Begin typing your search above and press return to search.

सराफा कारोबारी हत्याकांड: रायपुर कोर्ट से फरार आरोपी था लूट-हत्याकांड का मास्टरमाइंड, ऐसे पकड़े गए आरोपी

आईजी बद्रीनारायण मीणा ने आरोपियों को पकड़ने वाली पुलिस टीम को पुरस्कार देने का ऐलान किया है।

सराफा कारोबारी हत्याकांड: रायपुर कोर्ट से फरार आरोपी था लूट-हत्याकांड का मास्टरमाइंड, ऐसे पकड़े गए आरोपी
X
By NPG News

दुर्ग। अमलेश्वर के समृद्धि ज्वेलर्स के संचालक सुरेंद्र सोनी की हत्या और लूट के आरोपियों को पुलिस टीम ने फिल्मी अंदाज में पकड़ा। घटना के 24 घंटे के भीतर ही दुर्ग पुलिस टीम ने आरोपियों को वाराणसी से गिरफ्तार कर लिया। इसमें पुलिस की सक्रियता के साथ-साथ तकनीकी की काफी मदद मिली। दुर्ग आईजी बीएन मीणा ने आरोपियों को पकड़ने वाली टीम को पुरस्कार देने का ऐलान किया है। दुर्ग एसपी डॉ. अभिषेक पल्लव के शब्दों में पढ़िए किस तरह आरोपियों को पकड़ा गया...

"अमलेश्वर मेन रोड पर समृद्धि ज्वेलर्स है। सुरेंद्र सोनी और उनके पुत्र तनिष्क इसका संचालन करते हैं। तनिष्क ने 20 अक्टूबर को करीब सवा बजे पुलिस को खबर दी कि उनके सराफा दुकान में दो लोगों ने पिता पर गोली चलाई है। साथ ही, गहने और कैश लूट लिए हैं। डायल-112 की मदद से वे अपने पिता को रायपुरा स्थित ओम हॉस्पिटल लेकर गए, जहां से उन्हें मेकाहारा रायपुर रिफर कर दिया गया था। वहां डॉक्टरों ने जांच के बाद मृत घोषित कर दिया था।


खबर मिलने पर पुलिस टीम मौके पर पहुंची। मैं भी घटनास्थल के लिए रवाना हुआ। प्रारंभिक रूप से जो भी जानकारियां थीं, वह सीसीटीवी फुटेज से मिली। इसमें दो व्यक्ति दिखाई दे रहे थे। एक आरोपी का एक हाथ नहीं है। यह काम की जानकारी थी। तनिष्क सोनी से चर्चा में एक और अहम जानकारी मिली कि उन्होंने मोबाइल पर सीसीटीवी फुटेज देखा था, उसी तरह के आरोपी खुड़मुड़ा की ओर जा रहे थे। इसके बाद तत्काल अधिकारियों के साथ-साथ क्राइम ब्रांच और अलग-अलग थानों के कुछ चुनिंदा पुलिसकर्मियों को जांच के लिए लगाया गया।

अलग-अलग सीसीटीवी फुटेज के आधार पर एक पुलिस आगे बढ़ी। रायपुर में कुंदाली गांव के पास झारखंड पासिंग की बाइक JH12N2701 बरामद हुई। इस बाइक का आरोपियों ने इस्तेमाल किया था। इसके आगे एक होंडा सिटी कार चल रही थी, जिसका नंबर DL4CAH2592 था। यह दूसरा क्लू मिला। इसके बाद सारे टोल नाके में अलर्ट किया गया। रायपुर व बिलासपुर रेंज की पुलिस के साथ को-ऑर्डिनेशन किया गया। बाइक के नंबर के आधार पर झारखंड पुलिस से संपर्क किया गया। झारखंड से खबर आई कि संबंधित बाइक राजेश कुमार सिंह के नाम पर है, जो सिक्योरिटी एजेंसी चलाते हैं। यह गाड़ी सिक्योरिटी एजेंसी के मालिक ने सौरभ सिंह को दी थी। यह वही आरोपी है, जिसका एक हाथ नहीं है।


एक खबर यह मिली कि कार 3.02 बजे कार रायपुर में दिखी है। यह आशंका थी कि आरोपी बिलासपुर की ओर जा रहे हैं। इसके बाद बिलासपुर जिले के हिर्री थाने की पुलिस को खबर दी गई। हालांकि जब तक हिर्री थाने की टीम रायपुर-बिलासपुर नेशनल हाईवे पर तरपोंगी टोल नाके तक पहुंची तो पता चला कि आरोपी 3.50 बजे टोल क्रॉस कर चुके हैं। एक संभावना के आधार पर मैंने वाराणसी कमिश्नरेट से संपर्क किया। आईटीएमएस कैमरे की मदद से वहां से खबर आई कि आरोपियों की कार वाराणसी शहर आई है, लेकिन शहर से बाहर निकलने का वीडियो नहीं है। इससे यह तय हो गया कि आरोपी वाराणसी में हैं। वाराणसी जंक्शन भी है, इसलिए आरपीएफ को भी खबर दी गई। आरोपियों का पीछा करते हुए दुर्ग पुलिस की टीम वाराणसी तक पहुंच चुकी थी। आरोपियों की गाड़ी नजर आई तो आरपीएफ की मदद से ट्रैफिक जाम कर दिया गया। इसके बाद दुर्ग पुलिस के इंस्पेक्टर संतोष मिश्रा के साथ टीम ने आरोपियों को घेराबंदी कर दबोच लिया। आरोपियों से पिस्टल व देसी कट्‌टे के साथ-साथ जेवर भी बरामद हो गया।"

फरार आरोपी निकला मास्टरमाइंड

घटना का मास्टर माइंड अनुपम झा उर्फ अभिषेक झा है। अनुपम ने सौरभ कुमार सिंह, अभय कुमार भारती और आलोक कुमार यादव के साथ लूट के उद्देश्य से अम्लेश्वर में रेकी की। सौरभ कुमार सिंह और अभय कुमार भारती ने अम्लेश्वर तिरंगा चौक स्थित समृद्धि ज्वेलर्स के मालिक सुरेन्द्र सोनी की हत्या कर दुकान से लूट की घटना को अंजाम दिया। आरोपियों में थाना रायपुर सिविल लाइन, थाना टिकरापारा और डीडी नगर में लूट और हत्या का अपराध करने वाले आरोपी अनुपम झा उर्फ अभिषेक झा, जो पेशी के दौरान कोर्ट से फरार हो गया था, वही मास्टरमाइंड निकला।

इनका योगदान रहा सराहनीय

आरोपियों को 24 घंटे के भीतर गिरफ्तार करने में क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर संतोष मिश्रा, एएसआई शमित मिश्रा, पूर्ण बहादुर, आरक्षक शहबाज खान, विक्रांत यदु, कोमल राजपूत व आरपीएफ वाराणसी की निरीक्षक अंजुलता द्विवेदी व आरक्षक रमेश यादव का उल्लेखनीय योगदान रहा। तकनीकी साक्ष्य जुटाने और सीडीआर एनालिसिस करने में हेड कांस्टेबल एसीसीयू चन्द्रशेखर बंजीर का योगदान रहा।

Next Story