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SDO को कुछ नहीं मालूम : 21 लाख लीटर पानी बह गया और जल संसाधन विभाग के एसडीओ ने कह दिया मुझे जानकारी नहीं थी, पढ़ें कलेक्टर ने क्या किया

SDO को कुछ नहीं मालूम : 21 लाख लीटर पानी बह गया और जल संसाधन विभाग के एसडीओ ने कह दिया मुझे जानकारी नहीं थी, पढ़ें कलेक्टर ने क्या किया
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By Manoj Vyas

कांकेर. फूड इंस्पेक्टर के डेढ़ लाख के मोबाइल के लिए 21 लाख लीटर पानी व्यर्थ बहाने के मामले में जल संसाधन के एसडीओ ने कह दिया कि उन्हें कुछ नहीं मालूम था. शोले फिल्म के गब्बर सिंह की तरह यह डायलॉग चिपकाकर एसडीओ ने अपना जवाब कलेक्टर को भेज दिया. इस जवाब के बाद अब कलेक्टर डॉ. प्रियंका शुक्ला ने जल संसाधन विभाग के सचिव को चिट्ठी लिखी है.

कलेक्टर ने लिखा है, आरएल धीवर, एसडीओ जल संसाधन पखांजूर द्वारा कारण बताओ नोटिस के जवाब में उन्हें घटना की कोई जानकारी नहीं होने और जलाशय से पानी निकालने के लिए अनुमति नहीं देने की जानकारी दी है. एसडीओ ने अपने जवाब में यह भी लिखा है कि जलाशय से पानी खाली किए जाने की सूचना मिलने पर तत्काल कार्यवाही करते हुए डीजल पंप को बंद कराया और उक्त स्थान से डीजल पंप को हटाया गया.

कलेक्टर ने लिखा है, एसडीओ आरएल धीवर को चार दिन तक मोटर पंप से पानी निकालने के बावजूद सूचना नहीं होना औश्र चार दिन बाद सूचना मिलने के बावजूद उनके द्वारा कार्यवाही नहीं करना यह दर्शाता है कि क्षेत्र में उनके द्वारा जलाशयों का नियमित पर्यवेक्षण नहीं किया जाता है, जो उनके पदीय दायित्वों के निर्वहन के प्रति उनकी लापरवाही व उदासीनता का द्योतक है.

इसलिए आरएल धीवर, एसडीओ पखांजूर द्वारा कारण बताओ नोटिस का जवाब संतोषप्रद नहीं होने के कारण उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की अनुशंसा की जाती है.

क्या है मामला

पखांजूर में पदस्थ फूड इंस्पेक्टर राजेश बिश्वास 21 मई को अपने दोस्तों के साथ पार्टी करने परलकोट जलाशय गए थे. इस दौरान बिश्वास का फोन पानी में गिर गया. बिश्वास ने पहले गांव के गोताखोरों की मदद ली. जब फोन नहीं मिला तो अपना विभागीय प्रभाव दिखाते हुए राशन दुकान संचालकों को ढूंढने में लगाया. इसके बाद भी मोबाइल नहीं मिला तो बड़े-बड़े डीजल पंप की मदद से करीब 21 लाख लीटर पानी व्यर्थ बहा दिया. यह खबर जब मीडिया में आई, तब प्रशासन ने आनन-फानन में फूड इंस्पेक्टर को सस्पेंड कर दिया. वहीं, एसडीओ को शो कॉज नोटिस जारी किया गया है. अब एसडीओ की ओर से संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर कार्रवाई की तैयारी है.

Manoj Vyas

मनोज व्यास : छत्तीसगढ़ में 18 साल से पत्रकारिता में सक्रिय, सभी प्रमुख संस्थाओं में दी सेवाएं, इसी दौरान हरिभूमि समाचार पत्र से जुड़े। इसके बाद दैनिक भास्कर में सिटी रिपोर्टर के रूप में जॉइन किया। नौकरी के साथ-साथ गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय से एमएमसीजे की पढ़ाई पूरी की। न्यायधानी के बाद राजधानी का रुख किया। यहां फिर हरिभूमि से शुरुआत की और नेशनल लुक, पत्रिका, नवभारत, फिर दैनिक भास्कर होते हुए भविष्य की पत्रकारिता का हिस्सा बनने के लिए NPG.News में बतौर न्यूज एडिटर जॉइन किया। इस बीच नवभारत के भुवनेश्वर, ओडिशा एडिशन में एडिटोरियल इंचार्ज के रूप में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं।

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