नवा रायपुर में कर्फ्यू : नवा रायपुर प्रभावित किसानों की 16-17 अप्रैल को मंत्री मंडलीय उप समिति के साथ बैठक, बात नहीं बनी तो 72 घंटे कर्फ्यू
रायपुर. छत्तीसगढ़ की नई राजधानी के प्रभावित किसान एक बार फिर बड़े आंदोलन की तैयारी में हैं. इस संबंध में डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती पर किसानों की बैठक हुई. इस बैठक में ही मंत्री डॉ. शिव डहरिया से बात हुई है. मंत्री ने 16-17 अप्रैल को मंत्री मंडलीय उप समिति के साथ चर्चा का आश्वासन दिया गया है. इसमें बात नहीं बनेगी तो किसानों द्वारा 72 घंटे कर्फ्यू किया जाएगा. इस दौरान किसी को आने जाने नहीं दिया जाएगा. साथ ही, नवा रायपुर में चल रहे सारे काम और व्यावसायिक गतिविधियों को बंद कर दिया जाएगा.
नवा रायपुर के किसानों की मांगों के संबंध में राज्य सरकार द्वारा मंत्री मंडलीय उप समिति का गठन किया गया था. इसमें कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे, आवास एवं पर्यावरण मंत्री मोहम्मद अकबर और नगरीय प्रशासन मंत्री डहरिया को शामिल किया गया था. नवा रायपुर के किसानों का आरोप है कि राज्य सरकार द्वारा जो आश्वासन दिया गया था, उसे अब तक पूरा नहीं किया गया है. मंत्री मंडलीय उप समिति बनाने का जो निर्णय था, वह भी छलावा साबित हुआ. अब तक मांगें पूरी नहीं हुई हैं, इसलिए फिर से एकजुट होने का निर्णय लिया गया है.
नई राजधानी प्रभावित किसानों की कल बैठक के दौरान ही क्षेत्रीय विधायक और मंत्री मंडलीय उप समिति के सदस्य डॉ. शिव डहरिया को यह सूचना दी गई कि अपनी मांगों को लेकर किसान फिर आंदोलित हो रहे हैं. मंत्री ने उन्हें 16-17 तारीख को बैठक व चर्चा का आश्वासन दिया गया. हालांकि प्रभावित किसानों ने निर्णय लिया है कि वे समानांतर रूप से अपनी तैयारी और बैठकें जारी रखेंगे. 17 अप्रैल को राज्य सरकार को अल्टीमेटम पत्र सौंपा जाएगा. शासन की ओर से कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर 25 अप्रैल को बैठक होगी, जिसमें आंदोलन की तारीख तय की जाएगी.
इसमें 72 घंटे यानी तीन दिन तक नवा रायपुर को नो गो जोन बनाया जाएगा, जिसमें किसी को भी आने जाने की अनुमति नहीं होगी. मंत्रालय, डायरेक्टोरेट और पुलिस मुख्यालय सहित सभी दफ्तरों में भी कोई आ जा नहीं पाएगा. मॉल, दुकानें, कंस्ट्रक्शन के सारे काम बंद करा दिए जाएंगे. इस आंदोलन में नई राजधानी के प्रभावित किसानों के साथ साथ उनके परिवार के सदस्य भी शामिल होंगे.