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CG में RSS की शाखाएं बढ़ीं : कोरोना काल के बाद दोगुने से अधिक हो गई शाखाएं, विस्तार की रणनीति बनाने अप्रैल में बैठक

CG में RSS की शाखाएं बढ़ीं : कोरोना काल के बाद दोगुने से अधिक हो गई शाखाएं, विस्तार की रणनीति बनाने अप्रैल में बैठक
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By NPG News

रायपुर. छत्तीसगढ़ में आरएसएस (राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ) की शाखाओं की संख्या कोरोना काल के बाद दोगुनी हो गई है. फिलहाल यहां 1142 शाखाएं संचालित हो रही हैं. इसमें विस्तार की रणनीति बनाने के लिए अप्रैल में बैठक होगी. इस साल मई में औपचारिक प्रशिक्षण संघ शिक्षा वर्ग भी होंगे. इसमें प्रथम वर्ष में 500, द्वितीय वर्ष में 100 और तृतीय वर्ष में 20 शिक्षार्थी हिस्सा लेंगे. तृतीय वर्ष का प्रशिक्षण नागपुर स्थित आरएसएस के मुख्यालय में होता है. इसमें चुने हुए शिक्षार्थी ही हिस्सा लेते हैं, जो प्रचारक के रूप में देशभर में दायित्व संभालते हैं. प्रचारक के लिए कड़े मापदंड होते हैं.

आरएसएस छत्तीसगढ़ प्रांत के प्रांत संघ चालक डॉ. पूर्णेंदु सक्सेना ने शुक्रवार को जागृति मंडल में अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा के संबंध में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि आरएसएस की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक 12, 13 एवं 14 मार्च 2023 को सेवा साधना एवं ग्राम विकास केंद्र पट्टीकल्याेणा, समालखा (पानीपत, हरियाणा) में हुई. सर संघ चालक डॉ. मोहन भागवत और सर कार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने भारत माता के चित्र पर पुष्प अर्पित कर प्रतिनिधि सभा का शुभारंभ किया. इसमें देशभर से 34 संगठनों के 1474 प्रतिनिधियों ने भाग लिया.

प्रतिनिधि सभा में राष्ट्रीचय स्वतयंसेवक संघ की अखिल भारतीय स्त र पर कार्य स्थि‍ति भी प्रतिनिधियों के सम्मुपख रखी गई. देश के प्रत्येसक भाग में संघ कार्य में वृद्धि हो रही है. 2025 में संघ अपने स्थापना के 100 वर्ष पूरे करने जा रहा है. वर्तमान में संघ 71355 स्थानों पर प्रत्यक्ष तौर पर कार्य कर समाज परिर्वतन के महत्वपूर्ण कार्य में अपनी भूमिका निर्वाह कर रहा है. अगले एक वर्ष तक एक लाख स्थानों तक पहुंचना संघ का लक्ष्य है.

वर्ष 2020 में आयी कोरोना आपदा के बाद भी संघ कार्य बढ़ा है. वर्ष 2020 में 38913 स्थानों पर 62491 शाखा, 20303 स्थानों पर साप्ताहिक मिलन व 8732 स्थानों पर मासिक मंडली चल रही थीं. 2023 में यह संख्या बढ़कर 42613 स्थानों पर 68651 शाखाएं, 26877 स्थानों पर साप्ताहिक मिलन तथा 10412 स्थानों पर मासिक मंडली तक पहुंच गई है. संघ दृष्टि से देशभर में 911 जिले हैं, जिनमें से 901 जिलों में संघ का प्रत्यक्ष कार्य चलता है. 6663 खंडों में से 88 प्रतिशत खंडों में, 59326 मंडलों में से 26498 मंडलों में संघ की प्रत्यक्ष शाखाएं लगती हैं. शताब्दी वर्ष में संघ कार्य को बढ़ाने के लिए संघ के नियमित प्रचारकों व विस्तारकों के अतिरिक्त 1300 कार्यकर्ता दो वर्ष के लिए शताब्दी विस्तारक निकले हैं.

छत्तीसगढ़ प्रांत में वर्तमान में संघ की 1142 शाखाएं और 515 साप्ताहिक मिलन चल रहे हैं. मई माह में शुरू होने वाले संघ के औपचारिक प्रशिक्षण संघ शिक्षा वर्ग प्रथम वर्ष में 500, द्वितीय वर्ष में 100 व तृतीय वर्ष में 20 शिक्षार्थी भाग लेने का अनुमान है. अपने प्रांत में पिछले मार्च 2022 के बाद हुए प्राथमिक शिक्षा वर्ग कुल 34 स्थानों पर सम्पन्न हुए जिसमें कुल 3192 शिक्षार्थियों ने भाग लिया था.

जॉइन आरएसएस में 7.25 लाख निवेदन

प्रांत संघ चालक डॉ. सक्सेना ने बताया कि आज संघ के प्रति लोगों की रुचि बढ़ रही है. देशभर में लोग संघ को ढूंढते हुए डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से संघ के साथ जुड़ने के लिए निवेदन कर रहे हैं. वर्ष 2017 से 2022 तक जॉइन आरएसएस के माध्यम से संघ के पास देशभर से 7,25,000 निवेदन आए हैं. इनमें से अधिकांश 20 से 35 आयु वर्ग के युवक हैं, जो समाज सेवा के लिए संघ से जुड़ना चाहते हैं. दैनिक शाखाओं में भी युवाओं की रुचि बढ़ रही है. संघ की 60 प्रतिशत शाखाएं विद्यार्थी शाखाएं हैं. पिछले एक वर्ष में 121137 युवाओं ने संघ का प्राथमिक शिक्षण प्राप्त किया है. आगामी वर्ष की योजना में देशभर में संघ शिक्षण के 109 शिक्षण वर्ग लगेंगे, जिसमें लगभग 20 हजार स्वयंसेवकों के शिक्षण प्राप्त करने का अनुमान है.

छत्तीसगढ़ प्रांत में कार्यकर्ता प्रशिक्षण एवं गुणवत्ताि विकास वर्गों के माध्यम से नए कार्यकर्ताओं की संख्या बढ़ रही है. संघ के स्वयंसेवकों द्वारा गतिविधियों के माध्यम से कुटुम्ब प्रबोधन, सामाजिक समरसता, पर्यावरण तथा नागरिक कर्तव्यबोध इन विषयों पर योजनाबद्ध रूप से कार्य हो रहा है. क्षेत्र का सामाजिक अध्ययन शाखाओं के द्वारा हो रहा है. रायपुर महानगर में सेवाकार्य हेतु 83 सेवाबस्ती चिह्नित कर उनसे से 32 सेवाबस्ती में सेवाकार्य प्रारम्भ हुए हैं. प्रान्त के अन्य 33 जिलों में सेवा कार्य हेतु 147 सेवा बस्ती चिन्हित कर उनमें से 125 सेवा बस्ती में सेवा कार्य प्रारम्भ हुए हैं. इन सेवाबस्तियों में संघ स्वयंसेवकों के सम्पर्क माध्यम से व समाज के सहयोग से अभावग्रस्त लोगों के बीच सेवा कार्य संचालित किया जा रहा है.

पूरे देश में जिस प्रकार संघ कार्य बढ़ा है उसी प्रकार छत्तीसगढ़ प्रांत में भी कार्य विस्ताार तेज गति से हो रहा है. सामाजिक सद्भाव व समरसता के लिए कार्यकर्ताओं ने स्थानीय सामाजिक चुनौती समरसता को केंद्रित कर गांवों में, बस्तियों में समरसता सर्वेक्षण व सामाजिक अध्ययन कराया. कुछ चिह्नित स्थानों पर समन्वय व सद्भाव बैठकों का आयोजन भी किया गया है. समाज जागरण हेतु संकल्प कार्यक्रम विद्यालय, महाविद्यालय, विभिन्न सामाजिक एवं सार्वजनिक संस्थानों में सम्पन्न हुए.

स्वानवलंबी भारत अभियान के अंतर्गत उद्यमिता प्रोत्सायहन सम्मेलनों के साथ 22 जिलों में जिला रोजगार सृजन केंद्रों का शुभारंभ किया गया जिसमें 426 वॉलिंटियर्स जुड़े हैं. ये रोजगार सृजन केंद्र उद्यम एवं रोजगार के लिए मार्गदर्शन देने का कार्य कर रहे हैं.

स्व्यंसेवकों ने ऐसे मंदिर चिह्नित किए जहां लोगों का आना कम होता है. इन मंदिरों में प्रति मंगलवार और शनिवार को आरती एवं हनुमान चालीसा पाठ प्रारंभ किया गया.

कार्यकर्ता प्रशिक्षण एवं गुणवत्तार विकास की दृष्टि से महाविद्यालयीन विद्यार्थियों के बीच कार्य बढ़ाने एवं प्रत्येमक इकाई में टोली खड़ी करने के उद्देश्यु से प्रांत स्‍तर पर विद्यार्थियों का 'सृजन शिविर' भी आयोजित हुए हैं.

इस दौरान महानगर संघ चालक महेश बिड़ला और प्रांत प्रचार प्रमुख कनिराम उपस्थित थे.

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