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सुनो-सुनो-सुनो: कल से स्कूल खुलेंगे, न सरकारी दफ्तरों में काम होगा; जानें हड़ताल का कहां-कहां पड़ेगा असर...

34 प्रतिशत महंगाई भत्ते और गृह भाड़ा भत्ते के लिए प्रदेशभर के सरकारी कर्मचारी अधिकारी रहेंगे हड़ताल पर।

सुनो-सुनो-सुनो: कल से स्कूल खुलेंगे, न सरकारी दफ्तरों में काम होगा; जानें हड़ताल का कहां-कहां पड़ेगा असर...
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By NPG News

रायपुर। छत्तीसगढ़ बनने के बाद पहली बार एक हफ्ते के लिए सरकारी सिस्टम ठप पड़ जाएगा। ऐसा इसलिए क्योंकि केंद्र सरकार के कर्मचारियों के समान 34 प्रतिशत महंगाई भत्ता और गृह भाड़ा भत्ते के लिए 80 से ज्यादा कर्मचारी संगठन हड़ताल पर रहेंगे। इस दौरान न स्कूल खुलेंगे, न ही सरकारी दफ्तरों में काम होगा। यहां तक कि अफसरों की गाड़ियों के लिए ड्राइवर भी नहीं मिलेंगे।

छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के बैनर तले 25 से 29 जुलाई तक सरकारी अमला हड़ताल पर रहेगा। इन पांच दिनों में यदि सरकार की ओर से कोई सकारात्मक बातचीत नहीं होगी तो कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा सकते हैं। ऐसी स्थिति में लोगों की मुश्किलें बढ़ जाएंगी। छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडेरशन के संयोजक कमल वर्मा के मुताबिक फेडरेशन के बैनर तले सभी संगठन एकजुट हैं। सभी कर्मचारियों ने अपने-अपने कार्यालय व विभाग प्रमुखों को अवकाश की सूचना दे दी है। अपनी मांगों के समर्थन में सभी एकजुट होकर प्रदर्शन करेंगे।

यूनिवर्सिटी में परीक्षाएं, स्कूलों में खेल गतिविधियां रद्द

34 प्रतिशत महंगाई भत्ते व गृह भाड़ा भत्ते के लिए सभी शिक्षक संगठन एकजुट होकर आंदोलन में शामिल हो रहे हैं। इस वजह से स्कूलों में पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद गतिविधियां, यहां तक कि मध्याह्न भोजन भी प्रभावित होगा। स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय में इस दौरान होने वाली परीक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं। राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के कर्मचारी भी हड़ताल पर हैं, इसलिए वहां भी शैक्षणिक व गैर शैक्षणिक गतिविधियां प्रभावित होंगी।


पटवारी मिलेगा, न ही जमीन की रजिस्ट्री हो पाएगी

राजस्व विभाग का पूरा अमला हड़ताल में शामिल हो रहा है। यानी पटवारी से लेकर तहसील, एसडीएम, कलेक्टोरेट और रजिस्ट्री दफ्तर सभी जगह कामकाज बंद रहेगा। ऐसे में जमीन की खरीदी-बिक्री, नामांतरण ठप पड़ जाएगी। यही नहीं, आय, जाति व निवास प्रमाण पत्र के भी काम अटक जाएंगे। तहसील से लेकर कलेक्टोरेट में सबसे ज्यादा लोगों की भीड़ रहती है। हफ्तेभर के लिए लोगों को भटकना पड़ेगा। परिवहन विभाग का भी समर्थन होने के कारण ड्राइविंग लाइसेंस भी नहीं बनेगा।


इंद्रावती भवन में सारे स्टाफ रहेंगे हड़ताल पर

इंद्रावती भवन में राजपत्रित अधिकारियों से लेकर चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों तक सभी हड़ताल में शामिल हो रहे हैं। इस स्थिति में वहां पूरा कामकाज बंद रहेगा। इस दौरान यदि डायरेक्टर पहुंचते भी हैं, तो उन्हें पानी पिलाने से लेकर फाइल लाने-ले जाने के लिए भी कोई नहीं मिलेगा। यही स्थिति जिले स्तर के दफ्तरों में भी होगी।


आंदोलन को पुलिसकर्मियों का भी मौन समर्थन

पुलिस को छोड़कर सारे सरकारी कर्मचारी अधिकारी महंगाई भत्ते के लिए हड़ताल पर रहेंगे। इस दौरान राज्य के पुलिसकर्मी कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी संभालने के लिए ड्यूटी पर रहेंगे, लेकिन उनका भी आंदोलन को मौन समर्थन है। दरअसल, कर्मचारियों की ओर से लगातार मांग करने के बावजूद 34 प्रतिशत महंगाई भत्ता और गृह भाड़ा भत्ते के संबंध में सरकार ने कोई फैसला नहीं लिया है। इस बीच दो चरणों में आंदोलन हो चुका है। तीसरे चरण में 25 से 29 जुलाई के बीच हड़ताल का निर्णय लिया गया है।

अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने के लिए दबाव

राज्य सरकार की ओर से कर्मचारियों की मांगों को पूरा करने के संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया जा रहा है। इस वजह से कर्मचारियों में नाराजगी है। फेडरेशन के नेताओं पर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का दबाव है। फेडरेशन की ओर से यह तय किया गया है कि 25 से 29 जुलाई के बीच हड़ताल के बावजूद यदि सरकार कोई निर्णय नहीं लेगी तो अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया जाएगा।

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