DMF पर हंगामा : डीएमएफ की गवर्निंग कौंसिल की बैठक में जोरदार हंगामा, कृषि उपकरणों की खरीदी प्रतिबंधित करने की मांग, प्रस्ताव रद्द
रायगढ़. जिले में डीएमएफ शासी परिषद (गवर्निंग कौंसिल) की बैठक बुधवार को काफी हंगामेदार रही. विधायक प्रकाश नायक, कलेक्टर तारण प्रकाश सिन्हा की मौजूदगी में हुई बैठक में सदस्यों ने डीएमएफ से कृषि और उद्यानिकी उपकरणों की खरीदी पर आपत्ति जताते हुए इस पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाने की मांग रख दी.
डीएमएफ की बैठक में आज कई विभागों के कार्यों का अनुमोदन होना था. इसी बीच जब कृषि उपकरणों की खरीदी और भुगतान का मामला आया तो शासी परिषद में शामिल जनप्रतिनिधियों ने इसका खुलकर विरोध किया. उन्होंने खरीदी के प्रस्ताव को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि पहले भी कृषि उपकरणों की खरीदी हुई है, जिसमें घटिया क्वालिटी के सामान की सप्लाई हुई थी. उपयोग के पहले ही वे खराब हो चुके थे. खरीदी की प्रक्रिया भी संदेह के दायरे में रही है. इन सभी बातों को लेकर शासी परिषद में शामिल जनप्रतिनिधियों ने डीएमएफ से कृषि उपकरणों की खरीदी नही किए जाने की को लेकर अड़े रहे और माहौल काफी हंगामेदार हो गया.
जिला पंचायत अध्यक्ष निराकार पटेल ने कहा कि खरीदी किसानों के लिए की जाती है और उन्हें ही इसका लाभ नहीं मिल पाता. ऐसे में यह डीएमएफ की राशि का दुरुपयोग है. इस पर तत्काल रोक लगाने की जरूरत है. वहीं कांग्रेस के जिलाध्यक्ष अरूण मालाकार ने कहा कि खरीदी में गड़बड़ी को लेकर लगातार खबरें आती रही हैं. ऐसे में कृषि एवं उद्यानिकी उपकरणों की खरीदी और सप्लाई को प्रतिबंधित कर देना चाहिए.
बताया जा रहा है कि जिले में डीएमएफ से करोड़ों रुपए खर्च कर बड़े पैमाने पर कृषि और उद्यानिकी के मशीनों की खरीदी की गई थी, जिसमें सामग्री की गुणवत्ता और खरीदी की प्रक्रिया को लेकर लगातार सवाल उठते रहे हैं. बताया गया कि जो सामान डिलीवर हुआ था, वह घटिया क्वालिटी का था और बहुत जल्द खराब हो रहा था. इसकी जांच की मांग भी की गई है, जिससे ये पूरा मामला विवादों के घेरे में आ गया है. अब शासी परिषद में शामिल जनप्रतिनिधियों ने डीएमएफ की राशि का उपयोग उपकरणों और मशीनों में न करने की मांग रख दी है. सदस्यों के विरोध के बाद कृषि उपकरणों की खरीदी और भुगतान के प्रस्ताव को निरस्त कर दिया गया है.