उल्टा-पुलटाः सत्र के दौरान कर्मचारियों को छुट्टी नहीं मिलती, अबकी हड़ताल से ऑफिसों में कामधाम ठप्प, सरकार को रेवन्यू देने वाला रजिस्ट्री तक बंद
रायपुर। राज्य बनने के बाद यह पहला मौका होगा, जब विधानसभा का सत्र चल रहा है और अधिकारी, कर्मचारी हड़ताल पर हैं। अभी तक यही होते आया है कि विधानसभा सत्र प्रारंभ होने से हफ्ता भर पहले कर्मचारियों, अधिकारियों को सत्र के दौरान मुख्यालय न छोड़ने का आदेश दे दिया जाता था। इस दौरान आमतौर पर छुट्टी भी नहीं मिलती थी। लेकिन, इस बार डीए और एचआरए की मांग के कारण आज से आफिसों में कामकाज ठहर सा गया।
हालांकि, विधानसभा सत्र की घोषणा से पहले ही कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन ने हड़ताल का ऐलान कर दिया था। इसे शिक्षक संघों ने समर्थन देने का भरोसा दिया था। यही वजह है कि आफिसों से लेकर स्कूलों तक में तालेबंदी की स्थिति है। मंत्रालय से लेकर विभागाध्यक्ष भवन में वीरानी छाई हुई है। विधानसभा काम के सिलसिले में कई अधिकारी आज खुद ही गाड़ी चलाते नया रायपुर पहुंचे। क्योंकि, उनका ड्राईवर हड़ताल पर है। जिन अधिकारियों का पुराना रायपुर में भी बैठने का इंतजाम है, वे नया रायपुर नहीं गए। सरकारी स्कूलों में आज एक भी टीचर स्कूल नहीं गया। बच्चों को पता था कि मास्टरजी लोग हड़ताल पर रहेंगे, सो बच्चे भी स्कूल नहीं आए।
फेडरेशन की हड़ताल को अभूतपूर्व सफलता मिली है। राजधानी रायपुर से लेकर जिलों, तहसीलों और ब्लॉक मुख्यालयों में सरकारी कामकाज ठप्प पड़ गया है। स्कूलों में हड़ताल के कारण एक तो बच्चें नहीं आए, और थोड़े बहुत आए, उनके लिए मध्यान्ह भोजन नहीं बन पाया। शिक्षकों के ट्रेनिंग प्रोग्राम निरस्त कर दिए गए हैं। हड़ताल के कारण बिलाईगढ़ में आयोजित बालवाड़ी प्रशिक्षण कार्यक्रम निरस्त कर दिया गया है। यहां तक कि सरकार को राजस्व देने वाला पंजीनय विभाग पर ताले लटके हैं। इससे जमीनों की रजिस्ट्री भी रुक गई है।
आज हड़ताल की शुरुवात से प्रदेश भर के स्कूलों में ताले लटक गए हैं। जिसके चलते पढ़ाई तो प्रभावित हुई ही मध्याह्न भोजन भी प्रभावित हो गया हैं। अब जब तक हड़ताल चलेगी तब तक स्कूली बच्चो को भूखा ही रहना पड़ेगा। स्वास्थ्य कर्मियों की हड़ताल के चलते कोविड वेक्सिनेशन भी प्रभावित हुआ है। हालांकि संविदा कर्मचारियों के द्वारा कही कहि वेक्सिनेशन किया जा रहा है।
राजस्व दफ्तरों में पटवारियों व राजस्व कार्यालयों में हड़ताल के चलते फौती नामांतरण बटवारें जाती निवास आमदनी बनाने का काम प्रभावित हो रहा हैं। पंजीयन कार्यालय में कर्मचारियों के नही होने से रजिस्ट्री नही हो पा रही हैं। यही हाल निर्माण कार्यो का हैं। डिप्लोमा व ग्रेजुएट इंजीनियरो के हड़ताल में रहने के चलते निर्माण कार्य प्रभावित हो रहे हैं। साथ ही दफ्तरों के बंद रहने से करोड़ो का बिल भुगतान आदि भी रुक जाएगा।
खेती बाड़ी के समय से कृषि विभाग में हड़ताल के चलते खाद्य व बीज आबंटन व कृषि सम्बंधित कार्य भी प्रभावित है। साथ ही कृषि कालेज,इंजीनियरिंग कालेज, आईटीआई व अन्य कालेज भी प्रभावित हुए हैं। जिसके चलते एडमिशन व परीक्षा भी प्रभावित हो रहे हैं। यहां तक कि स्वामी विवेकानंद टेक्नीकल यूनिवर्सिटी ने परीक्षा स्थगित करने का एलान तक कर दिया है। पिछली बार की तरह इस बार भी सर्व शिक्षक संघ समेत कई शिक्षा संगठनों ने आंदोलन को समर्थन देने का फैसला लिया है।
NPG से बात करते हुए प्रदेश अध्यक्ष विवेक दुबे ने कहा, वास्तव में यह दुखद स्थिति है कि हमें महंगाई भत्ता जैसे मुद्दे पर आंदोलन करना पड़ रहा है सरकार को इसका सीधा संज्ञान लेना चाहिए महंगाई भत्ता कर्मचारी का बुनियादी हक है जो कि आज तक हमेशा मिलता रहा है लेकिन अब उसमें भी कटौती हो रही है ।
छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के संजय शर्मा ने कहा है कि हमारे सभी सदस्य शिक्षक संवर्ग हड़ताल में शामिल हैं। अनिश्चितकालीन हड़ताल के कारण सभी शासकीय स्कूल, शिक्षा विभाग व अन्य सभी विभाग के ब्लॉक, जिला, संभाग कार्यालय, तहसील, राजस्व, कलेक्टर कार्यालय के सभी शिक्षक, कर्मचारी व अधिकारी हड़ताल पर चले गए है, स्कूल, कार्यालय सभी शासकीय दफ्तरों में सन्नाटा है, कर्मचारियो का मिलकर DA व HRA के लिए यह प्रदेश का सबसे सशक्त व मजबूत आंदोलन है।