CG-Patwari Strike: पटवारी संघ अब आर पार की लड़ाई के मूड में, एस्मा आदेश की कॉपी जलाकर जताया विरोध
CG-Patwari Strike: रायपुर। 8 सूत्रीय मांगो को लेकर माना के तूता धरना स्थल में जुटे पटवारी संघ ने अब आर पार की लड़ाई का मूड बना लिया है। इस उद्देश्य से आज संघ ने एस्मा आदेश की कॉपी जलाकर विरोध जताया। पटवारी संघ ने शासन द्वारा जारी किये गए एस्मा आदेश को तुगलकी फरमान भी बताया है।
मालूम हो कि पटवारियों की हड़ताल का असर आम जनता पर सबसे ज्यादा पड़ रहा है। नौकरी, जमीन से जुड़े काम, स्कूल कॉलेज में एडमिशन से लेकर बेरोजगारी भत्ते के लिए आय, जाति और निवास प्रमाण पत्र की जरूरत पड़ती है। पटवारियों की हड़ताल की वजह से युवाओं को भटकना पड़ रहा है। हड़ताल लंबी चली तो एडमिशन से लेकर नौकरी के आवेदन से युवा चूक जाएंगे। इन सबको देखते हुए राज्य सरकार ने हड़ताल पर बीते बुधवार से एस्मा लगाया है। इस बाबत आदेश भी जारी किया गया था, जो इस प्रकार है...
''विगत 15 मई से जारी पटवारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल के चलते आम जनता के राजस्व संबंधी कार्यों के निपटारे में काफी कठिनाई आ रही थी। राजस्व विभाग से जुड़ी अत्यावश्यक सेवाओं में हो रही बाधा के चलते शासन ने पटवारियों के कार्य करने से इंकार किये जाने का प्रतिषेध किया है। राज्य सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ अत्यावश्यक सेवा संधारण तथा विच्छिन्नता निवारण अधिनियम, 1979 की धारा 4 की उपधारा 1 तथा 2 में प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए राजस्व विभाग के पटवारियों के लिए यह आदेश जारी किया है। यह आदेश 7 जून से प्रभावीशील किया गया है और आगामी 3 महीने के लिए प्रभावशील रहेगा।
उल्लेखनीय है कि इस एक्ट के अंतर्गत राजस्व विभाग से जुड़ी अत्यावश्यक सेवाएं भी आती हैं। शासन ने लोकहित में यह निर्णय लिया है। पटवारियों के हड़ताल के चलते शिक्षा सत्र चालू होने एवं रिक्त पदों की भर्ती प्रक्रियाधीन होने से विद्यार्थियों को जाति, निवास एवं आय प्रमाण पत्र प्राप्त करने में कठिनाई हो रही है। इन जरूरी दस्तावेजों के नहीं बनने से इन विद्यार्थियों को आने वाली दिक्कतों को संज्ञान में लेते हुए यह आदेश जारी किया गया है। साथ ही कृषि कार्य भी आरंभ होने वाला है। ग्रामीण क्षेत्रों में सीमांकन, बटांकन और नामांतरण की कार्यवाही शासकीय योजनाओं का लाभ लेने अत्यावश्यक है। पटवारी प्रतिवेदन के अभाव में राजस्व न्यायालयों का कार्य प्रभावित हो रहा है। इन सभी दिक्कतों को दृष्टिगत रखते हुए यह निर्णय लिया गया कि अत्यावश्यक सेवाओं की पूर्ति में बाधा होने से लोक हित प्रभावित हो रहा है और लोगों का कार्य सुचारू रूप से हो सके, उन्हें किसी तरह की दिक्कत न आये, इसके चलते यह आदेश जारी किया गया है।''