विधायक बने रहेंगे धर्मजीत: धर्मजीत सिंह ने पार्टी से निष्कासित करने के लिए रेणु जोगी का जताया आभार, पढ़ें क्या कहा...

रायपुर। जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जोगी) से निष्कासित होने के बाद लोरमी विधायक धर्मजीत सिंह राजधानी में मीडिया से रूबरू हुए। उनके साथ प्रमोद शर्मा भी थे। धर्मजीत सिंह ने भाजपा या किसी अन्य दल में जाने के सवाल पर दो टूक कहा कि वे जब जाएंगे और जहां जाएंगे, बताकर जाएंगे। उन्हें खुल्ला खेल फर्रुखाबादी पसंद है। सम्मानजनक चर्चा होगी, उसके बाद वे कहीं भी जाने का निर्णय लेंगे। पार्टी से निष्कासित करने के फैसले पर उन्होंने डॉ. रेणु जोगी का आभार जताया है। अब यहां दो सवाल सबसे अहम हैं। पहला यह कि धर्मजीत सिंह ने डॉ. रेणु जोगी और अमित जोगी के फैसले पर क्या कहा? दूसरा, अब धर्मजीत सिंह की सदस्यता का क्या होगा?
क्या विधायक बने रहेंगे धर्मजीत सिंह
जी हां, धर्मजीत सिंह विधायक बने रहेंगे। उनकी सदस्यता खत्म नहीं होगी, बल्कि वे स्वतंत्र या असंबद्ध विधायक माने जाएंगे। इससे पहले जनवरी 2016 में अमित जोगी को जब कांग्रेस ने 6 साल के लिए निष्कासित किया था, तब भी यही सवाल आया था कि क्या उनकी विधायकी चली जाएगी। चूंकि उन्हें पार्टी ने निष्कासित किया था, इसलिए पार्टी की संबद्धता खत्म हो गई थी और वे स्वतंत्र या असंबद्ध विधायक के रूप में हिस्सा लेते रहे। इसी तरह धर्मजीत सिंह भी असंबद्ध विधायक के रूप में विधानसभा की कार्यवाही में हिस्सा लेते रहेंगे।
अब पढ़ें, धर्मजीत ने क्या कहानी बताई
धर्मजीत सिंह ने प्रेस क्लब में मीडिया से चर्चा में यह बताया कि 27 अगस्त को वे केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के कार्यक्रम में हिस्सा लेने आए थे। इसके दूसरे दिन 28 अगस्त को अमित जोगी ने उनकी पत्नी शशि सिंह को फोन किया और बदतमीजी की। अपशब्दों का प्रयोग किया। ऐसे शब्द जिन्हें पत्नी भी नहीं बता सकी। जब वे घर पहुंचे, तब उनकी पत्नी ने घटना के बारे में पूरी बात बताई। धर्मजीत सिंह ने वाट्सएप पर हुई बातचीत का स्क्रीन शॉट भी दिखाया, जिसमें पहले उनकी ओर से गद्दारों को पार्टी से निष्कासित करने की बात का उल्लेख किया गया था।
इसके बाद एक अन्य मैसेज में माफी मांगी थी और यह लिखा था कि मम्मी (डॉ. रेणु जोगी) की तबीयत खराब होने के कारण यह सब हुआ। डॉ. रेणु जोगी ने भी मैसेज भेजकर अमित जोगी के व्यवहार के लिए माफी मांगी थी। धर्मजीत के मुताबिक इसके बाद उन्होंने परिवार के किसी भी सदस्य से बात नहीं की। अपना कुकृत्य छिपाने के लिए उन्हें निष्कासित करने का निर्णय लिया गया है। यदि वे और प्रमोद शर्मा चाहते तो कभी भी पार्टी टूट सकती थी। ऐसी कार्रवाई का इंतजार क्यों करते, लेकिन उनके मन में कभी ऐसा विचार नहीं आया। धर्मजीत सिंह ने अपनी हत्या की आशंका भी जताई है।
अमित जोगी ने क्या कहा...वह भी पढ़ लें
अमित जोगी ने कहा है, 'आदरणीय ठाकुर धर्मजीत सिंह जी मेरे लिए सदैव आत्मीय और सम्मानीय थे, हैं और रहेंगे। मेरे संस्कार मुझे यह अनुमति नही देते कि मैं अपने वरिष्ठजनों विशेषकर वो जो मेरे पिता की राजनीतिक छाया में पले बढ़े, उनकी किसी भी बात पर उनके विरुद्ध कुछ कहूं। माननीय अजीत जोगी ने छत्तीसगढ़ के अनुसूचित जाति-जनजाति, पिछड़े वर्गों तथा समाज के गरीब और दबे कुचले लोगों के उत्थान के लिये जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) का गठन किया था। लेकिन पार्टी के अस्तित्व को मिटाने और छत्तीसगढ़ की अस्मिता को कुचलने के लिए जो षड्यंत्र रचा गया, उसको देखते हुए पार्टी के पास आदरणीय ठाकुर धर्मजीत सिंह पर कार्यवाही करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था। दुख केवल इस बात का है कि आदरणीय धर्मजीत चाचा को क्षेत्रीय स्वाभिमान छोड़कर, छत्तीसगढ़ का एकनाथ शिंदे बनना ज्यादा रास आया। रही बात मेरे विरुद्ध अनाप-शनाप बातें करने की तो मैं केवल इतना ही कहूंगा कि ये बातें ठाकुर धर्मजीत सिंह नहीं बल्कि उनके अंदर का एकनाथ शिंदे बोल रहा है।'