सीएम भूपेश का बड़ा बयान : भूपेश बघेल ने बीजेपी से पूछा - गणपति ने सरेंडर कहां किया, उसका नाम क्या है, पुनर्वास नीति का लाभ दिया या नहीं?
रायपुर. छत्तीसगढ़ में झीरम घाटी हत्याकांड को लेकर सीएम भूपेश बघेल ने भाजपा पर बड़ा हमला बोला है. सीएम ने कहा कि उन्होंने झीरम कांड की दसवीं बरसी पर दो सवाल पूछे थे. इस पर बीजेपी के किसी नेता का जवाब नहीं आया. अब उन्होंने दो और सवाल पूछे हैं, एक - क्या नक्सली नेता गणपति ने सरेंडर किया है, उस व्यक्ति का नाम क्या है? यदि सरेंडर किया है तो कहां किया है, उसे पुनर्वास नीति का लाभ दिया गया है, या नहीं?
सीएम ने कहा, बीजेपी के नेता पूछते रहते हैं कि मेरी जेब में प्रमाण है तो बताएं. मैं प्रमाण दे रहा हूं. अब बीजेपी के नेता इन दो सवालों का जवाब दें. अभी तक ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) के प्रवक्ता बने हुए थे. अब एनआईए के भी प्रवक्ता बनें. बता दें कि एक दिन पहले सीएम ने पूछा था कि जब नक्सली नेता गणपति और रमन्ना की संपत्ति कुर्क की गई थी, फिर एफआईआर में नाम क्यों नहीं था? गुडसा उसेंडी ने आत्म समर्पण किया था. एनआईए कोर्ट ने उस समय आदेश दिया था कि उसका बयान लिया जाए. फिर एनआईए ने बयान क्यों नहीं लिया? एनआईए किसके दबाव में है, कि कोर्ट के आदेश के बाद भी बयान नहीं लिया. गणपति और गुडसा उसेंडी नक्सलियों के पद हैं. क्या गणपति ने सरेंडर किया है तो उसका नाम क्या है? यह उजागर करना चाहिए.
गौरतलब है कि दस साल पहले 25 मई 2013 को दरभा थाने के अंतर्गत झीरम घाटी में नक्सलियों ने तत्कालीन पीसीसी अध्यक्ष नंदकुमार पटेल, पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल, पूर्व नेता प्रतिपक्ष महेंद्र कर्मा सहित करीब 32 लोगों की हत्या कर दी थी. इस मामले में कांग्रेस राजनीतिक साजिश का आरोप लगाती रही है. दसवीं बरसी पर कर्मा के बेटे छविंद्र कर्मा ने मंत्री कवासी लखमा, अमित जोगी और तत्कालीन बस्तर आईजी एसपी के नार्को टेस्ट की मांग की है. वहीं, सीएम भूपेश बघेल ने तत्कालीन सीएम डॉ. रमन सिंह और इंटेलिजेंस चीफ मुकेश गुप्ता के नार्को टेस्ट की मांग की है. सीएम ने पीड़ित परिवारों से कहा कि जब तक न्याय नहीं मिलेगा, तब तक लड़ाई जारी रहेगी.