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Ex CM का पलटवार: डॉ. रमन बोले - मुख्यमंत्री को भले ईडी पर भरोसा नहीं पर मुझे छत्तीसगढ़ पुलिस पर भरोसा, पुलिस की रिपोर्ट सार्वजनिक क्यों नहीं करते

Ex CM का पलटवार: डॉ. रमन बोले - मुख्यमंत्री को भले ईडी पर भरोसा नहीं पर मुझे छत्तीसगढ़ पुलिस पर भरोसा, पुलिस की रिपोर्ट सार्वजनिक क्यों नहीं करते
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By NPG News

रायपुर। छत्तीसगढ़ में बहुचर्चित नान घोटाले और चिटफंड धोखाधड़ी के संबंध में सीएम भूपेश बघेल द्वारा ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) को लिखी गई चिट्ठी पर अब पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह ने पलटवार किया है। रमन ने कहा कि मुख्यमंत्री को ईडी पर भरोसा नहीं है, लेकिन उन्हें छत्तीसगढ़ पुलिस की जांच पर भरोसा है। छत्तीसगढ़ पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में दूध का दूध और पानी का पानी कर दिया है। राज्य सरकार को पुलिस की जांच रिपोर्ट सार्वजनिक करनी चाहिए।

अपने निवास पर मीडिया से बातचीत में पूर्व सीएम रमन ने कहा, 'कल सीएम भूपेश बघेल ने चिटफंड और नान मामले की जांच के लिए ईडी को 6 पन्नों का पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने 2015 में ACB की जांच का हवाला देते हुए प्रश्न चिन्ह लगाए हैं।

मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि 4 वर्ष पहले जब विपक्ष में थे, तब भी इसी तरह बिना तथ्य के झूठे आरोप-प्रत्यारोप का कीचड़ उछाल कर लगाकर जनता को गुमराह करने की कोशिश करते रहे। आज आप एक महत्वपूर्ण संवैधानिक पद पर हैं। इसके बावजूद जिम्मेदारी लेने के बजाय आप आज भी सिर्फ और सिर्फ झूठे आरोप लगाने की ही क्षमता रखते हैं। 4 वर्षों से पुलिस-शासन-व्यवस्था-प्रशासन सभी कुछ तो आपके हाथ में है। क्या आप अपने आरोपों को सिद्ध करने के लिए सक्षम नहीं है?

स्टार प्रचारकों की संलिप्तता स्थापित नहीं हुई

सीएम द्वारा डॉ. रमन और उनके बेटे पूर्व सांसद अभिषेक सिंह पर लगाए गए आरोपों के संबंध में पुलिस की जांच रिपोर्ट का खुलासा किया। रमन ने कहा, छत्तीसगढ़ सरकार की पुलिस द्वारा चिटफंड की जांच उपरांत स्पष्ट रूप से कहा कि "विवेचना में अपराध में शामिल धारा 406, 467, 468, 471, 384, 120&बी भादवि के दंडनीय कृत्य के संबंध में स्टार प्रचारकों द्वारा प्रत्यक्ष कार्य किया जाना अथवा कार्यलोभ घटित होना स्थापित नहीं हुआ। धारा 10 निक्षेपको के हितों का संरक्षण अधिनियम 2000, 3,4, 6 प्राइज चिट्स एंड मनी सरकुलेशन स्कीम्स बैनिक एक्ट 1978 के अधीन निवेशकों की निवेश राशि के भुगतान में व्यक्तिगत तथा लुभावनी स्कीम के माध्यम से निर्देश प्राप्त करने अथवा स्वयं के लिए इस निवेश के माध्यम से आर्थिक लाभ प्राप्त करने में स्टार प्रचारकों की संलिप्तता स्थापित नहीं हुई।"

नान की जांच के लिए गठित एसआईटी का क्या हुआ

पूर्व सीएम ने कहा, आज आप ईडी का दरवाजा खटखटा रहे हैं, जबकि नान मामले की जांच के लिए 2019 को आपने एक एसआईटी बनाई थी। प्रदेश को बताइए कि उसकी जांच का क्या हुआ। क्या आपकी पुलिस में आपको विश्वास नहीं रहा?

मेरे चुनाव में दिये शपथ पत्र के आधार पर मेरी संपत्ति की जांच की मांग संबंधी याचिका हाईकोर्ट में लंबित है, जिसमें मेरे द्वारा अपना जवाब प्रस्तुत कर दिया गया है। उस याचिका में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट द्वारा भी अपना जवाब प्रस्तुत किया गया है। इसमें स्पष्ट रूप से शपथ पत्र पर बताया गया है कि है कि 2003 से 2018 तक मेरे सभी इलेक्शन एफिडेविट की जांच की जा चुकी है एवं कोई भी गड़बड़ी मेरे आय और संपत्ति के संबंध में नहीं पाई गई है।

पूर्व सीएम ने प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष रहते हुए भूपेश बघेल और तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव द्वारा प्रधानमंत्री को लिखे गए पत्र का हवाला देते हुए पूछा कि जिन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए पत्र लिखा था, उन्हें बचाने के लिए वकीलों की फौज क्यों खड़ी कर रहे हैं?

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