पटवारी हड़ताल : पटवारियों की हड़ताल पर सीएम का सख्त रुख, मुख्य सचिव से कहा – नौकरी, भर्ती या भत्ते में न हो दिक्कत
रायपुर. छत्तीसगढ़ में पटवारियों की हड़ताल की वजह से लोगों को होने पर परेशानी पर अब सीएम भूपेश बघेल ने कड़ा रुख अपनाया है. सीएम ने मुख्य सचिव को कड़े निर्देश दिए हैं कि पटवारियों की हड़ताल के कारण नौकरी, एडमिशन या भत्ते में किसी तरह की परेशानी नहीं होनी चाहिए. दरअसल, प्रदेशभर के पटवारी 15 मई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं. इसका असर अब लोगों पर पड़ने लगा है.
पटवारियों की हड़ताल के कारण आम लोगों के साथ-साथ युवा वर्ग परेशान है, क्योंकि स्कूल कॉलेज में एडमिशन से लेकर नौकरी और बेरोजगारी भत्ते के लिए आय, जाति और निवास प्रमाण पत्र की जरूरत पड़ती है. युवाओं को भटकना पड़ रहा है. उनके परिजन भी हताश हैं, क्योंकि हड़ताल लंबी चली तो एडमिशन से लेकर नौकरी के आवेदन से युवा चूक जाएंगे.
आलम यह है कि पिछले पखवाड़े में तहसील में इक्का दुक्का आवेदन ही पहुंच रहे हैं. इनमें भी पिता या घर के दूसरे सदस्य के लिए बने प्रमाण पत्र के आधार पर आवेदन किए गए हैं. पटवारी के माध्यम से सीधे मिलने वाले आवेदन नहीं हैं. पटवारियों की हड़ताल लंबी चली तो युवा वर्ग और छात्र- छात्राओं व उनके परिजन के अलावा किसानों के लिए भी समस्या खड़ी हो जाएगी, क्योंकि खेती किसानी का सीजन आ जाएगा.
राज्य के पटवारी 15 मई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं. वेतन विसंगति और प्रमोशन जैसी आठ मांगों के लिए पटवारी हड़ताल कर रहे हैं. पटवारियों की हड़ताल का सीधा असर अब जन जीवन पर पड़ रहा है, क्योंकि आय जाति निवास से लेकर जमीन से जुड़े हर काम में पटवारी की जरूरत पड़ती है. कुछ दिनों में स्कूल कॉलेज खुलेंगे. इस दौरान बच्चों को आय जाति और निवास प्रमाण पत्र की जरूरत पड़ती है. छात्रवृत्ति के लिए ये सभी जरूरी दस्तावेज हैं. इसके अलावा राज्य सरकार द्वारा बड़े पैमाने पर भर्तियां निकाली गई हैं, जिसमें इस दस्तावेजों को जरूरत पड़ती है. बेरोजगारी भत्ते के आवेदन के लिए भी ये जरूरी दस्तावेज हैं, लेकिन पटवारियों के हड़ताल पर होने के कारण ये सारे काम ठप हैं.
एक अनुमान के मुताबिक आय जाति निवास प्रमाण पत्र का काम देखने वाले तहसीलदार के पास हर दिन औसतन 70-75 आय प्रमाण पत्र के आवेदन आते हैं. पटवारियों के जरिए ही जमीन के नामांतरण, सीमांकन, बंटवारा जैसे महत्वपूर्ण कार्यों से लेकर नजरी नक्शा जैसे छोटे काम भी होते हैं. जमीन खरीदी बिक्री का भी यह सीजन है, जो हड़ताल की वजह से प्रभावित हुआ है. इससे लोगों में नाराजगी भी है.