RSS ने किया अलर्ट: भाजपा के प्रशिक्षण सत्र में प्रांत प्रचारक ने दिलाई समन्वय की याद... 2018 में यही थी हार की वजह
भाजपा के प्रशिक्षण सत्र के पहले दिन 7 वक्ताओं ने रखी अपनी बात। किसानों पर रहेगा फोकस। आईटी की बड़ी टीम खड़ी करेगी भाजपा।
रायपुर। भाजपा के प्रशिक्षण सत्र में आरएसएस के प्रांत प्रचारक प्रेमशंकर सिदार ने आगाह किया कि विचार परिवार में समन्वय में कभी कोई कमी नहीं आनी चाहिए। सिदार का यह बयान इसलिए काफी अहम माना जा रहा है क्योंकि 2018 के चुनाव में समन्वय की कमी के कारण भाजपा को बड़ी कीमत चुकानी पड़ी थी। 15 साल की सत्ता के बाद भाजपा 15 सीटों पर सिमट गई थी।
स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट के सामने जैनम मानस भवन में शुक्रवार को सुबह प्रशिक्षण सत्र की शुरुआत हुई। आवासीय सत्र में मीडिया के साथ-साथ स्थानीय कार्यकर्ताओं को भी दूर रखा गया है। सभी को साफ निर्देश हैं कि जिन लोगों को व्यवस्था के तहत जिम्मेदारियां दी गई हैं, उनके अलावा कोई नहीं रहेगा। यहां तक कि पंजीयन की जिम्मेदारी संभालने के बाद भाजपा के स्थानीय कार्यकर्ता लौट गए। यहां तक कि नेताओं के साथ तस्वीरें खिंचाने से भी मना किया गया था।
भाजपा का ध्वज फहराने के बाद भारत माता, डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी, पं. दीनदयाल उपाध्याय की पूजा की गई। इसके बाद प्रशिक्षण सत्र की शुरुआत हुई। राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश पहले वक्ता थे। उन्होंने राष्ट्र पुनर्निर्माण में भाजपा की भूमिका पर अपनी बात रखी। इससे पहले प्रशिक्षण विभाग के प्रदेश प्रभारी दीपक पटेल ने उद्देश्यों के बारे में प्रदेशभर से जुटे करीब 250 पदाधिकारियों को ब्रीफ किया।
छत्तीसगढ़ प्रभारी डी. पुरंदेश्वरी ने मोदी सरकार की कृषि क्षेत्र में उपलब्धियों के विषय में बताया। प्रदेश संगठन महामंत्री पवन साय ने भाजपा की कार्य पद्धति के बारे में विस्तार से जानकारी दी। विश्व हिंदू परिषद के अंतर्राष्ट्रीय कार्यवाहक अध्यक्ष आलोक कुमार ने एकात्म मानववाद के बारे में बताया। इसके बाद आईटी सेल के राष्ट्रीय संयोजक अमित मालवीय ने सोशल मीडिया के उपयोग के बारे में जानकारी दी। सबसे अंतिम उद्बोधन आरएसएस के प्रांत प्रचारक प्रेमशंकर सिदार का था।
इसमें उन्होंने आरएसएस के आनुषांगिक संगठनों और कामकाज के बारे में जानकारी दी। वनवासी और जनजातीय क्षेत्रों में आरएसएस और आनुषांगिक संगठनों द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के बारे में बताया। धर्मांतरण की चुनौतियों की जानकारी दी। उन्होंने सभी संगठनों को समन्वय के साथ मिलकर काम करने पर जोर दिया। इशारों इशारों में उन्होंने आने वाले समय में चुनावी तैयारियों के संबंध में भी कहा कि भाजपा राजनीतिक चेहरा है, लेकिन अन्य आनुषांगिक संगठनों के कार्यकर्ता भी उनके लिए काम करते हैं, इसलिए उनसे तालमेल, संपर्क जरूरी है। बता दें कि 2018 के चुनाव में प्रत्याशी चयन से लेकर अन्य मुद्दों पर आरएसएस के सुझावों को दरकिनार करने के कारण कार्यकर्ताओं के घर बैठने की बातें सामने आई थी, जिससे भाजपा को बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा था।
सोशल मीडिया से तैयार करेंगे परसेप्शन
भाजपा आईटी सेल के राष्ट्रीय संयोजक अमित मालवीय का उद्बोधन आगामी चुनाव के लिहाज से काफी अहम रहा। मालवीय ने आईटी और सोशल मीडिया के उपयोग पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि आगामी चुनाव सोशल मीडिया पर आधारित होंगे। इसके आधार पर परसेप्शन तैयार किया जाएगा। उन्होंने सभी पदाधिकारियों से सोशल मीडिया का किस तरह इस्तेमाल करना है और किस तरह विरोधियों के ट्रोल का जवाब देना है, यह भी बताया। मालवीय ने चुनावों को ध्यान में रखकर सोशल मीडिया की बड़ी टीम खड़ी करने पर जोर दिया।