क0 12- राज्य सेवा परीक्षा 2003 में सम्मिलित सभी वर्ग पुरूष एवं महिला के अनिवार्य विषय एवं ऐच्छिक विषयों के तथा साक्षात्कार के प्राप्तांको के कम्प्युटर सूची नस्ती क० एफ-4 पताका डी - 13 पृष्ठ 1 से 15 तक है।

बिन्दु क0 13 - राज्य सेवा परीक्षा 2003 के छ० ग० शासन के अधीनस्थ विभिन्न 13 विभागो से आदेश प्राप्त मांग पत्रो की छाया प्रति नस्ती क० एफ-4 पताका डी 14 पृष्ठ 1 से 88 तक है।

बिन्दु क014- राज्य सेवा परीक्षा 2003 के साक्षात्कार कार्य में लगे कर्मचारियो के कार्य आबंटन आदेश की छाया प्रति नस्ती क० एफ-4 पताका डी-15 पृष्ठ 1 से 1 तक है।

विवादित दस्तावेज विशेषज्ञ की जांच रिपोर्ट-

विवेचना के दौरान प्रार्थीया कु वर्षा डोगों के अग्रमान्यता पत्रक में आयोग द्वारा की गयी काटपीट के संबंध में छ.ग. लोक सेवा आयोग से संयुक्त प्रवीण्य सूची में पात्र अनुसूचित जाति (वर्ग महिला एवं पुरुषों) के अग्रमान्यता पत्रक को प्राप्त किया गया। जिसकी संख्या 29 है। जिसके क० 27 पर प्रार्थिया कु० वर्षा डोंगरे का अग्रमान्यता पत्रक है। इसी अग्रमान्यता पत्रक में आयोग स्तर पर काटछांट की गई है। जो नस्ती क० एफ-5 पताका डी -1 पृष्ठ 1 से 29 तक है।

पत्र कुछ वर्षा डोंगरे के इस अग्रमान्यता पत्रक में की गई काटछाट की विवादित दस्तावेज परीक्षण विशेषज्ञ से कराने बाबत कार्यालय के कमांक पुअ / एसीबी / एसकेएस / 146/07 दिनांक 10.01.2007 के द्वारा छ.ग. राज्य विवादित दस्तावेज परीक्षण विशेषज्ञ रायपुर को भेजा गया। जो नस्ती क० एफ-5 पताका डी -2 पृष्ठ 1 से 3 तक है।

ब्यूरो के उक्त पत्र के परिपेक्ष्य में राज्य विवादित दस्तावेज विशेषज्ञ ने अपना जाय प्रतिवेदन कमांक सीआईडी / क्यूडी / सीएक्स-02/2007/12/07 दिनांक 16.01.2007 में प्रस्तुत किया। जो नस्ती क० एफ-5 पताका डी -3 पृष्ठ से 11 तक है। विवेचन विशेषज्ञ ने अपने जांच प्रतिवेदन में यह स्पष्ट किया कि आवेदिका कु वर्षा डोगरे के अग्रमान्यता पत्रक में कमांक 10 पर भरे गये पद आबकारी उप निरीक्षक को भरकर बाद में काटा गया है क्योंकि काटे जाने का इम्प्रेशन उसके नीचे रखे हुये कु मनीषा डहरिया रोल नंबर 66577 के अग्रमान्यता पत्रक पर पाये गये है। इससे स्पष्ट है कि कु० वर्षा डोगरे द्वारा साक्षात्कार दिनांक 06:06 2005 को अपना अग्रमान्यता पत्रक साक्षात्कर कार्य में लगे आयोग के अधिकारियो के समक्ष प्रस्तुत किया था. जिसमें उसने 10 पद भर कर अपनी सहमति दी थी। दस्तावेज जाँचकर्ता अधिकारी ने पाया कि कुछ वर्षा डोंगरे ने अग्रमान्यता पत्रक में जन्म तिथि एवं आयु के कालम में गलत प्रविष्टि की थी. जिसे आयोग के जाँचकर्ता अधिकारी द्वारा उसे कटवाकर सही तिथि भरवायी तथा कुमारी वर्षा डोंगरे के लघु हस्ताक्षर करवाया तथा उसी समय वरीयता कम के अंतिम भरे गए पद के नीचे भी तिरछी रेखा खिचवाई गई। कु० वर्षा डोंगरे ने 10 में कम पर आबकारी उप निरीक्षक का पद भरा था। जिसे बाद में आयोग ने अभ्यर्थी द्वारा काट देना बताया है। यदि जावेदिका कुछ वर्षा डोंगरे ने उक्त पद को साक्षात्कार दिनांक 06.06.2002 को काटा होता तो काटने का इम्प्रेशन कु० मनीषा डहरिया के अग्रमान्यता पत्रक पर नही आता।

उक्त विवादित दस्तावेज का परीक्षण राज्य विवादग्रस्त दस्तावेज परीक्षक से कराया गया परीक्षण रिपोर्ट में स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि साक्षात्कार दिनांक 06:06 2005 को अभ्यर्थी द्वारा अपनी जन्म तिथि एवं आयु से जिस स्याही से काटकर हस्ताक्षर किया है तथा जिस स्याही से आबकारी उप निरीक्षक का पद काटा गया है वह स्याही भिन्न है तथा उसके टिन्ट तथा टेक्सचर भी भिन्न है इससे स्पष्ट होता है कि आबकारी उप निरीक्षक का पद के काटने का समय भी भिन्न है।

विवेचना के दौरान 10 710 लोक सेवा आयोग को पत्रक० / पुज / एसीबी / एसकेएस / 239/2007 दिनांक 15.01.2007 जारी कर राज्य सेवा परीक्षा 2003 में साक्षात्कार हेतु आहूत किये गए सभी वर्ग अभ्यर्थियों के अग्रमान्यता पत्रक की प्रमाणित प्रतिलिपि चाही गई। पत्र की कार्यालय प्रति नस्ती क० एफ-6 पताका डी -1 पृष्ठ 1 से 1 तक है।

इस पत्र के परिपालन में छ० ग० लोक सेवा आयोग द्वारा अपने पत्र क० 1988/3/07/परीक्षा/2006 दिनांक 18.01.2007 के माध्यम से सभी के अग्रमान्यता की प्रमाणित छायाप्रति प्रस्तुत की। सभी अग्रमान्यता पत्रक का अवलोकन करने पर पाया गया कि जिन अभ्यर्थियो ने अग्रमान्यता पत्रक में अपने पद के पदनाम को भरकर काटा है उसकी कोडिंग नही की गई है। जैसे 1- बाबूलाल रात्रे रोल न0 31855, 2- श्रीमति नीरजा रोल न० 22947. 3- कु० ममता शर्मा रोल न0 95090, 4- श्री जोगेन्दर सिंह रोल न0 63355, 5- अभिनय शर्मा रोल न० 94234, 6- आनंद कुमार पाडे रोल न० 67683, 7- किरण कौशल रोल न० 71681, आदि जो नस्ती क० एफ-6 पताका डी -2 पृष्ठ 1 से 1 तक है। अग्रमान्यता की प्रमाणित प्रतिलिपि नस्ती क० एफ-6 पताका डी 3 पृष्ठ 1 से 419 तक है। विवेचन उपरोक्त दस्तावेज के अवलोकन से स्पष्ट है कि साक्षात्कार दिनांक को अभ्यर्थीयों के अग्रमान्यता पत्रकों की चेकिंग के दौरान अभ्यर्थीयो द्वारा जहां-जहां काटपीट की वहां वहा उनके लघु हस्ताक्षतर कराये गये है और जिन पदों को भर काटा गया है उन पदों की आयोग द्वारा कोडिंग नहीं की गयी है।

विवेचना के दौरान छ.ग. लोक सेवा आयोग को पत्र कमाक पुत्र / एसीबी / एसकेएस / 232 /2007 दिनांक 15.01.2007 जारी कर राज्य सेवा परीक्षा 2003 के परिपेक्ष्य में छ.ग. लोक सेवा आयोग की बैठकों एवं अन्य कार्य आबंटन संबंधी ओदश निर्णयों, परीक्षा नियंत्रक के कार्य आवंटन, अन्य कर्मचारियों के कार्य आबंटन, सेवा के शर्तों के विनियम के संबंधी जानकारी प्राप्त करने हेतु पत्र भेजा गया। नस्ती क० एफ-6 पताका डी -1 पृष्ठ 1 से 1 तक है।

आयोग ने अपना पत्र क्रमांक 2053/30/07/ परीक्षा दिनांक 08.02.07 के माध्यम से वांछित जानकारी प्रस्तुत किया। जिसके बिंदु कमाक 3 में स्पष्ट लेख है कि अंतिम प्राविण्य सूची अनुमोदित करने के लिए अध्यक्ष सक्षम है एवं कार्य पद आबंटन संबंधी कार्यवाही परीक्षा नियंत्रक के निर्देशन में किया जाता है। राज्य सेवा परीक्षा 2003 की अंतिम चयन सूची तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक श्री बी.पी. कश्यप के निर्देशन में तैयार की गयी तथा अंतिम चयन सूची का अनुमोदन तत्कालीन अध्यक्ष श्री अशोक दरबारी द्वारा किया गया। प्राप्त जानकारी मय सहपत्रों के नस्ती क० एफ-6 पताका डी -2 पृष्ठ 1 से 59 1 तक है।

विवेचना के दौरान ब्यूरो के पत्र कमाक पुअ / एसीबी / एसकेएस / 667 एवं 668 /2007 दिनांक 20.02.2007 जारी कर राज्य सेवा परीक्षा 2003 के मुख्य लिखित परीक्षा के प्राप्तांकों को कम्प्यूटर ऐजेंसी द्वारा स्केलिंग कराने के पश्चात प्राप्त सूची की प्रमाणित प्रतिलिपि एप सीडी उपलब्ध कराई जाने बावत जारी किया गया। जो नस्ती क० एफ-6 पताका डी -1 पृष्ठ 1 से 4 तक है।

छ.ग. लोक सेवा आयोग द्वारा उक्त पत्र के परिपेक्ष्य में राज्य सेवा परीक्षा 2003 के मुख्य लिखित परीक्षा के अनिवार्य एवं ऐच्छिक विषयों के विषयवार एवं प्रश्न पत्रवार प्राप्तांकों का स्केलिंग पश्चात प्राप्त स्केल्ड मार्क्स एवं स्केल्ड मार्क्स के अनुसार वर्गवार कन्प्युद्रीकृत सूची अपने पत्र क० 2211/03/07/ परीक्षा दिनांक 06.03.2007 प्रस्तुत की। जो नस्ती क० एफ-6 पताका डी-2 पृष्ठ 5 से 5 तक है।

किसी भी सूची में आयोग के किसी भी सक्षम एवं जिम्मेदार अधिकारी के हस्ताक्षर नहीं है।

फाईल 1 में सलग्न कम्पयुटीकृत सूचिया-

1. अनारक्षित वर्ग के पुरुष पृष्ठ 6 से 8

2 अनारक्षित वर्ग की महिला नस्ती क्रमाक पृष्ठ 8 से 10

3. अनुसूचित जाति वर्ग के पुरुष पृष्ठ 11 से 11

4. महिला अनुसूचित जाति वर्ग के पृष्‍ठ 12 से 12

नोट- इस सूची के सरल कमांक 7 पर कु वर्षा डोंगरे के प्राप्‍तांकों स्‍केल्‍ड मार्क्‍स का विवरण दर्ज है। जिसमें उसका कुल प्राप्‍तांक 1180.47 है।

5. पुरुष अनुसूचित जनजाति वर्ग के पृष्‍ठ 13 से 14

6. महिला अनुसूचित जनजाति वर्ग के पृष्‍ठ 15 से 15

7. पुरुष अन्‍य पिछड़ा वर्ग जाति के पृष्‍ठ 16 से 16

8. महिला अन्‍य पिछड़ा वर्ग जाति के पृष्‍ठ 17 से 17

9. पुरुष अनुसूचित जाति (विकालांग) पृष्‍ठ 18 से 18

फाईल 2 में संलग्न कम्पयुद्रीकृत सूचिया-

छ.ग. आयोग की राज्य सेवा परीक्षा 2003 की मुख्य परीक्षा के सभी 1988 अभ्यर्थियों के सभी विषयों के बिना स्केल्ड किये अंको की सूची जो नस्ती एफ-8 पताका डी -3 पृष्ठ 1 से 37 तक है। इस नस्ती के पृष्ठ क0 19 के सरल क0 1015 पर कुछ वर्षा डोगरे के अनिवार्य एवं ऐच्छिक विषयों के अनस्केल्ड मार्क का विवरण है।

फाईल 3 में संलग्न कम्पयुद्रीकृत सूचिया

छ.ग. आयोग की राज्य सेवा परीक्षा 2003 की मुख्य परीक्षा के सभी 1988 अभ्यर्थियों में से कुल रिक्त 147 पदों के विरुद्ध तीन गुणा 441 अभ्यर्थियो के सभी वर्गों की कम्बाईन्ड मेरिट लिस्ट की सूची है। इस सूची में साक्षात्कार के अंक नही जोड़े है। इस सूची के सरल क0 213 पर कु० वर्षा डोंगरे के स्केलिंग पश्चात् प्राप्तांको का विवरण है। जो नस्ती एफ-6 पताका डी 4 पृष्ठ 1 से 8 तक है।

फाईल 4 में संलग्न कम्पयुटीकृत सूचिया-

छ.ग. आयोग की राज्य सेवा परीक्षा 2003 की मुख्य परीक्षा के सभी 1988 अभ्यर्थियो में से कुल रिक्त 147 पदो के विरुद्ध तीन गुणा 441 अभ्यर्थियों की कम्बाईन्ड मेरिट लिस्ट वर्ग चार अनारक्षित, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति अन्य पिछडा वर्ग एवं विकलांग वर्ग पुरुष एवं महिला की सूची है। इस सूची में साक्षात्कार के अंक नही जोड़े है। इस सूची के पृष्ठ क08 के सरल क0 22 पर कुछ वर्षा डोंगरें के स्केलिंग पश्चात् प्राप्ताको कुल 1180.41 का विवरण है। जो नस्ती एफ-6 पताका डी 5 पृष्ठ 1 से 11 तक है।

विवेचना के दौरान छ० ग० लोक सेवा आयोग ने अपने पत्र क० 1957 / लोसेआ / परीक्षा /2006 दिनांक 09.01.2007 के माध्यम से जानकारी प्रस्तुत की है। जो नस्ती एफ-7 पताका डी-1 पृष्ठ 1 से 48 तक एवं अन्य पत्राचार पृष्ठ 1 से 140 तक है। इस पत्र के बिन्दु क0 1 में कुछ वर्षा डोंगरे के द्वारा आयोग से सूचना के अधिकार के तहत राज्य सेवा परीक्षा 2003 में चयनित उम्मीदवारो के नाम व पते की मांग की है। इसके संबंध मे आयोग द्वारा संचारित नोटशीट पत्राचार है।

इस पत्र के बिन्दु क० 2 में कुछ वर्षा डोंगरे द्वारा आयोग से सूचना के अधिकार के तहत राज्य सेवा परीक्षा 2003 में चयन सूची में वरीयता कम एवं अंकसूची, चयनित 147 उम्मीदवारो की प्राप्ताको का विवरण की मांग की है। इस संबंध में आयोग के परीक्षा अनुभाग में नस्ती क0 26 / उपनि / 2006 संधारित की गई है। इस नस्ती के पृष्ठ 2 पर सचिव श्री संजय ओझा के द्वारा दिनांक 24.03.2006 पर अपनी टीप के बिन्दु क0 1 में लेख किया है एवं मनोज कुमार लारोकर के अग्रमान्यता पत्रक (बीच में जोड़ा गया है) क्या प्रमाण है कि आवेदिका द्वारा ही कारपीट की गई है। इसी नस्ती के पृष्ठ का 3 पर श्री एल के मढरिया ने 30.03. 2006 को अपनी टीप अंकित की है कि उम्मीदवारो को अग्रमान्यता पत्रक की छायाप्रति प्रदान किया जाना आयोग के हित में उचित नहीं होगा। क्योकि आवेदिका का प्रकरण का उक्त गोपनीय दस्तावेज मुख्य आधार है। जिसे पूर्व से उपलब्ध कराने से प्रकरण में विपरीत प्रभाव पड़ सकता है।

विवेचना के दौरान छ० ग० लोक सेवा आयोग ने अपने पत्र क० 1974/ लोसेआ /परीक्षा/2006 दिनांक 17.01.2007 के माध्यम से जानकारी प्रस्तुत की है। जो नस्ती एफ-7 पताका डी -1 पृष्ठ 1 से 1 तक है। इस नस्ती में छ० ग० लोक सेवा आयोग की वर्ष 2004 से 2006 की वार्षिक प्रतिवेदन है। इस पत्र के बिन्दु क0 2 में पुनः स्पष्ट किया गया है कि राज्य सेवा 2003 की परीक्षा परिणामो के लिए तत्कालीन अध्यक्ष, परीक्षा नियंत्रक उत्तरदायी है।

इस पत्र के बिन्दु क० 2 में कुछ वर्षा डोगरे के द्वारा राज्य मानव अधिकार आयोग में राज्य सेवा परीक्षा 2003 में किसी भी पद पर चयन नही किये जाने संबंधी शिकायत की नोटशीट पत्राचार है। छ० ग० लोक सेवा आयोग द्वारा चयन न किये जाने संबंधी शिकायतो का विवरण 1. मुख्यमंत्री सचिवालय छ०ग० कार्यालय-

एन्टी करप्शन ब्यूरो द्वारा निम्न पत्र जारी किये गये।

1. पुअ / एसीबी / एसकेएस / 329/2007 दिनांक 23.01.2007

2. पुअ / एसीबी / एसकेएस / 400/2007 दिनांक 01.02.2007

3. पुअ/ एसीबी / एसकेएस /7043/2007 दिनांक 28.07.2007

4. पुअ / एसीबी / एसकेएस /7105/2007 दिनांक 03.07.2007

उपरोक्त पत्र के परिपालन में आयोग द्वारा पत्र क्रमांक 2058/03/07/ परीक्षा दिनांक 09.02.07 तथा 447/03/07/परीक्षा दिनांक 02.02.2007 के माध्यम से मूल एवं छायाप्रति प्रेषित की है। जो प्रकरण में संलग्न है।

कु वर्षा डोंगरे ने छ.ग. लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित राज्य सेवा परीक्षा 2003 में उसका किसी भी पद पर चयन न होने से व्यथित होकर अपनी शिकायत माननीय मुख्यमंत्री सचिवालय में की थी। शिकायत की तथ्यात्मक जांच प्राप्त करने हेतु प्रार्थीया का शिकायत पत्र मुख्यमंत्री निवास कार्यालय से लोक सेवा आयोग को कमांक / 30015 / मुमनि /2006 दिनांक 21. 07:2006 को भेजा गया। नस्ती एफ-8 पताका डी-1 पृष्ठ 1 से 10 तक है।

लोक सेवा आयोग ने आवेदिका की शिकायत की तथ्यात्मक जांच हेतु नस्ती कमांक 165/2007 राज्य सेवा परीक्षा 2003 के संबंध में शिकायत संधारित कर जांच की।

माननीय मुख्यमंत्री सचिवालय को अपने पत्र कमांक 1080/65/2005 / चयन /पड दिनांक 10:06. 2006 से जांच से अवगत कराया गया। नस्ती एफ-8 पताका डी -2 पृष्ठ 1 से 10 तक है। आयोग में संधारित मूल नोटशीट में 1 से 5 बिंदु तक तथ्यात्मक रिपोर्ट तैयार की गयी। जिसके बिंदु कमांक दो में आवेदिका को उप पुलिस अधीक्षक पद की अनुपूरक सूची अजा. श्रेणी के सरल क्रमांक 2 पर होना बताया। इसी प्रकार बिंदु कमांक 3 और 4 में चयनित सहायक संचालक जनसम्पर्क एवं नयाब तहसीलदार के उम्मीदवारों से कु वर्षा डोगरे के प्राप्तांक अधिक है तथा बिंदु 5 में आवेदिका द्वारा अग्रमान्यता पत्रक में आबकारी उप निरीक्षक पद को भरकर काट देना का उल्लेख किया है। इस प्रकार आयोग द्वारा माननीय मुख्यमंत्री सचिवालय को आवेदिका के अग्रमान्यता पत्रक में कांट-छाट के संबंध में भी असत्य आधारों अवगत कराया गया।

1. भारत सरकार कार्मिक लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय नई दिल्ली-

कु. वर्षा डोंगरे ने छ.ग. लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित राज्य सेवा परीक्षा 2003 में उसका किसी भी पद पर चयन न होने से व्यथित होकर अपनी शिकायत भारत सरकार डी.ओ.पी. टी. मंत्रालय नई दिल्ली में की थी। शिकायत की तथ्यात्मक जांच प्राप्त करने हेतु प्रार्थीया का शिकायत पत्र वहां से लोक सेवा आयोग को कमांक / 39011/09/2006-स्था (ख) दिनांक 03:06 2006 को भेजा गया। नस्ती एफ-8 पताका डी -1 पृष्ठ 1 से 10 तक है। नस्ती कमांक एफ-8 पताका डी-3 पृष्ठ 3 है।

लोक सेवा आयोग ने आवेदिका की शिकायत की तथ्यात्मक जांच हेतु नस्ती कनांक 65/2007 राज्य सेवा परीक्षा 2003 के संबंध में शिकायत संधारित कर जांच की।

आयोग में संधारित मूल नोटशीट में 1 से 8 बिंदु तक तथ्यात्मक रिपोर्ट तैयार की गयी। जो मूल नस्ती निम्नानुसार अंकित है। कु वर्षा डोंगरे ने साक्षात्कार के समय अग्रमान्यता पत्रक में 10 पद भरे गये तथा 10 वा पद कम को आवेदिका के द्वारा गया है।

1. यह सही है कि अनुक्रमांक- 21187 उषा किरण (अ.जा) के प्राप्तांक से अनुक्रमांक 53443 क. वर्षा डोंगरे (अ.जा.) का प्राप्तांक अधिक है किंतु कु. उषा किरण बरई ने पत्रक में सहायक संचाक जनसम्पर्क अधिकारी पद को अग्रमान्यता पत्रक में वरीयता-3 कम में भरा है कु वर्षा डोंगरे के द्वारा उक्त पद की अग्रमान्यता पत्रक में 6वें कम वरीयता दी गयी है। इसलिये सभवतः कु. वर्षा डोंगरे का चयन उक्त पद पर नहीं हो सका।

2 अनुक्रमांक 27187 कु सरिका रामटेके (अ.जा.) के प्राप्तांक से अनुक्रमांक 5443 कु. वर्षा डोंगरे का प्राप्तांक अधिक हैं कु सारिका रामटेके नायब तहसीलदार पद को अग्रमान्यता में 10वें कम में भरे हैं कु वर्षा डोंगरे ने उक्त पद को 8वें क्रम पर भरा हैं अतः मेरिट पद वरीयता क्रम के अनुसार कु. वर्षा डोंगरे का नायब तहसीलदार के पद पर संभवतः चयन होना था।

राज्य सेवा परीक्षा 2003 के 441 आवेदकों के प्राप्तांक एवं अग्रमान्यता पत्रकों की परीक्षण उपरात सहित स्थिति ज्ञात हो सकती है।

3 अनुक्रमांक 44318 मुक्तानंद खुटे (अ.जा.) का प्राप्तांक 1394.03 है तथा इन्होंने जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी पद को अग्रमान्यता पत्रक में कम 2 पर भरा हैं अनुक्रमांक 27187 अजय शर्मा का प्राप्तांक 1392.33 है। इन्होंने भी उक्त पद को वरीयता कम 2 पर भरा है।

4 पुलिस उप अधीक्षक के पद पर कमांक 7 पर चयनित आवेदिका अनुक्रमांक 22794 नेहा पांडे अनारक्षित से अनुक्रमांक 71776, नीरज चंद्रकार अ.पि.व. का प्राप्तांक अधिक है अतः मेरिट के आधार पर अनारक्षित श्रेणी में उनका चयन होना चाहिए। आवेदिका का कहना है आरक्षण नियमः से सही स्थिति ज्ञात हो सकता है।

5 साक्षात्कार के समय कु. वर्षा डोंगरे का वरीयता कम 10 में उल्लेखित आबकारी उप निरीक्षक पद को आवेदिका के द्वारा ही काटा गया है किसी और के द्वारा उक्त पद को कांटे जाने का तथ्यात्मक आधार नहीं है।

6 यह भी उल्लेखनीय है राज्य सेवा परीक्षा 2003 ने अपने चयन एवं आरक्षण को लेकर कु. वर्षा डोंगरे के द्वारा माननीय उच्च न्यायालय छ.ग. बिलासपुर में याचिका डब्लयू पी क्रमांक 6252/2005 कु. वर्षा डोंगरे विरूद्ध छत्तीसगढ़ एवं अन्य दायर की गयी है जो माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष विचाराधीन है।

इस प्रकार आयोग ने स्वतः स्वीकार किया है कि राज्य सेवा परीक्षा 2003 के अंतिम चयन में भारी अनिमियतताये हुई है। जिसकी आयोग स्तर पर अग्रमान्यता के आधार पर पुनः परीक्षण कराये जाने हेतु एक दल का गठन किया गया है।

1. राज्य मानवधिकार आयोग- कु. वर्षा डोंगरे ने छ.ग. राज्य मानवधिकार आयोग को भी तदाशय की शिकायत की थी। मानवधिकार आयोग ने आवेदिका की शिकायत पर तथ्यात्मक रिपोर्ट हेतु छ.ग. लोक सेवा आयोग को भेजा था। छ.ग. लोक सेवा आयोग ने अपने पत्र कमांक 110/2006 / शिकायत / 08 / वीआईपी / नाआआ / दिनांक 05.04.2006 के द्वारा उपरोक्तानुसार गलत तथ्यात्मक प्रतिवदेन प्रस्तुत किया। जिसमें बिंदु कमांक 1 में लेख किया है कि यह सत्य है कि आवेदिका का राज्य सेवा परीक्षा 2003 में अनुक्रमांक 53443 और प्राप्तांक 1290.41 है फिर भी किसी भी पद आवेदिका का चयन नहीं हो सका। आवेदिका ने अपने अग्रमान्यता पत्रक में 12 पदों में वरीयता क्रम में केवल 9 पदों का उल्लेख हैं और 10वें वरीयता कम आबकारी उप निरीक्षक के पद की प्रविष्ठी करके पुनः उसे काट दिया है। इसके कारण अग्रमान्यता संबंधी नियम के अनुसार कु वर्षा डोंगरे का नाम आबकारी उप निरीक्षक हेतु विचार नहीं किया गया।

इसी पत्र बिंदु कमाक 5 में आयोग ने गलत कथन किया है कि चयन में आरक्षण के नियमों का पूर्णतः पालन किया गया है। नस्ती एफ-8 पताका डी -1 पृष्ठ 1 से 10 तक है।

छ.ग. लोक सेवा आयोग ने अपने पत्र कमांक 721 / पेड /2006 / चयन / दिनांक 10.07.2006 के द्वारा मानवधिकार आयोग को भी गलत तथ्यात्मक जानकारी दी गयी। जिसके बिंदु कमांक 4 मे जिला एवं महिला बाल विकास अधिकारी के कुल 10 रिक्त विज्ञापित थे जिसमें अनारक्षित श्रेणी 5 पद में से 1 पद महिला के आरक्षित किया गया था। अतः अनारक्षित 4 पद पुरूष वर्ग से भरे गये क्योंकि 1 पद महिला के लिए आरक्षित था। और उक्त पद के विरुद्ध कोई महिला उम्मीदवार उपलब्ध नहीं होने से अनारक्षित पुरुष वर्ग से पद की पूर्ति की गयी है। श्री मुक्तानंद खुटे आरक्षित अजा, श्रेणी के आवेदक है अतः अनारक्षित महिला पद के विरुद्ध आरक्षित आवेदक को अनारक्षित श्रेणी में नहीं दिया गया। श्री मुक्तानंद खुटे का चयन अजा श्रेणी के पद पर किया गया। अनारक्षित पद के विरूद्ध नहीं।

छ० ग० लोक सेवा आयोग ने अपने पत्र क० 380/ शिकायत/01 दिनांक 08.05. 2006 के माध्यम से ही प्रमुख सचिव सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय रायपुर को भी उपरोक्तानुसार असत्य जानकारी प्रस्तुत की। नस्ती एफ-8 पताका डी -2 पृष्ठ 1 से 67 तक है। इस नस्ती में पृष्ठ क० 1 व 2 मूल नस्ती, पृष्ठ क0 10 पत्र क0 721, पृष्ठ क० 12 से 16 मूल नस्ती, पृष्ठ क० 22 पत्र क0 110, पृष्ठ 23 व 24, राज्य सेवा परीक्षा के नियम पृष्ठ क० 46, पत्र क० 380 है। पृष्ठ क० 53 से 60 चयन सूची है। शेष दस्तावेज पत्राचार एवं अन्य है।

स्केलिंग पद्धति का अनुसरण

छ० ग० लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित राज्य सेवा परीक्षा 2003 की मुख्य लिखित परीक्षा के प्राप्तांको की स्केलिंग करने हेतु आयोग ने मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग की स्केलिंग पद्धति एवं फामूले का अनुसरण किया था।

छ० ग० लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित राज्य सेवा परीक्षा 2003 की मुख्य लिखित परीक्षा के प्राप्तांको की स्केलिंग करने हेतु आयोग ने मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग की स्केलिंग पद्धति एवं फामूले का अनुसरण किया था।

विवेचना के दौरान छ० ग० लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित राज्य सेवा परीक्षा 2003 की मुख्य लिखित परीक्षा के प्राप्तांको की स्केलिंग करने हेतु आयोग द्वारा मेसर्स मेथोडेक्स सिस्टम लिमिटेड नई दिल्ली को अनुबंधित किया था। मेसर्स मेथोडेक्स सिस्टम लिमिटेड को आयोग द्वारा परीक्षा से संबंधित दस्तावेज (raw material) उपलब्ध कराये थे। विवेचना के दौरान उपरोक्त दस्तावेजों की प्रमाणित छाया प्रतिलिपि प्राप्त की गई जो नस्ती एफ-9 पताका डी -1 पृष्ठ 1 से 391 तक है। इसी कम में मार्क फोईल्स (marks foils) प्राप्त किये गए जो नस्ती एफ-9 पताका डी 2 पृष्ठ से तक है।

विवेचना के दौरान छ० ग० लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित राज्य सेवा परीक्षा 2003 की मुख्य लिखित परीक्षा के प्राप्तांको की स्केलिंग करने हेतु आयोग द्वारा मेसर्स मेथोडेक्स सिस्टम लिमिटेड नई दिल्ली को अनुबंधित किया था। मेसर्स मेथोडेक्स सिस्टम लिमिटेड को आयोग ने स्कूलिंग से संबंधित डाटा उपलब्ध कराये थे। जिसके आधार पर स्केलिंग किया गया था। मेसर्स मेथोडेक्स सिस्टम को तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक ने एक ही विषय के दो प्रश्न पत्रों की स्केलिंग करने के बजाए एक ही विषय के विकल्प एक व विकल्प दो के चार प्रश्न पत्रो की स्केलिंग करने हेतु निर्देशित किया था जो पूर्णतः अव्यवहारिक है। संघ लोक सेवा आयोग तथा देश के अन्य राज्यों के लोक सेवा आयोग द्वारा केवल एक विषय के दो प्रश्न पत्रों की स्केलिंग की जाती है। इस प्रकार की अव्यवहारिक स्केलिंग पद्धति के कारण एक ही विषय के एक प्रश्न पत्र में समान अंक पाने वाले अभ्यर्थीयों के विकल्प एक और दो के कारण उनकी स्केलिंग में अंतर आता है।

विवेचन परीक्षा नियंत्रक श्री बी पी कश्यप ने अव्यवहारिक स्केलिंग पद्धति लागू करने के लिए पूर्णतः उत्तरदायी है। तथा आयोग के अध्यक्ष श्री अशोक दरबारी इस अव्यवहारिक स्केलिंग पद्धति के अनुमोदन के लिए भी उत्तरदायी है।

विवेचना के दौरान छ.ग. लोक सेवा आयोग को राज्य सेवा परीक्षा 2003 के मुख्य परीक्षा के प्राप्ताकों का स्केलिंग करने तथा चयन परिणाम तैयार करने हेतु पत्र जारी किया गया। था। इस पत्र के पालन में आयोग ने अपने पत्र कमांक 19/03/07/परीक्षा दिनांक 04.04.2007 के द्वारा प्रस्तुत जो नस्ती क्रमांक एफ-10 अभिलेख पताका डी-1 पृष्ठ 1 से 16 तक है।

विवेचना के दौरान छ.ग. लोक सेवा आयोग को मेसर्स मेथोक्स सिस्टम लिमिटेड को मुख्य परीक्षा 2003 के चयन परीणाम तैयार करने हेतु जो मास्टर डाटा उपलब्ध कराये गये थे जिसमे 6 नग पलापी का उल्लेख है। जिसे आयोग ने कार्यालय में उपलब्ध नहीं कराया था तथा तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक श्री बी.पी. कश्यप के पास होना बताया है। इस संदर्भ में आयोग ने अपने पत्र कमांक अपने पत्र कमांक 181/03/07/परीक्षा/ 06 दिनांक 25.05.2007 से अवगत कराया है। जो नस्ती कमांक एफ-10 अभिलेख पताका डी 2 पृष्ठ 1 से 16 तक है।

विवेचना के दौरान छ.ग. लोक सेवा आयोग द्वारा राज्य सेवा परीक्षा 2003 की सी.डी. उपलब्ध कराई गयी थी। उस सी.डी. से प्रिंट निकाले गये जिसमें मुख्य लिखित परीक्षा में उपस्थित 1988 अभ्यर्थीयों के विभिन्न विषयों स्केलिंग पश्चात प्राप्तांकों की सूची पृष्ठ 77 से 122 तक है। उसके पश्चात 1988 अभ्यर्थीयों के वर्गवार सूची पृष्ठ 27 से 76 तक है। सभी उम्मीदवारों के वर्गवार सूची पृष्ठ क्रमांक 12: से 26 तक है। इसी के आधार पर साक्षात्कार हेतु योग्य 441 अभ्यर्थीयों की सूची पृष्ठ 1 से 11 तक है। सीडी से निकाले गये। सभी प्रिंट नस्ती कनांक एफ-10 अभिलेख पताका डी-3 पृष्ठ 1 से 122 तक है। चूंकि यह कार्य पूर्णतः तकनीकी है। फिर भी राज्य सेवा परीक्षा 2003 के मुख्य लिखित परीक्षा के प्राप्ताकों की स्केलिंग पूर्व से उपलब्ध डाटा के आधार पर दो विषयों के तहत कराई गयी तो जो परिणाम सामने आये उससे स्पष्ट हुआ है कि किसी एक विषय के दो प्रश्न पत्रों के प्राप्तांकों के स्केलिंग तथा एक ही विषय के दो विकल्प के चार प्रश्न पत्रों के प्राप्तांकों की स्केलिंग में प्राप्त परिणामों में भारी अन्तर है। जिससे सम्पूर्ण परीक्षा प्रभावित हो सकता है। दो विषयों में प्राप्त स्केलिंग की सूची पृष्ठ 1 से 45 तक है।

मेसर्स मेथोक्स सिस्टम लिमिटेड नई दिल्ली से प्राप्त जानकारी-

विवेचना के दौरान छ० ग० लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित राज्य सेवा परीक्षा 2003 की मुख्य लिखित परीक्षा के प्राप्तांको की स्केलिंग मेसर्स मेथोक्स सिस्टम के द्वारा की गयी है। अतः मेसर्स मेथोक्स सिस्टम लिमिटेड को पत्र कमांक 518 /2007 दिनांक 06.02.2007 जारी कर स्केलिंग फार्मूला, आयोग द्वारा उपलब्ध कराये गये दस्तावेज एवं डाटा के संबंध विस्तृत जानकारी प्राप्त करने हेतु जारी किया गया। उक्त पत्र के पालन में मेसर्स मेथोक्स सिस्टम लिमिटेड ने दिनांक 15.02.2007 को जानकारी प्रेषित की जिसमें एक सीडी भी है। जो नस्ती कमांक एफ- 11 अभिलेख पताका डी-1 पृष्ठ 1 से 20 तक है।

विवेचना के दौरान स्केलिंग कार्य के लिए अनुबंधित मेसर्स मेथोडेक्स सिस्टम लिमिटेड नई दिल्ली को पत्र क्रमांक पुअ / एसीबी / 5154/ दिनांक 13.04.07 जारी किया गया एवं मेसर्स मेथोडेक्स सिस्टम नई दिल्ली जाकर छ.ग. लोक सेवा आयोग के राज्य सेवा परीक्षा 2003 के चयन परिणामों से संबंधीत पूर्व में उपलब्ध डाटा के आधार पर विषयों के चार प्रश्नपत्र के आधार स्केलिंग कराई जाकर प्रिंट प्राप्त किये गये। जो नस्ती कमांक एफ-11 अभिलेख पताका डी- 2 पृष्ठ 1 से 70 तक है।

विवेचना के दौरान मेसर्स मेथोडेक्स सिस्टम नई दिल्ली जाकर छ.ग. लोक सेवा आयोग के राज्य सेवा परीक्षा 2003 के चयन परिणामों से संबंधीत पूर्व में उपलब्ध डाटा के आधार पर एक ही विषय के दो प्रश्नपत्र के आधार स्केलिंग कराई जाकर प्रिंट प्राप्त किये गये। जो नस्ती क्रमांक एफ-11 अभिलेख पताका डी- 3 पृष्ठ 1 से 93 तक है।

विवेचना के दौरान मेथोडेक्स सिस्टम से पूर्व में कराई गयी स्केलिंग तथा एवं विवेचना के दौरान प्राप्त की गयी स्केलिंग के परिणामों के अंतर की सूची पृथक से तैयार कराई गयी। इस सूची के अवलोकन से स्पष्ट हुआ है कि पूर्व में कराई गयी स्केलिंग के परिणामों में नारी अंतर है इस अंतर के बारे में कम्प्युटर ऐजेंसी ने कोई संतोषप्रद स्पष्टीकरण नहीं है। उक्त सूची नस्ती कमांक एफ- 11 अभिलेख पताका डी-4 पृष्ठ 1 से 36 तक है।

विवेचना के दौरान आरोपी श्री बी.पी. कश्यप तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक छ.ग. लोक सेवा आयोग के द्वारा राज्य सेवा परीक्षा 2003 के परीक्षा परिणाम एवं चयन सूची में कई प्रकार की त्रुटियां एवं अन्य गडबड़िया पाई जाने से उसके विरूद्ध विभागीय जांच हेतु लोक सेवा आयोग द्वारा सचिव छ.ग. शासन उच्च शिक्षा विभाग मंत्रालय रायपुर को भेजा गया है। इस कार्यालय के पत्र कमांक पुअ / एसीबी / एसकेएस / 6007/ 2007 दिनांक 18.06 2007 को पत्र भेजा गया उक्त पत्र के पालन में अवर सचिव छ.ग. शासन उच्च शिक्षा विभाग द्वारा विभागीय जांच संबंधी आरोप पत्र दिनांक 10.11.2006 एवं 16.04.2007 की छायाप्रति विभागीय जांच कमांक एफ1-69/ सचिव / उशिवि/2006 / दिनांक 10.11.2006 की छायाप्रति संलग्न है जो नस्ती कमांक (एफ- 12 अभिलेख पताका डी-1 पृष्ठ 1 से 190 तक है।

छ.ग. लोक सेवा आयोग द्वारा आयोग के समस्त कार्यों के सुचारू संचालन हेतु मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग की कार्यमार्गदर्शिका निम्नों एवं प्रावधानों का अनुसरण किया गया है। जिसकी प्रति नस्ती कमांक एफ- 13 अभिलेख पतका डी-1 पृष्ठ 1 से 75 तक है।

माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर में दायर याचिकायें-

प्रकरण सदर की प्रार्थीया कु. वर्षा डोगरे पिता श्री सुखी राम डोगरे निवासी सिविल लाईन्स कवर्धा ने ब्यूरो में लिखित शिकायत करने के पूर्व छ.ग. लोक सेवा आयोग की राज्य सेवा परीक्षा 2003 में अधिक अंक प्राप्त होने के बावजूद उसका चयन किसी भी पद पर नहीं करने तथा संपूर्ण परीक्षा में आरक्षण के नियमों को उल्लंघन, स्केलिंग पद्धति में गड़बड़ी आदि के संबंध में एक याचिका माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर में मुख्य सचिव छत्तीसगढ़ शासन, सचिव छ.ग. लोक सेवा आयोग तथा अध्यक्ष छ.ग. लोक सेवा आयोग एवं अन्य 1 से 147 तक लोक सेवा आयोग द्वारा विभिन्न पदों पर चयनित अभ्यर्थियों के विरुद्ध दाखिल की थी जो माननीय उच्च न्यायालय में रीट पीटिशन कमांक 4028/2006 पर पंजीबद्ध होकर विचाराधीन है। जिसकी छायाप्रति नस्ती एफ-14 अभिलेख पताका डी-1 पृष्ठ 1 से 24 तक है। इस याचिका के संदर्भ में लोक सेवा आयोग रिप्लाई प्रस्तुत किया जिसकी छायाप्रति संलग्न है। नस्ती एफ-14: अभिलेख पताका डी-2 पृष्ठ 25 से 30 तक है।

इसी कम में याचिकाकर्ता श्री चमन सिन्हा निवासी मिलाई ने भी छ.ग. लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित राज्य सेवा परीक्षा 2003 में प्रश्न पत्रों के जाचने में पक्षपात, स्केलिंग पद्धति में गड़बड़ी आदि के संबंध में याचिका कमांक 3028/2006 दायर की थी। उक्त यचिका के परिपेक्ष्य में छ.ग. लोक सेवा आयोग के द्वारा रिप्लाई दिनांक 04.05.2007 प्रस्तुत किया इस रिप्लाई के कंडिका कमांक 45 एवं 46 में स्वीकार किया कि तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक श्री बी. पी. कश्यप के कार्यकाल में उपरोक्त त्रुटियां पाई गयी है जिसके कारण उनके खिलाफ विभागीय जांच हेतु शासन को लिखा गया है। तथा स्केलिंग में तकनीकी त्रुटि होने के कारण पूरे परीक्षा परिणाम प्रभावित हुआ है। रीट पीटिशन के रिप्लाई की छायाप्रति संलग्न है। नस्ती एफ-14 अभिलेख पताका डी-3 पृष्ठ 1 से 22 तक है।

प्रकरण में छ.ग. लोक सेवा आयोग में एन्टी करप्शन ब्यूरो के विरुद्ध माननीय उच्च न्यायालय में याचिका क्रमांक 7208/2006 प्रस्तुत किया जिसमें एन्टी करप्शन ब्यूरो के जांच रोक लगाने का अनुरोध है जो नस्ती कमांक एफ- 14 डी 4 पृष्ठ 1 से 38 तक है। इस याचिका के संदर्भ में अपना निर्णय दिनांक 24.01.2007 जारी किया जो पृष्ठ 37 से 38 है। तक

विवेचना के दौरान छ.ग. लोक सेवा आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष श्री अशोक दरबारी ने माननीय उच्चतम न्यायालय में अपने निलंबन के विरुद्ध याचिका दायर की थी। माननीय उच्चतम न्यायालय ने दिनांक को अपनी ओपिनियन दी है कि श्री अशोक दरबारी को छ.ग. लोक सेवा आयोग राज्य परीक्षा 2003 में हुई अनिमितताओं के लिए शामिल न किया जाये। उक्त ओपिनियन की प्रति प्राप्त करने हेतु महामहिम राज्यपाल के सचिव को पत्र कमांक पुअ / एसीबी / एसकेएस / 2749/ दिनांक 06.07.2011 का प्रेषित किया गया। उक्त पत्र के परिपेक्ष्य में महामहिम राज्यपाल के सचिव का पत्र कमांक / एफ-104 / एसए/11/3893 / दिनांक 20.07. 2011 के माध्यम से उक्त जानकारी प्राप्त हुई जो नस्ती कमांक एफ- 14 डी 5 1 से 25 तक है।

(19) आरोपी का बचाव:-

आरोपी कमांक 1 श्री अशोक दरबारी तत्कालीन अध्यक्ष छ.ग. लोक सेवा आयोग 1. प्रकरण सदर में आरोपी श्री अशोक दरबारी का बचाव है कि उसके अध्यक्षीय कार्यकाल में छ.ग. लोक सेवा आयोग में राज्य सेवा परीक्षा 2003 आयोजित की गयी थी। इस परीक्षा के परिणाम घोषित करने में जो अनियमितताएं हुई है उनके लिए यह दोषी नहीं ठहराया जा सकता। महामहिम राज्यपाल महोदय, छत्तीसगढ़ द्वारा श्री अशोक दरबारी को तत्समय निलंबित किया गया था। अपने निलंबन के विरूद्ध श्री अशोक दरबारी ने माननीय उच्चतम न्यायालय नई दिल्ली में भारतीय संविधान की धारा 327 (1) के तहत रीट दायर किया था। माननीय उच्चतम न्यायालय ने दिनांक 08.07.2009 को इस संदर्भ में ओपिनियन (Opinion) दिया है कि "As regards ! the conduct of the examination, some problem had arisen and they cannot be attributed to Shri Ashok Darbabari and the Controller of Examination and some other offficials were responsible for commiting such irregularities." I

2 आरोपी का यह बचाव है कि आयोग द्वारा आयोजित किसी भी प्रतियोगी परीक्षा के सुचारू संचालन एवं परिणाम घोषित करने का समस्त उत्तरदायित्व आयोग में गठित परीक्षा नियंत्रक के नियंत्रण में कार्यरत परीक्षा शाखा, गोपनीय शाखा, चयन शाखा का है। किसी भी प्रकार की अनिमितता एवं त्रुटि के लिए परीक्षा नियंत्रक सीधे तौर जिम्मेदार है।

3 आरोपी का बचाव है कि परीक्षा नियंत्रक श्री बी.पी. कश्यप द्वारा प्रस्तुत राज्य सेवा परीक्षा 2003 के अंतिम चयन सूची का अनुमोदन नहीं किया है बल्कि नस्ती में परीक्षा परिणाम के प्रकाशन ने संबंधीत नाग को 'अ' अनुसार चिन्हांकित कर अनुमोदन किया है, न कि चयन सूची को।

4 आरोपी का यह बचाव है कि अध्यक्ष की हैसियत से उसके पास परीक्षाएं आयोजित कर परिणाम घोषित करने के कार्यों के साथ-साथ अन्य प्रशासनिक दायित्व भी है।

5 आरोपी का यह बचाव है कि आयोग किसी भी प्रतियोगी परीक्षा में सफल हुए अभ्यर्थीयों को चयनित नहीं करता है बल्कि चयन हेतु राज्य शासन को अनुशंसा करता है।

6 भारत के संविधान के अनुच्छेद 320, 321 में प्रावधान है कि Value of Commission's Advice 1. The Commission function is purely advisory. Not only is its advice binding upon the Government, the Government cannot act mechanically upon such advice, without applying its mind to the matter in question, e.g., the taking of the disciplinary action against a Government servant. If the Government acts blindly the order would be vitiated by mala-fides. Clause 5 (c) 2. Of course, the Government may reject the entire select list when it is satisfied, after due enquiry, that the selection had been vitiated either on account of violation of a fundamental procedural requirement or is vitiated by corruption, favoritism or nepotism; but in this case the Goverment is bound to record the reasons for its action and, apart from placing the same before the Legislature as required by Art. 3232), Government must produce those reasons before a Court when called for.

आरोपी कमांक 2. श्री बी.पी. कश्यप तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक

1. आरोपी का यह बचाव है कि वह सामान्य प्रशासन विभाग छ.ग. शासन के आदेश कमांक एफ-6-2/2001/1/ एक दिनांक 06.082004 के पालन में दिनांक 10:08 2004 को प्रतिनियुक्ति पर आयोग में परीक्षा नियंत्रक का कार्यभार ग्रहण किया था। उस समय आयोग में राज्य सेवा परीक्षा 2003 की प्रारंभिक परीक्षाएं समाप्त हो चुकी थी। मुख्य लिखित परीक्षा, साक्षात्कार, अंतिम चयन सूची जारी करने का कार्य शेष रह गया था। जिसे उसने अधीनस्थ कार्यरत परीक्षा शाखा चयन शाखा के अधिकारी / कर्मचारी के सहयोग से पूर्ण गोपनीयता एवं सावधानी बरतते हुए किया था।

2 आरोपी का बचाव है कि आयोग का कार्य आबंटन ओदश क्रमांक / 137 / 2002 /स्था. दिनांक 12.08.2003 का जिसमें आयोग की परीक्षाओं एवं साक्षात्कारों तथा चयन से संबंधित नस्तीयां माननीय अध्यक्ष महोदय को सीधे प्रस्तुत की जायेगी का उल्लेख है के पालन में परीक्षा से संबधीत सभी कार्यों की स्वीकृति, अनुमोदन अध्यक्ष महोदय श्री अशोक दरबारी से प्राप्त किया है।

3. आरोपी का बचाव है कि आयोग द्वारा आयोजित राज्य सेवा परीक्षा 2003 की अंतिम चयन सूची शासन को अनुशंसा हेतु भेजे जाने के पूर्व तत्कालीन अध्यक्ष श्री अशोक दरबारी से अनुमोदन प्राप्त किया था।

4 आरोपी का बचाव है कि मुख्य लिखित परीक्षा के प्राप्तांको का स्केलिंग करने संबंधी स्केलिंग सूत्र का अनुमोदन पूर्व परीक्षा नियंत्रक श्री के.बी. सिंह द्वारा प्राप्त किया गया था। उसी स्केलिंग सूत्र के अनुसार स्केलिंग कराया गया था।

5 मुख्य लिखित परीक्षा के प्राप्तांकों का स्केलिंग कार्य गोपनीयता बरतते हुए किया गया था। स्केलिंग हेतु अनुबंधित संस्था को सभी आवश्यक दस्तावेज एवं डाटा उपलब्ध कराये गए थे।

स्केलिंग हेतु अनुबंधित संस्था ने स्केलिंग पश्चात् जो परिणाम चयन सूची उपलब्ध करायी थी इसी के आधार पर साक्षात्कार हेतु अभ्यर्थियो को आहूत किया गया था।

6. छ० ग० लोक सेवा आयोग का गठन नया-नया था तथा प्रथम बार राज्य सेवा परीक्षा के परिणाम तैयार किये गये थे। अनुभवी अधिकारी कर्मचारी की कमी के कारण संभवतः कोई त्रुटि हो गई होगी।

7. साक्षात्कार हेतु आहूत किये गए सभी अभ्यर्थियो के अग्रमान्यता पत्रक एवं आवेदन पत्रो की जाँच का कार्य चयन शाखा के अनुभाग अधिकारी श्री एल के मढरिया को आदेशित किया गया था उसी के निर्देशन मे उक्त कार्य संपन्न हुआ है।

8 कार्यमार्गदर्शिका के अनुसार अंतिम चयन सूची तैयार करने एवं पद आबंटन का कार्य चयन शाखा के अनुभाग अधिकारी का है। श्री एल. के. मढरिया अनुभाग अधिकारी चयन के द्वारा अंतिम चयन सूची तैयार की गई उसी सूची को प्रस्तुत कर मैनें अध्यक्ष महोदय श्री अशोक दरबारी से अनुमोदन प्राप्त किया था।

9. आरोपी का बचाव है कि कु. वर्षा डोंगरे के अग्रमान्यता पत्रक में हुई कांट-छांट के संबंध में मुझे कोई जानकारी नहीं है क्योंकि वह अपने मूल विभाग में वापस स्थानांतरित हो गया था।

आरोपी कमांक 3. श्री लोमेश कुमार मढ़रिया अनुभाग अधिकारी चयन

1. आरोपी का बचाव है कि आयोग में आयोजित राज्य सेवा परीक्षा 2003 के अंतिम चयन परिणाम तैयार करते समय वह चयन शाखा में अनुभाग अधिकारी अवश्य था। परंतु तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक श्री बी.पी. कश्यप द्वारा परीक्षा परिणाम तैयार करने एवं अंतिम चयन सूची तैयार समय गोपनीयता की दृष्टि से स्वयं के द्वारा किया गया है उसका सहयोग प्राप्त नहीं किया गया है।

2. आयोग की राज्य सेवा परीक्षा 2003 के मुख्य लिखित परीक्षा उपरांत आयोग के कार्य आबंटन आदेश कमांक 1291 / परीक्षा दिनांक 23.02.2005 के तहत साक्षात्कार हेतु आहुत किये गये अभ्यर्थीयों के दस्तावेजों की जांच करने का कार्य उसके निर्देशन में कराये जाने संबंधी आदेश प्राप्त होने पर अपने सहयोगियों से कराया था।

3. कु वर्षा डोंगरे के अग्रमान्यता पत्रक की जांच का कार्य दिनांक 06.06.2005 को मेरे द्वारा भी किया गया था। जिस पर मेरे अलावा उस कार्य पर लगे संबंधीत कर्मचारियों के भी हस्ताक्षर है। परंतु उसके अग्रमान्यता पत्रक में काट-छांट के संबंध में उसे कोई जानकारी नहीं है।

4.आरोपी का बचाव है कि कु. वर्षा डोंगरे के अग्रमान्यता में हुई कांट-छाट के संबंध में उसके द्वारा शिकायत करने पर सचिव एवं परीक्षा नियंत्रक के आदेश से उसने जांच प्रतिवेदन अवश्यक बनाया है। परंतु मानवधिकार आयोग, मुख्यमंत्री कार्यालय एवं राज्य शासन को भेजे जाने वाले पत्र का प्रारूप उपलब्ध दस्तावेजों के आधार पर जैसी वस्तु स्थिति पाई गयी थी वैसा ही प्रतिवेदन का प्रारूप तैयार किया था।

5. आरोपी का बचाव है कि साक्षात्कार उपरांत चयनित सभी अभ्यर्थीयों के अग्रमान्यता पत्रक परीक्षा नियंत्रक के अभिरक्षा में रहते है।

6. आरोपी का बचाव है कि वर्षा डोंगरे के शिकायत प्राप्त होने के पश्चात उसे विदित हुआ कि अंतिम चयन सूची में कई प्रकार की अनिमितताएं थी जिसमें कु. वर्षा डोंगरे के अधिक अंक होने पर इसका चयन किसी भी पद नहीं हुआ। चयन सूची में आरक्षण के नियम के अनुसार भी कई त्रुटियां पाई गयी है। अंतिम चयन सूची तैयार एवं पद आवंटन का कार्य तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक श्री बी.पी. कश्यप द्वारा ही किया गया है। उसकी कोई भूमिका नहीं है।

(20) आरोपी के बचाव को साक्ष्यहीन करने वाले तथ्य

आरोपी कमांक 1. श्री अशोक दरबारी तत्कालीन अध्यक्ष छ.ग. लोक सेवा आयोग रायपुर 1. आरोपी का यह बचाव कि माननीय उच्चतम न्यायालय नई दिल्ली ने दिनांक 08.07.2009 को अपने ओपिनियन कि "As redards the conduct of the examination, some problem had arisen and they cannot be attributed to Shri Ashok Darbabari and the Controller of Examination and some other offficials were responsible for commiting such irregularities." । इस प्रकरण में आरोपी श्री अशोक दरबारी ने माननीय उच्चतम न्यायालय नई दिल्ली में अपने निलंबन के विरूद्ध संविधान की धारा 327 (1) में रीट दायर किया था। परंतु श्री अशोक दरबारी की अध्यक्षीय कार्यकाल में छ.ग. लोक सेवा आयोग के राज्य सेवा परीक्षा 2003 के चयन प्रक्रिया में हुई भारी अनिमियतता जिसमें त्रुटि पूर्ण पद आवंटन, आरक्षण के नियमों का उल्लंघन तथा प्रार्थीया कु. वर्षा डोंगरे के अग्रमान्यता पत्रक में कांट-छाटकर उसे चयन से वंचित करने के गंभीर अपराध हुआ है। कार्य मार्गदर्शिका में दिये गये प्रावधान, रूल्स ऑफ प्रोसिजर में दिये गये दायित्वों से बच नहीं सकते । अतः माननीय उच्चतम न्यायालय नई दिल्ली के उक्त के ओपिनियन (Opinion) की आड में अपने संवैधानिक कर्तव्यों एवं दायित्वों से नहीं बच सकते है।

2- छ.ग. लोक सेवा आयोग से पत्र कमांक 2053/3/07/परीक्षा रायपुर दिनांक 08.02.2007 के द्वारा प्राप्त जानकारी के बिंदु क्रमांक 3 में स्पष्ट उल्लेख है कि "अंतिम प्रवीण्य सूची अनुमोदन करने के लिए आयोग / अध्यक्ष सक्षम है, इस प्रकार राज्य परीक्षा 2003 की परीक्षा में हुई अनिमियतताओं व गलत चयन का अनुमोदन करने के लिए अध्यक्ष पूर्णतः उत्तरदायी है।

1/ श्री अशोक दरबारी की पदस्थापना लोक सेवा आयोग में भारतीय संविधान अनुच्छेद 316 के अंतर्गत अध्यक्ष पद पर एक लोक सेवक के रूप में हुई थी। श्री दरबारी तत्समय एक लोक सेवक के रूप में कार्यरत थे। भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 2 सी (10) में लोक सेवक को परिभाषित किया गया है। " Any Person who is a chairman, Member or employee of any service commission of board by what your name called. Or Member of any selection committee appointed by such commission or board for the conduct of any examination or making any selection on hehalf of such commission or board.

2. आरोपी का बचाव उक्त कार्य परीक्षा नियंत्रक का है। परंतु परीक्षा नियंत्रक के नियंत्रण में होने वाले सभी कार्यों का पर्यवेक्षण करना, अनुमोदन से पूर्व पुर्नपरीक्षण करना तत्पश्चात विधि अनुरूप अनुमोदन देना है। अतः वे अपने दायित्वों से नहीं बच सकते।

3. परीक्षा नियंत्रक श्री बी.पी. कश्यप द्वारा राज्य सेवा परीक्षा 2003 के अपूर्ण व अस्पष्ट अंतिम चयन सूची का आशिक अनुमोदन करने से ये अपने दायित्वों से नहीं बच सकते।

4. आयोग के समस्त कार्यकलापों के साथ-साथ आयोग द्वारा आयोजित परीक्षा के निष्पक्ष एवं नियमानुसार परिणामों का पर्यवेक्षण एवं अनुमोदन करना भी आरोपी का पदीय दायित्व है।

5. आयोग का गठन संविधान के अंतर्गत इसी विश्वास के साथ किया गया है कि आयोग निष्पक्ष एवं संपूर्ण प्रक्रिया अपनाते हुए किसी परिणाम से शासन को अनुशंसा करते हुए अवगत करायेगा। यदि आयोग इस प्रकार कि त्रुटिया अनिमितताऐं पक्षपात पूर्ण परिणाम की अनुशंसा करेगा तो आयोग के गठन का क्या औचित्य है।

6. यह सत्य है कि आयोग केवल राज्य सरकार को अनुशंसा करता है जो उसके लिए बंधन कारी नहीं है।

7. लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष की Public duty भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 2 बी के अनुसार Public duty means a duty in the discharge of which the stater, the public or the community at large has and interst.

8. किसी भी लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष का कर्तव्य आयोग की प्रशासनिक व्यवस्था, आयोग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के मध्य कार्य आवंटन, आयोग द्वारा आयोजित सभी प्रतियोगी परीक्षा के तैयार परिणाम को अनुमोदित करना, शासन को अनुशंसा करना, पदोन्नति एवं साक्षात्कार से भरे जाने वाले पदों का अनुमोदन करना, आयोग के अंतर्गत कार्यरत सभी शाखाओं यथा परीक्षा गोपनीय चयन, विज्ञापन विधि पर पूर्ण नियंत्रण रखना, आयोग के कार्य कलापों में पारदर्शिता बरतना वार्षिक प्रगति का प्रतिवेदन महामहीम राज्यपाल को प्रेषित करना आदि संपूर्ण कार्यों के लिए उत्तरदायी है।

9. श्री अशोक दरबारी ने आयोग द्वारा अयोजित राज्य सेवा परीक्षा 2003 के संदर्भ में परीक्षा नियंत्रक श्री बी.पी. कश्यप को परीक्षा संबंधी सभी कार्यों के लिए कार्य आबंटन ओदश जारी किया। जिसमें परीक्षा नियंत्रक सभी नस्तीया सीधे अक्ष के समक्ष प्रस्तुत करेंगे। श्री दरबारी ने कार्यमार्गदर्शिका के प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए उक्त ओदश जारी किया। जबकि आयोग का सचिव अध्यक्ष का मुख्य सलाहकार होता है।

10. श्री अशोक दरबारी ने अपने अध्यक्षीय कार्यकाल में आयोग द्वारा राज्य सेवा परीक्षा 2003 के परीक्षा परिणामों का अनुमोदन किया था।

11. श्री अशोक दरबारी ने अपने पदीय कर्तव्यों एवं उत्तदायित्वों का निर्वहन विधि अनुरूप नहीं किया राज्य सेवा परीक्षा 2003 के आयोजन एवं संचालन पर नियंत्रण नहीं रखा। परीक्षा नियंत्रक श्री बी.पी. कश्यप द्वारा तैयार किये गये त्रुटि पूर्ण परीक्षा परिणामों का अनुमोदन कर षडयंत्र में पूर्ण सहयोग किया जो संविधान एवं आयोग की कार्यमार्गदर्शिका के प्रावधानों एवं नियमों जो बंधनकारी है के विरूद्ध है जो धारा 120 बी. भादवि एवं 13 (1) डी 13 (2) पीसी एक्ट 1988 के अंतर्गत दंडनीय है।

12. छ.ग. लोक सेवा आयोग के रूल्स आफ प्रोसिजर में स्पष्ट लेख है कि अंतिम चयन सूची का अनुमोदन अध्यक्ष द्वारा किया जाएगा। श्री दरबारी ने राज्य सेवा परीक्षा 2003 के अंतिम चयन की सूची को अनुमोदित किया है। यह नस्ती परीक्षा नियंत्रक आरोपी श्री बी.पी. कश्यप द्वारा दिनांक 22.07.2005 लेखकर प्रस्तुत की थी। यह नस्ती अपूर्ण एवं अस्पष्ट थी। इस नस्ती में चयनित सभी अभ्यर्थीयों के नाम, रोल नं. चयनित पद, प्रतीक्षा सूची सहित स्पष्ट लेख किया जाना था। जो परीक्षा नियंत्रक द्वारा नहीं किया गया। अनुमोदन से पूर्व श्री दरबारी को इस संबंध में आपत्ति उठाते हुये परीक्षा नियंत्रक से नस्ती पूर्ण एवं स्पष्ट कराना था। अंतिम चयन सूची के अनुमोदन के पूर्व कार्यमार्गदर्शिका के प्रावधान अनुसार चयन सूची का पुनः सूक्ष्म परीक्षण कराया जाना था। जो नहीं कराया गया। श्री दरबारी के अनुमोदन के पश्चात परीक्षा नियंत्रक द्वारा तैयार त्रुटि पूर्ण सूची जारी कर गयी थी।

13. आयोग के सभी कार्य कलापों, आयोजनों, एवं परीक्षा परिणामों के लिए अध्यक्ष पूर्णतः उत्तरदायी है।

आरोपी कमांक 2 श्री बी.पी. कश्यप तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक-

1. श्री बी.पी. कश्यप प्रतिनियुक्ति पर आयोग में परीक्षा नियंत्रक के पद पर पदस्थ थे। उसके कार्यकाल में राज्य सेवा परीक्षा 2003 के परीक्षा परिणाम चयन सूची जारी की गयी। कार्यमार्गदर्शिका के अनुसार परीक्षा अपने शाखा के सभी किया-कलापों के लिए पूर्णतः जिम्मेदार है। परीक्षा नियंत्रक के आधीन कार्यरत सभी शाखाओं यथा परीक्षा शाखा चयन शाखा के अनुभागों पर पूर्ण नियंत्रण रखना, प्रतियोगी परीक्षा आयोजित करना परिणाम तैयार करना, आदि प्रमुख उत्तरदायित्व है।

2. यह सही है कि आरोपी ने परीक्षा संबंधी सभी कार्यों की स्वीकृति एवं अंतिम चयन परिणामों का अनुमोदन तत्कालीन अध्यक्ष श्री अशोक दरबारी से प्राप्त किया है। परंतु यह भी सत्य है कि अपूर्ण एवं अस्पष्ट नस्तीयों का अनुमोदन प्राप्त किया गया है।

3. आरोपी ने राज्य सेवा परीक्षा 2003 के अंतिम चयन परिणाम की नस्ती अस्पष्ट एवं अपूर्ण लेख किया है। जिसे यह स्पष्ट नहीं होता है कि किस रोल नंबर की किस अभ्यर्थी को किस पद के लिए चयनित किया गया है।

4. यह सत्य है कि मुख्य लिखित परीक्षा के प्राप्तांकों की स्केलिंग हेतु पूर्व से अनुमोदित स्केलिंग सूत्र से कराया गया था। एक ही विषय के दो प्रश्नपत्रों के प्राप्तांकों की स्केलिंग किया जाना था। परंतु आरोपी ने स्केलिंग कार्य हेतु अनुबंधित संस्था से एक ही विषय के चार प्रश्नपत्रों की स्केलिंग कराई है। जो पूर्णतः अव्यहारिक एवं त्रुटि पूर्ण है।

5. श्री कश्यप ने मुख्य परीक्षा के प्राप्तांकों के स्केलिंग के लिए कम्प्यूटर ऐजेंसी मेसर्स मेथोडेक्स सिस्टम लिमिटेड नई दिल्ली को अनुबंध में स्पष्ट निर्देश नहीं दिये थे कि स्केलिंग विषयवार प्रश्न पत्र प्रथम एवं द्वितीय के प्राप्तांकों की केवल दो बार स्केलिंग किया जाना था परंतु स्केलिंग ऐजेंसी द्वारा एक ही विषय के विकल्प एक एवं दो के चार प्रश्न पत्रों के प्राप्तांको का स्केलिंग किया जो पूर्णतः अवैध एवं अव्यवहारिक था। जिसके कारण एक ही विषय को दो अभ्यर्थीयों द्वारा अलग-अलग विकल्प के रूप में लेने पर उनके प्राप्तांकों का स्केल्ड मार्क्स अलग-अलग आये।

6. आरोपी द्वारा अव्यहारिक एवं त्रुटि पूर्ण स्केलिंग पद्धति अपनायी जाने के कारण स्केलिंग कार्य में लगी संस्था के द्वारा भी त्रुटिपूर्ण परिणाम तैयार किये गये। जिसके कारण स्केलिंग पश्चात प्राप्तांकों में भारी अंतर आया और एक ही विषय के एक ही प्रश्न पत्र के समान अंक पाने वाले के स्केल्ड मार्क्स भी भिन्न-भिन्न आये है। जिससे पूरा परीक्षा परिणाम त्रुटि पूर्ण हो गया है।

यदि आरोपी द्वारा गंभीरता से स्पष्ट निर्देश दिये जाते और स्केल्ड मार्क्स का परीक्षण किया जाता तो सही परीक्षा परिणाम तैयार होता।

7. परीक्षा संबंधी कार्य पूर्ण गोपीनय प्रकृति का है। फिर भी श्री कश्यप ने बाहरी व्यक्ति श्री रमेश चंद काशीव अवर सचिव (सेवानिवृत्त) म.प्र. लोक सेवा आयोग को इंदौर से विशेष रूप से बुलाकर सहयोग लिया जो कार्यमार्गदर्शिका के प्रावधानों के विपरित है। श्री काशीव ने अंतिम चयन सूची तैयार करने में परीक्षा नियंत्रक को पद आबंटन संबंधी मार्ग दर्शन अवश्य दिया परंतु अंतिम दायित्व परीक्षा नियंत्रक का ही है। आयोग द्वारा तैयार संयुक्त प्राविण्य सूची जिसके आधार पर पद आवंटन का कार्य पेन्सिल से किया गया उस पर ना तो स्वयं ने हस्ताक्षर किये ना तो किसी अन्य सक्षम अधिकारी के हस्ताक्षर लिये।

8. कार्यमार्गदर्शिका के अनुसार संयुक्त प्राविण्य सूची तैयार करना पद आबंटन करना, अंतिम चयन सूची तैयार करना, परीक्षा नियंत्रक के निर्देशन पर चयन शाखा के अनुभाग अधिकारी का कार्य है। श्री बी.पी. कश्यप ने चयन शाखा के अनुभाग अधिकारी को स्पष्ट निर्देश नहीं दिये ना ही उस पर नियंत्रण रखा, ना ही अंतिम चयन सूची का परीक्षण किया।

9. श्री बी.पी. कश्यप ने अंतिम चयन सूची का अनुमोदन प्राप्त करने के लिए नस्ती संघारित की। यह कार्य चयन शाखा का है। यह नस्ती अपूर्ण एवं अस्पष्ट लेख की गयी थी। नियमानुसार नस्ती में चयन शाखा द्वारा चयनित उम्मीदवार का नाम व रोल नं. चयनित पद, प्रतीक्षा सूची आरक्षित, अनारक्षित वर्ग का उल्लेख स्पष्ट किया जाना चाहिए था जो नहीं किया गया। आरोपी ने ऐसा जानबूझकर किया ताकि अनुमोदन के समय सही तथ्यात्मक वस्तु स्थिति के बारे में कोई अवगत ना हो पाये ।

10. श्री कश्यप ने पद आबंटन के समय आरक्षण के नियमों का पालन नहीं किया जिसके कारण कई आरक्षित / अनारक्षित वर्ग के अभ्यर्थीयों को चयन से वंचित होना पड़ा। आरक्षण के नियमों के पालन के संदर्भ भी सूक्ष्म परीक्षण किये जाने का दायित्व भी अनुभाग अधिकारी के साथ-साथ परीक्षा नियंत्रक का है।

11. श्री कश्यप ने कम अंक प्राप्त करने वाले अभ्यर्थीयों का चयन किया जबकि ज्यादा अंक प्राप्त करने वाले अभ्यर्थीयों को चयन से वंचित किया गया। उसके लिए आरोपी पूर्णतः उत्तरदायी है।

12. साक्षात्कार दिनांक 06.06.2005 को कु वर्षा डोंगरे के अग्रमान्यता पत्रक की जांच के पश्चात उस पर आरोपी के भी हस्ताक्षर है। जिससे यह स्पष्ट है कि प्रार्थीया कु. वर्षा डोंगरे ने अपने अग्रमान्यता पत्रक में पदों के वरीयता क्रम के 10वें क्रम पर भरे गये आबकारी उप निरीक्षक के पद को मर कर नहीं काटा है। यदि यह पद उस समय काटा होता तो आवेदिका के हस्ताक्षर अवश्य कराये जाते ।

13. इसी प्रकार आरोपी ने राज्य सेवा परीक्षा 2003 की कम्प्युटीकृत संयुक्त प्रावीण्य सूची एवं अग्रमान्यता पत्रक में अभ्यर्थीयों के द्वारा भरे गये पदों के अंग्रेजी के संक्षिप्त नाम की कम्प्युट्रीकृत सूची पर ना तो स्वयं ने हस्ताक्षर किये ना ही किसी सक्षम अधिकारी से हस्ताक्षर लिये।

आरोपी कमांक 3. श्री लोमेश कुमार मदरिया अनुभाग अधिकारी (चयन शाखा) –

1 / श्री लामेश कुमार मदरिया छ.ग. लोक सेवा आयोग में विधि अधिकारी के रूप में पदस्थ हुये थे जिन्हें परीक्षा शाखा के चयन शाखा का अनुभाग अधिकारी नियुक्त किया गया था। श्री मदरिया को विधि का पूर्ण ज्ञान है। कार्यमार्गदर्शिका में चयन शाखा अनुभाग अधिकारी के कर्तव्यों एवं उत्तरदायित्वों का स्पष्ट उल्लेख है। श्री मढ़रिया परीक्षा नियंत्रक के नियंत्रण में कार्य कर रहे थे। राज्य सेवा परीक्षा 2003 के आयोजन के समय श्री मढ़रिया चयन शाखा अनुभाग अधिकारी थे। संयुक्त प्राविण्य सूची तैयार करने का कार्य चयन शाखा का था। जिसे बारीकी से तैयार कर श्री मदरिया को हस्ताक्षर करना था जो नहीं किये। साक्षात्कार में उपस्थित अभ्यर्थीयों के अग्रमान्यता पत्रक में भरे गये पदों को वरीयताक्रम में रखकर अंग्रेजी में संक्षिप्त नाम अंकित करने का कार्य, अंतिम चयन सूची तैयार करने का कार्य, विस्तृत नस्ती संधारित करने का कार्य चयन शाखा के अनुभाग अधिकारी श्री एल.के. मदरिया का था।

2 / मुख्य परीक्षा के पश्चात अभ्यर्थीयों के प्राप्तांकों का स्केलिंग पश्चात उसका परीक्षण करने का कार्य चयन शाखा का है।

3/ कार्यमार्गदर्शिका के अनुसार साक्षात्कार के उपरांत अभ्यर्थीयों के आवेदन पत्रों एवं अन्य संबंधीत रिकार्ड को सुरक्षार्थ अपने अधिपत्य में रखने का कार्य चयन शाखा का है।

4/ साक्षात्कार उपरान्त प्रार्थीया के अग्रमान्यता पत्रक को अनुभाग अधिकारी श्री एल.के. मढरिया ने दिनांक 24.03.2006 को सचिव के समक्ष प्रस्तुत किया। जिससे स्पष्ट होता है कि प्रार्थीया का अग्रमान्यता पत्रक उसके अभिरक्षा में था।

5/ कु वर्षा डोंगरे का अग्रमान्यता पत्रक में 10वें कम में भरे गये आबकारी उप निरीक्षक के पद को काटे जाने की जानकारी श्री मढरिया ने सचिव एवं परीक्षा नियंत्रक को दी।

6 / कु. वर्षा डोंगरे की शिकायत पर मानवधिकार आयोग, मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजे जाने वाले उत्तर का प्रारूप दिनांक 30.03.2006 को श्री मढ़रिया के द्वारा तैयार किया गया। जिसमें श्री मदरिया अपनी टीप में लेख किया है कि आवेदिका को अग्रमान्यता पत्रक की प्रति प्रार्थीया को दिया जाना आयोग के हित में नहीं है। तथा सचिव के द्वारा मांगने पर आवेदिका के अग्रमान्यता पत्रक को बंद लिफाफे में प्रस्तुत किया गया। जिससे स्पष्ट होता है कि कु. वर्षा डोंगरे का अग्रमान्यता पत्रक आरोपी की अधिपत्य में होने की धारणा की जा सकती है। केवल चयनित अभ्यर्थीयों से संबंधीत आवेदन पत्र अग्रमान्यता पत्रक एवं अन्य नस्तीयां व सूची परीक्षा नियंत्रक की अभिरक्षा में रखी जाती है। शेष आवेदन पत्र चयन शाखा में रखें जाते है।

7/ साक्षात्कार के समय प्रार्थीया के अग्रमान्यता पत्रक में आरोपी के हस्ताक्षर है। अर्थात जिस समय अग्रमान्यता पत्रक की जांच की जा रही थी उस समय मढ़रिया ने भी उसके अग्रमान्यता को परीक्षण कर हस्ताक्षर किया। इससे स्पष्ट है कि कु वर्षा डोंगरे ने उस समय अग्रमान्यता पत्रक में आबकारी उप निरीक्षक का पद भर कांटा नहीं था।

8/ आरोपी श्री एल. के. मढ़रिया ने सचिव के समक्ष मानवधिकार आयोग एवं मुख्यमंत्री सचिवालय के प्रारूप में यह लिखा कि की आरक्षण के नियमों का पालन किया गया जबकि चयन सूची में इस तरह की बहुत गड़बड़ियां पाई गयी है कि नस्ती क्रमांक 65 / 2005 मुख्यमंत्री सचिवालय 31105 / मु.म.नि. 2006 दिनांक 27.08.2006 की कंडिका 3 व 4 में स्वीकार किया कि कु ऊषा किरण बरई सहायक संचालक जनसम्पर्क तथा कु सारिका रामटेके के अंक कु. वर्षा डोंगरे के अंक से कम थे।

9 / डाटाएन्ट्री ऑपरेट श्री राजादत्ता ने अपने कथन में बताया कि राज्य सेवा परीक्षा 2003 साक्षात्कार हेतु बुलाए गये अभ्यर्थीयों के अग्रमान्यता पत्रक में भरे गये पदों का वरीयता कम में अंग्रेजी में सक्षिप्त नाम भरने का कार्य उसके द्वारा परीक्षा नियंत्रक श्री कश्यप, एच.एल. ध्रुव, श्री मढ़रिया की उपस्थिति में उनके बताये अनुसार किया गया था। इस सूची के पेज नं. 9 में रोल नं. 53443 के समक्ष उसने एन्ट्री की थी। जिसमें 10वें कम पर AEXI भरा था। अर्थात साक्षात्कार उपरांत संयुक्त प्राविण्य सूची तैयार करने के पूर्व इस सूची को तैयार कर लिया गया था। इसी के आधार पर संयुक्त प्राविण्य सूची में यथा प्रविष्ठयां की गयी है।

10 / श्रीमती सीमा चौबे ने अपने कथन में बताया कि वर्षा डोंगरे अग्रमान्यता पत्रक में आबकारी उप निरीक्षक पद भर कर काटा नहीं गया था। श्री मढ़रिया का यह तर्क कि आवेदिका ने भर कर कांटा गया होगा बेबूनियाद एवं निराधार है।

(अ) विभागीय कार्यवाही के लिये हो तो संक्षेप में अभिकथन संलग्न किया जावे

(ब) अभियोजन के लिये किस अभियुक्त के विरुद्ध किन किन धाराओं के विरुद्ध अपराध पाये गये।

(1) श्री अशोक दरबारी तत्कालीन अध्यक्ष श्री अशोक दरबारी की पदस्थापना लोक सेवा आयोग में भारतीय संविधान अनुच्छेद 316 के अंतर्गत संवैधानिक पद अध्यक्ष एक लोक सेवक के रूप में हुई थी। अध्यक्ष का कर्तव्य है आयोग की प्रशासनिक व्यवस्था, आयोग द्वारा आयोजित सभी प्रतियोगी परीक्षा के परिणाम तैयार कर शासन को अनुशंसा करना, पदोन्नति एवं साक्षात्कार से मरे जाने वाले पद पदों का अनुमोदन करना, आयोग के अंतर्गत कार्यरत सभी शाखाओं यथा परीक्षा गोपनीय चयन, विज्ञापन विधि पर पूर्ण नियंत्रण रखना, आयोग के क्रियाकलापों में पारदर्शिता बरतना आदि संपूर्ण कार्यों के लिए उत्तरदायी है।

श्री अशोक दरबारी ने अपने अध्यक्षीय कार्यकाल में आयोग द्वारा राज्य सेवा परीक्षा 2003 के परीक्षा परिणामों का अनुमोदन किया था इस परीक्षा में अभ्यर्थीयों के चयन में भारी त्रुटियां जैसे स्केलिंग पद्धति का अपनाया जाना, आरक्षण के नियमों का उल्लंघन किया जाना, कम अंकों के प्राप्त अभ्यथीयों का चयन करना एवं अधिक प्राप्तांक वालों को चयन से वंचित करना। कु वर्षा डोंगरे के अग्रमान्यता पत्रक में कांटछाट कर चयन से वंचित करना आदि कार्यों का अनुमोदन किया है। जिससे संपूर्ण परीक्षाफल प्रभावित हुआ है।

श्री अशोक दरबारी ने अपने पदीय कर्तव्यों का निर्वहन ठीक ढंग से नहीं किया तथा अपने अधीनस्थ विभागों पर नियंत्रण नहीं रखा। उनके द्वारा तैयार किये गये त्रुटि पूर्ण परीक्षा परिणामों का अनुमोदन कर षडयंत्र में पूर्ण सहयोग किया जो संविधान एवं आयोग के अधिनियम एवं नियमों के विरुद्ध है जो धारा 120 बी. भादवि एवं 13 (1) डी 13 (2) पीसी एक्ट 1988 के अंतर्गत दंडनीय है।

2 / श्री बी.पी. कश्यप तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक ने छ.ग. लोक सेवा आयोग में परीक्षा नियंत्रक के पद पर पदस्थ रहते हुए अपने पदीय कर्तव्यों का निर्वहन विधि अनुरूप नहीं किया अपने अधीनस्थ कार्यरत शाखाओं यथा विज्ञापन, परीक्षा, गोपनीय एवं चयन शाखा पर पूर्ण नियंत्रण नहीं रखा।

अपने कार्यकाल के दौरान राज्य सेवा परीक्षा 2003 की परीक्षा परिणामों को तैयार करने में तैयार करने में गलत स्केलिंग पद्धति अपनाना, अंतिम चयन सूची तैयार करते समय आरक्षण के नियमों का उल्लंघन करना, कम प्राप्त अंकों के अभ्यर्थीयों का चयन करना अधिक अंक प्राप्त वालों का चयन से वंचित करना, आरक्षित पदों पर अनारक्षित वर्ग के अभ्यर्थी का चयन करना, कु. वर्षा डोंगरे के अग्रमान्यता पत्रक में काटछाट कर किसी भी पद में चयन से वंचित करना आदि कार्य जिसके लिए वह पूर्ण से संविधान एवं आयोग के नियमों एवं उपनियमों के अंतर्गत पूर्ण रूप से उत्तरदायी है। एक सोची योजना के अंतर्गत करना जो धारा 420, 467, 468, 471,120बी, भादवि एवं 13 (1) डी 13 (2) पीसी एक्ट के अंतर्गत दंडनीय अपराध है।

3 / श्री लोमेश कुमार मढरिया अनुभाग अधिकारी चयन शाखा श्री मदरिया आयोग की चयन शाखा के अनुभाग अधिकारी थे । राज्य सेवा परीक्षा 2003 में परीक्षा परिणाम तैयार करना प्राविण्य सूची तैयार करना, साक्षात्कार हेतु अभ्यर्थीयों को बुलाना तत्पश्चात अंतिम चयन सूची तैयार करना। समस्त कार्यवाहीयों की नोटशीट तैयार करना, परीक्षा से संबंधीत सभी अभिलेखों, नरतीयों को नियम पूर्वक संधारित करना आदि उसके पदीय कर्तव्य है। श्री मदरिया ने कार्यमार्गदर्शिका में अनुभाग अधिकारी चयन शाखा के कर्तव्यों एवं उत्तरदायित्वों का निर्वहन नहीं किया। अंतिम चयन सूची तैयार करने में आरक्षण के नियमों का उल्लंघन करना कम प्राप्त अंकों के अभ्यर्थीयों का चयन करना अधिक अंक प्राप्त बालों का चयन से बंचित करना, आरक्षित पदों पर अनारक्षित वर्ग के अभ्यर्थी का चयन करना, कु. वर्षा डोंगरे के अग्रमान्यता पत्रक में कांटछांट कर किसी भी पद में चयन से वंचित करना आदि कार्य जिसके लिए वह पूर्ण से संविधान एवं आयोग के नियमों एवं उपनियमों के अंतर्गत पूर्ण रूप से उत्तरदायी है। एक सोची योजना के अंतर्गत करना जो धारा 420, 467, 468, 471, 120बी, भादवि एवं 13 (1) डी 13 (2) पीसी एक्ट के " अंतर्गत दंडनीय अपराध है। कु. वर्षो डोंगरे के अग्रमान्यता पत्रक के कांटछांट करने की गलत जानकारी मानवधिकार आयोग, मुख्यमंत्री कार्यालय, राष्ट्रपति कार्यालय आदि को देने संबंधी प्रारूप तैयार कर गुमराह किया। जो धारा 420, 467, 468, 471, 120बी, भादवि एवं 13 (1) डी 13 (2) पीसी एक्ट के अंतर्गत दंडनीय अपराध है।

निष्कर्ष-

1. छ.ग. लोक सेवा आयोग द्वारा वर्ष 2003 में राज्य सेवा के विभिन्न विभागों के रिक्त पदों के विरूद्ध माग अनुसार 177 पदों के लिये विज्ञापन जारी किया गया था जिसमें से 30 पद बाद में विलोपित कर कुल 147 रिक्त पदों के लिये परीक्षा का आयोजन किया था। प्रारंभिक परीक्षा के पश्चात मुख्य परीक्षा में लगभग 1988 परीक्षार्थी सम्मिलित हुये थे। 147 रिक्त पदों के बिरूद्ध साक्षात्कार हेतु 441 अभ्यर्थीयों को आहुत किया गया था।

2. दिनांक 01.12.2006 को प्रार्थीया कु वर्षा डोंगरे पिता सुखी राम डोंगरे निवासी सिविल लाईन कवर्धा की शिकायत पर कि वह छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग की राज्य सेवा परीक्षा 2003 में अनुसूचित जाति (महिला वर्ग) की अभ्यर्थी के रूप में सम्मिलित हुई थी। इस परीक्षा में उसका रोल नं. 53443 है। उसने कुल अंक 1290.41 प्राप्त किये थे, फिर भी लोक सेवा आयोग द्वारा उसका चयन किसी भी पद नहीं किया गया। प्रार्थीया का नाम व रोल नंबर प्राविण्य सूची सरल कमांक 183 पर था। आवेदिका कु वर्षा डोंगरे का नाम आयोग की संयुक्त प्राविण्य सूची क्रम में ऊपर होते हुए भी उसका चयन किसी भी पद के लिए नहीं किया गया। उसके अग्रमान्यता पत्रक में कांट-छांट की गयी। छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग के लोक सेवकों ने अपने पद का दुरूपयोग करते हुए कम अंक प्राप्त करने वाले अभ्यर्थीयों को चयनित कर उन्हें अनुचित लाभ पहुंचाया और अपराधिक षडयंत्र कर आवेदिका के दस्तावेजों में काट छांट कर कूट रचना की तथा आवेदिका को अनुचित हानि पहुंचायी गयी।।

अतः आरोपीगणों का यह कृत्य धारा 420, 466, 468, 471, 120 (बी) भारतीय दंड विधान एवं धारा 13(1)डी 13 (2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 का प्रथम दृष्टया पाया जाने से उक्त धाराओं का अपराध पंजीबद्ध किया जाकर विवेचना की गई। विवेचना के दौरान छ.ग. लोक सेवा आयोग से पत्राचार कर राज्य सेवा परीक्षा 2003 से संबंधित दस्तावेज एवं नस्तीयां प्राप्त की गई। प्रार्थिया एवं अन्य के कथन लिये गये।

3. प्रार्थीया कु. वर्षा डोगरें के साक्षात्कार दिनांक 06.06.2005 को उसके अग्रमान्यता पत्रक की जांच के दौरान परीक्षा नियंत्रक श्री बी.पी. कश्यप श्री एल.के. मढ़रिया अनुभाग अधिकारी के द्वारा हस्ताक्षर किये गये है यदि उस समय प्रार्थीया के अग्रमान्यता पत्रक में 10वें कम पर आबकारी उप निरीक्षक मरा गया पद यदि कटा हुआ होता उसी समय पकड़ में अवश्य आता और आवेदिका से हस्ताक्षर करवाते। इससे स्पष्ट है कि आवेदिका के अग्रमान्यता पत्रक में यह पद उस समय कटा नहीं था।

4. कु वर्षा डोंगरे रोल नं. 53443 कुल प्राप्तांक 1290.41 का संयुक्त प्रावीण्य सूची में स्थान 183 है। इससे कम अंक प्राप्त करने वाले इसी वर्ग के अन्य उम्मीदवारों का चयन निम्न पदों पर किया गया है।

15. श्री प्रदीप कुमार भोई (अन्य पिछड़ा वर्ग) द्वारा कुल 134909 प्राप्त करने एवं संयुक्त प्राविण्य सूची में 82वां स्थान प्राप्त करने के बावजूद चयन नहीं किया गया जबकि श्री राजेन्द्र कुमार जायसवाल का संयुक्त प्राविण्य सूची में 86वा स्थान प्राप्त होने के बावजूद उसे वाणिज्य कर निरीक्षक के पद पर चयन किया।

6. दो अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति के अभ्यर्थी के पास अस्थायी जाति प्रमाण पत्र होने से उन्हें अनारक्षित वर्ग में घोषित किया है जो चयन से वंचित हो गये। एवं 5 अनुसूचित जाति / अनुसूचित जाति के अभ्यर्थी जिनके पास अस्थायी जाति प्रमाण पत्र थे, उन्हें विभिन्न पदों पर चयन किया गया है. विवरण इस प्रकार है।

7. कु मनीषा डेहरिया द्वारा कुल 1256.07 अंक प्राप्त करने एवं संयुक्त प्राविण्य सूची में 254वां स्थान प्राप्त करने के बावजूद चयन नहीं किया गया जबकि कु निरूपमा लोन्हा का संयुक्त प्राविण्य सूची में 271वां स्थान प्राप्त होने के बावजूद उसे आबकारी उप निरीक्षक व पद पर चयन किया गया।

8. राज्य सेवा (डिप्टी कलेक्टर) के कुल 18 पद थे जिसमें से 10 पद अनारिक्षत वर्ग के लिये एवं 3 पद अजा वर्ग के लिये 3 पद अजजा वर्ग के लिये एवं 2 पद ओ. बी. सी. वर्ग के लिये आरक्षित थे। चयन सूची में कमांक 1 से 10 तक का पद अनारक्षित था तथा जिनके उपरान्त श्री राजीव सिंह चौहान रोल नं 31106 का चयन 11वे स्थान पर किया एवं उसे अ.जा. वर्ग की श्रेणी में आरक्षण का लाभ दिया जाकर चयन किया। श्री चौहान के अग्रामान्यता पत्रक एवं संयुक्त प्राविण्य सूची में अभ्यर्थी द्वारा स्वयं को अनारक्षित श्रेणी का अन्यर्थी बताया गया है। परंतु अनारक्षित वर्ग के श्री चौहान ने अजा का अभ्यर्थी बताकर अनुचित रूप से लाभान्वित किया गया।

आरक्षित वर्गों के विरूद्ध अनारक्षित अभ्यिर्थीयो का चयन

9. छग लोक सेवा अ.जा. अ.ज.जा एव अपिव के लिये आरक्षण नियमों अधिनियम 1994 की धारा 4 की उपधारा 2 में उल्लेख है किसी प्रवर्ग से संबधीत कोई व्यक्ति सामान्य अभ्यिर्थीयों के साथ खुली प्रतियोगिता में योग्यता के आधार पर चयनित हो जाता है तो उसे उपचारा 2 के अधीन ऐसे प्रवर्ग के लिये अनारक्षित रिक्तियों के प्रति समायेजित नहीं किया जाएगा।

ए. उप पुलिस अधीक्षक के 5 पद अनारक्षित थे, जिसने 1 पद महिला के लिए आरक्षित था उपरोक्त अनारक्षित 6 पदों में महिला का चयन होने के बावजूद 7वें क्रमांक पर नेहा पांडे व 5 चयन किया जो आरक्षित वर्ग के लिए पद था, उसके विरूद्ध नेहा पांडे का चयन किया है।

बी. जिला महिला एवं बाल अधिकारी के कुल 10 पद थे जिसमें से 5 पद अनारक्षित जिसमे से महिला के लिए आरक्षित था अर्थात 4 पुरुष एवं 1 महिला के लिए उक्त 5 पद थे 6वें स्थान पर अजय शर्मा का चयन किया गया।

सी सहायक संचालक स्थानीय निधि संपरीक्षा के कुल 4 पद थे जिसमें से 2 अनारक्षित थे. 1 पुरुष व 1 महिला के लिए था। दूसरे स्थान पर अजय बिरथरे का चयन पुरूष वर्ग में न होकर भारती सिंग राजपूत का चयन महिला वर्ग में अनारक्षित वर्ग में होना था। ऐसा न कर अनुसूचित जाति वर्ग के विरूद्ध अजय बिरथरे का चयन किया गया है।

आबकारी उप निरीक्षक के लिए 46 पद थे जिसमें 23 पद अनारिक्षत थे। कमाक 1 से 23 तक अनारक्षित वर्ग में कोई भी अभ्यर्थी चयनित हो सकता था एवं सरल कमांक 23 के बाद क्रमश: 24 और 25 पर अनारक्षित वर्ग के 2 अभ्यिर्थी को चयन कर आरक्षित वर्ग के पद के विरुद्ध चयन किया।

स्केलिंग में गड़बड़ी-

10. कु. वर्षा डोंगरे द्वारा यह भी आरोप लगाया गया है कि स्केलिंग में गड़बड़ी करके उसे कम अंक दिये गये है। स्केलिंग के संबंध में विवेचना में प्राप्त रिकार्ड से पाया गया है। कि मूल विज्ञापन में स्केलिंग के संबंध में कोई प्रावधान नहीं था परंतु आयोग द्वारा दिनांक 09:02 2004 की विशेष सूचना द्वारा केवल ऐच्छिक विषयों में स्केलिंग का प्रावधान लागू करना प्रकाशित किया इस विशेष सूचना में मुख्य परीक्षा के दोनों ऐच्छिक विषयों के चारों प्रश्नपत्रों के लिये अलग-अलग स्केलिंग पद्धति अपनाई जाना विज्ञापित की गयी। स्केलिंग हेतु निम्न सूत्र का प्रयोग किया जाना प्रकाशित किया गया-

स्केल्ड अंक = M+ (X-m)S/s

विभिन्न विषयों में मुख्य लिखित परीक्षा में प्रविष्ठ हुये अभ्यर्थीयों के स्केलिंग के संबंध में बारीकी से अध्यन करने पर पाया गया कि अभ्यिर्थीयां प्रथम एवं द्वितीय प्रश्नपत्रों में स्केलिंग में कोई गड़बड़ी नहीं परंतु द्वितीय ऐच्छिक विषय प्रथम एवं द्वितीय प्रश्नपत्रों में प्राप्ताको के स्केलिंग के पश्चात स्केल्ड प्राप्तांकों में भारी गड़बड़ी हुई है। एक ही विषय में एक बराबर प्राप्तांको के स्केलिंग के बाद के प्राप्तांकों में भारी अन्तर है जिसके कारण कई अभ्यर्थी अपात्र होने के बाद भी चयनित हुए और कई पात्र होने के बावजूद भी चयन से वंचित रह गए।

संपूर्ण विवेचना से आरोपीगणों ने लोक सेवक होते हुए अपने पद का दुरूपयोग कर छग लोक सेवा आयोग की राज्य सेवा परीक्षा 2003 के अंतिम चयन परिणाम तैयार करने में भारी त्रुटियां जैसे अव्यवहारिक स्केलिंग पद्धति का अपनाया जाना आरक्षण के नियमों का उल्लंघन किया जाना, कम अंकों के प्राप्त अभ्यथीयों का चयन करना एवं अधिक प्राप्तांक वालों को चयन से वंचित करना, कु वर्षा डोंगरे के अग्रमान्यता पत्रक में कांटछांट कर किसी भी पद में चयन से वचित करना प्रमाणित पाया गया है जो धारा 420, 467, 468, 471, 120बी, भादवि एवं 13 (1) डी 13 (2) पीसी एक्ट के अंतर्गत दंडनीय अपराध है। प्रकरण में आरोपियों के विरुद्ध पर्याप्त साक्ष्य गायी गयी है।

Sanjeet Kumar

संजीत कुमार: छत्‍तीसगढ़ में 23 वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। उत्‍कृष्‍ट संसदीय रिपोर्टिंग के लिए 2018 में छत्‍तीसगढ़ विधानसभा से पुरस्‍कृत। सांध्‍य दैनिक अग्रदूत से पत्रकारिता की शुरुआत करने के बाद हरिभूमि, पत्रिका और नईदुनिया में सिटी चीफ और स्‍टेट ब्‍यूरो चीफ के पद पर काम किया। वर्तमान में NPG.News में कार्यरत। पंड़‍ित रविशंकर विवि से लोक प्रशासन में एमए और पत्रकारिता (बीजेएमसी) की डिग्री।

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