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राजभवन मार्च : केंद्र की अडानी परस्त नीतियों के विरोध में राजभवन तक मार्च करेंगे कांग्रेसी, सुबह आएंगी सैलजा

राजभवन मार्च : केंद्र की अडानी परस्त नीतियों के विरोध में राजभवन तक मार्च करेंगे कांग्रेसी, सुबह आएंगी सैलजा
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By NPG News

रायपुर. हिंडनबर्ग रिपोर्ट के खुलासे के बाद अडानी के मुद्दे पर कांग्रेस केंद्र सरकार और भाजपा पर हमलावर हो गई है. कांग्रेस ने भाजपा पर मित्रवादी पूंजीवाद के तहत सिर्फ अडानी को लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया है. इसके विरोध में 13 मार्च को देशभर में केंद्र सरकार और भाजपा के खिलाफ प्रदर्शन किया जाएगा. इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के नेता-कार्यकर्ता अंबेडकर चौक से राजभवन तक पैदल मार्च करेंगे. इसके बाद राज्यपाल को ज्ञापन सौंपेंगे.

कांग्रेस के राजभवन मार्च में एआईसीसी की महासचिव और छत्तीसगढ़ प्रभारी कुमारी सैलजा, सीएम भूपेश बघेल, पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम के साथ-साथ प्रभारी सचिव डॉ. चंदन यादव, सप्तगिरी शंकर उल्का और संयुक्त सचिव विजय जांगिड़ सहित पीसीसी के नेता व कार्यकर्ता शामिल होंगे. राजभवन मार्च में शामिल होने के लिए छत्तीसगढ़ प्रभारी सैलजा सुबह करीब 10 बजे रायपुर पहुंचेंगे. इसके बाद शाम की फ्लाइट से दिल्ली लौट जाएंगी.

कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि पीएम नरेंद्र मोदी और भाजपा सरकार की अडानी के पक्ष में कोनी कैपिटलिज्म नीति के कारण देश का नुकसान हो रहा है. गहरे आर्थिक संकट के समय भाजपा की मोदी सरकार देश के महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को अडानी समूह को बेच रही है और एसबीआई व एलआईसी जैसी सार्वजनिक संस्थाओं को अडानी समूह में निवेश करने के लिए मजबूर कर रही है. इससे गरीब और मध्यम वर्ग के भारतीयों की करोड़ों की बचत जोखिम में है. इसके खिलाफ देशभर में कांग्रेस पार्टी द्वारा चरणबद्ध आंदोलन चलाया जा रहा है.

अडानी के फर्जीवाड़े की संरक्षक मोदी सरकार

पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम ने केंद्र सरकार पर अडानी समूह के फर्जीवाड़े और धोखाधड़ी के संरक्षण का आरोप लगाया है. मरकाम ने कहा कि मोदी सरकार की अडानी परस्त नीतियों के कारण ही अडानी समूह इतना बड़ा घोटाला करने में कामयाब रहा. इसमें देश की सबसे विश्वसनीय वित्तीय संस्थाएं एलआईसी और एसबीआई भी खतरे में पड़ गई है. देशव्यापी मांग और संसद में विपक्षी दल द्वारा लगातार किए गए मांग के बावजूद मोदी सरकार अडानी समूह की घपलेबाजी की जांच करवाने के लिए तैयार नहीं है. आखिर प्रधानमंत्री मोदी और केंद्र सरकार अडानी समूह के आर्थिक घपलेबाजी की जांच से घबरा क्यों रही है? उन्हें जांच से किसका चेहरा बेनकाब होने का डर सता रहा है?

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