फूड इंस्पेक्टर-एसडीओ पर एफआईआर : बांध का 21 लाख लीटर पानी बहाने वाले फूड इंस्पेक्टर, एसडीओ और सब इंजीनियर के खिलाफ एफआईआर दर्ज
कांकेर. छत्तीसगढ़ के आदिवासी बहुल कांकेर से एक बड़ी खबर सामने आ रही है. डेढ़ लाख रुपए का मोबाइल खोजने के लिए 21 लाख लीटर पानी बहाने के मामले में फूड इंस्पेक्टर राजेश बिश्वास, जल संसाधन विभाग के एसडीओ रामलाल धीवर और सब इंजीनियर छोटेलाल ध्रुव के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया है. नायब तहसीलदार सुनील कुमार ध्रुव की रिपोर्ट पर पखांजूर थाने में धारा 430, 34 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है. बता दें कि इस मामले में फूड इंस्पेक्टर और एसडीओ को सस्पेंड कर दिया गया है. वहीं, फूड इंस्पेक्टर को 53 हजार रुपए जमा करने के लिए नोटिस भी जारी किया गया है. हालांकि 21 लाख लीटर पानी व्यर्थ बहाने के मामले में छोटी सा जुर्माना लगाने के लिए सोशल मीडिया पर प्रशासन की आलोचना भी की जा रही थी. इसे गंभीरता से लेते हुए एफआईआर दर्ज कराया गया है.
अब तक केस में क्या हुआ
कांकेर में पदस्थ फूड इंस्पेक्टर राजेश बिश्वास अपने साथियों के साथ परलकोट जलाशय में पिकनिक मनाने गए थे. इस दौरान डेढ़ लाख कीमत का मोबाइल पानी में गिर गया. मोबाइल की तलाश करने के बाद भी जब नहीं मिला तो 21 मई से लेकर लगातार चार दिन तक डीजल पंप की मदद से जलाशय का पानी व्यर्थ बहा दिया गया. मीडिया ने जब सवाल किया, तब फूड इंस्पेक्टर ने बताया कि एसडीओ से मौखिक चर्चा के बाद पानी खाली कराया गया. यह मामला तूल पकड़ा तो आनन-फानन में फूड इंस्पेक्टर को सस्पेंड कर दिया गया.
साथ ही, एसडीओ को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया. कलेक्टर के नोटिस के जवाब में एसडीओ ने कह दिया कि उन्हें कोई जानकारी नहीं थी. कलेक्टर डॉ. प्रियंका शुक्ला ने मामले में जल संसाधन विभाग को कार्रवाई के लिए लिखा था. जल संसाधन विभाग के विशेष सचिव अनुराग पांडेय ने आज ही एसडीओ को सस्पेंड कर दिया. इसके बाद नायब तहसीलदार ने पानी बहाने के मामले में एफआईआर दर्ज कराई है. इसमें फूड इंस्पेक्टर बिश्वास, एसडीओ धीवर के साथ सब इंजीनियर ध्रुव को भी आरोपी बनाया गया है.
5 साल की सजा का प्रावधान
भारतीय दंड संहिता की धारा 430 के अनुसार, जो कोई व्यक्ति या लोग ऐसा काम करते हैं, जिससे कृषि प्रयोजन, मानव या जीव-जंतुओं के लिए खाने-पीने, सफाई या अन्य निर्माण के लिए पानी की कमी करता है, या वह जानता हो कि उसके कृत्य से पानी की कमी होगी, उस पांच साल की सजा के साथ जुर्माने का प्रावधान है.