तो क्या दूसरे धड़े की बेमुद्दत हड़ताल भी आज समाप्त हो जाएगी!...दो धड़ों की लड़ाई में नुकसान किसका है??
रायपुर। कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन ने पांच दिवसीय आंदोलन की घोषणा की थी, उन्होंने कल हड़ताल का विधिवत समापन कर दिया। लेकिन दूसरा धड़ा, जिसमे छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन, शालेय शिक्षक संघ और नवीन शिक्षक संघ शामिल है फिलहाल बेमुद्दत हड़ताल पर है और उन्होंने आज राजधानी में जंगी प्रदर्शन का आव्हान किया है।
वीडियो जारी करके यह भी कहा है की अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रहेगा। लेकिन सूत्र बताते हैं कि हड़ताल आज शाम को ही समाप्त कर दी जाएगी और इसकी विधिवत घोषणा होना बस बाकी है। यानी स्क्रिप्ट पहले ही लिखा जा चुका है बस उसको अमलीजामा पहनाना बाकी है। अब यह तो आज शाम को ही पता चलेगा की इस खबर में कितनी सच्चाई है और क्या सच में सब कुछ पहले से तय हो चुका है और यह प्रदर्शन बस महज दिखावा है या फिर जंग अभी बाकी है ।
दरअसल फेडरेशन ने अपने पत्र में स्पष्ट कर दिया था कि वह निश्चितकालीन 5 दिवसीय हड़ताल करने जा रहा है। विभाग को सौंपे पत्र में भी इस बात का स्पष्ट उल्लेख था। हालांकि, जिस प्रकार हड़ताल का माहौल बना उसमें हड़ताल वापस लिए जाने से बहुत सारे कर्मचारी निराश हैं और उनका स्पष्ट कहना है कि हड़ताल को अनिश्चितकालीन कर देना चाहिए था लेकिन फेडरेशन का कहना है कि जैसा पहले से तय था वैसा ही होगा आने वाले समय में यानी अपने चौथे चरण में हम अनिश्चितकालीन हड़ताल करेंगे जो जानकारी निकल कर सामने आ रही है उसके मुताबिक 16 अगस्त से अनिश्चितकालीन की घोषणा भी की जा सकती है .
आंदोलन ने क्यों खड़ी कर दी है सरकार के लिए मुसीबत !
दरअसल जो कर्मचारी यूनियन की राजनीति को समझते हैं उनका कहना है कि ऐसा पहली बार हुआ है कि इतनी बड़ी संख्या में संगठन एक हुए हैं 80 से अधिक संगठनों ने सीधे तौर पर फेडरेशन का साथ दिया। लेकिन, इसमें शिक्षकों के कई बड़े गुट शामिल थे, जिन्होंने फेडरेशन का खुलकर साथ दिया। सारे स्कूलों में तालेबंदी जैसी स्थिति थी।
DA और गृह भाड़ा भत्ता की मांग को लेकर प्रदेश के लगभग सभी संगठन एकजुट हो गए हैं। ऐसे में किसी मुद्दे को लेकर यदि सारे कर्मचारी संगठन एक हो रहे हैं तो यह सरकार के लिए भी मुसीबत का सबब हो सकता है। क्योंकि भविष्य में अन्य मुद्दों के लिए भी इसी प्रकार की एकता बन सकती है। सभी कर्मचारी संगठन का अपना-अपना अलग-अलग अस्तित्व है और यह समय-समय पर अपने मुद्दों के लिए अलग-अलग लड़ाई लड़ेंगे लेकिन जहां पर मुद्दे एक होंगे वहां पर एक साथ यह सब खड़े नजर आएंगे जो कि किसी भी सरकार के लिए बहुत बड़ी परेशानी खड़ी कर सकता है । जाने अनजाने में ही सही लेकिन इस बार ऐसा हो गया है कि प्रदेश भर के अलग-अलग विभागों के कर्मचारियों एक दूसरे के कंधे में हाथ डालकर सरकार के विरुद्ध सड़क पर खड़े नजर आए।