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एक परिवार एक टिकट : कांग्रेस के राष्ट्रीय महाधिवेशन में संविधान संशोधन पर सबकी नजर, बुजुर्गों को किया जाएगा मार्गदर्शक मंडल में शामिल

छत्तीसगढ़ में 24 से 26 फरवरी के बीच होने वाले राष्ट्रीय महाधिवेशन में सीडब्ल्यूसी चुनाव के साथ संविधान संशोधन का ड्राफ्ट पेश होगा.

एक परिवार एक टिकट : कांग्रेस के राष्ट्रीय महाधिवेशन में संविधान संशोधन पर सबकी नजर, बुजुर्गों को किया जाएगा मार्गदर्शक मंडल में शामिल
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By NPG News

NPG ब्यूरो रायपुर. कांग्रेस के राष्ट्रीय महाधिवेशन में बड़े बदलावों पर मुहर लग सकती है. संविधान संशोधन के जरिए इन्हें लागू किया जाएगा. इनमें वे बदलाव शामिल हो सकते हैं, जिन पर उदयपुर नव चिंतन शिविर में प्रस्ताव पारित किया गया. संविधान संशोधन के लिए बनी समिति अपना ड्राफ्ट प्रस्तुत करेगी. इस पर चर्चा के बाद संशोधन का निर्णय लिया जाएगा.

देश की सबसे पुरानी पार्टी में जो सबसे बड़े बदलाव की बात हो रही है, उसमें बुजुर्गों की छुट्टी की बात है. चुनाव में टिकट देने से लेकर संगठन में पदों पर 50:50 का फॉर्मूला लागू किया जाएगा. यानी 50 प्रतिशत पदों पर 50 साल से कम उम्र के लोगों को मौका दिया जाएगा. इसका मतलब यह नहीं है कि 50 प्रतिशत पदों पर जो वरिष्ठ नेता होंगे, उनकी कोई उम्र सीमा नहीं होगी. चुनाव लड़ने के लिए उम्र सीमा तय करने की तैयारी है. यानी एक उम्र सीमा तय कर दी जाएगी, जिससे ज्यादा के नेताओं को टिकट नहीं दिया जाएगा. इन्हें मार्गदर्शक की भूमिका में रखा जाएगा.

एक और महत्वपूर्ण बदलाव एक परिवार एक टिकट को लेकर भी संभव है. हालांकि इस पर सभी एक राय नहीं हैं. एक ही परिवार से कई सदस्य पार्टी में काम करते हैं. ऐसे में निचले स्तर पर काम शुरू करने वालों को राहत दी जा सकती है. ऐसी स्थिति पैराशूट लैंडिंग वाले नेताओं के लिए सख्त नियम बनाया जा सकता है. इसी कड़ी में एक व्यक्ति एक पद का भी फॉर्मूला संविधान में लाया जाएगा. हालांकि उदयपुर चिंतन शिविर के बाद इस पर अमल भी किया जा चुका है.

हर वर्ग को मिले प्राथमिकता

कांग्रेस के नए संविधान में 50:50 के फॉर्मूले के साथ महिला, अल्पसंख्यक, ओबीसी और दलितों को प्रतिनिधित्व देने के लिए भी प्रावधान किया जा सकता है. इसी तरह कांग्रेस वर्किंग कमेटी के आधे पदों पर चुनाव कराने की भी वकालत की जा रही है. पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदंबरम में पार्टी संविधान के मुताबिक आधे पदों पर चुनाव कराने पर जोर दिया है. एक चर्चा यह भी है कि संविधान में संशोधन कर सोनिया गांधी और राहुल गांधी को स्थाई सदस्य बनाने की तैयारी है.

5 साल में पद छोड़ना होगा

कांग्रेस में संगठन से जुड़े जिन विषयों पर आने वाले समय में बड़ा फोकस है, उसमें 5 साल में हर साल में पद छोड़ने की बाध्यता भी शामिल है. हालांकि इसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद को अलग रखा जाएगा. इसके अलावा पार्टी के गठन के समय बने संविधान में खादी बुनने, खादी पहनने और शराब नहीं पीने जैसी शर्तों को हटाने जैसी भी चर्चा है.

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