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ED के लिए देर रात तक खुला कोर्ट : छत्तीसगढ़ में पहली बार रात 8 बजे खुला कोर्ट, पक्ष-विपक्ष में तीन घंटे बहस; बचाव पक्ष ने ईडी की कार्रवाई को गलत बताया, तर्क खारिज

ED के लिए देर रात तक खुला कोर्ट : छत्तीसगढ़ में पहली बार रात 8 बजे खुला कोर्ट, पक्ष-विपक्ष में तीन घंटे बहस; बचाव पक्ष ने ईडी की कार्रवाई को गलत बताया, तर्क खारिज
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By Manoj Vyas

ED Raid in Chhattisgarh

रायपुर. छत्तीसगढ़ में मंगलवार को पहली बार किसी मामले में रात को स्पेशल कोर्ट खुला. पक्ष और विपक्ष में तीन घंटे बहस चली. बचाव पक्ष ने अपनी दलीलों को मजबूती से रखने के लिए एक फोटोकॉपी पेश की. यह फोटोकॉपी उस दस्तावेज से जुड़ी है, जिसमें बेंगलुरु पुलिस द्वारा सूर्यकांत तिवारी के खिलाफ दर्ज केस से धारा 120 बी और 384 हटाने का उल्लेख है. स्पेशल जज अजय सिंह राजपूत इससे सहमत नहीं हुए, क्योंकि यह कोर्ट से प्राप्त अधिकृत दस्तावेज नहीं था.

यह मामला छत्तीसगढ़ में कथित कोल घोटाले से जुड़ा है, जिसके एक आरोपी निखिल चंद्राकर को ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने मुंबई से गिरफ्तार किया और स्पेशल जज के जाने के बाद कोर्ट खोलने की अनुमति मांगी. करीब आठ बजे जज पहुंचे. निखिल को लेकर ईडी के अधिकारी पहुंचे और बचाव पक्ष के वकील पहुंचे. दोनों पक्षों को सुनने के बाद स्पेशल कोर्ट ने निखिल को 27 जून तक के लिए ईडी की कस्टडी में सौंप दिया है.

बता दें कि ईडी ने छत्तीसगढ़ में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के छापे में मिले दस्तावेजों और जानकारियों के आधार पर छापेमारी की थी. इस मामले में आईएएस समीर विश्नोई, सूर्यकांत तिवारी, खनिज अधिकारी शिव शंकर नाग, संदीप नायक, सौम्या चौरसिया, सुनील अग्रवाल सहित 9 लोगों को गिरफ्तार किया है. ईडी ने चार्जशीट में करीब 500 करोड़ के कोल घोटाले का खुलासा किया है. इसमें निखिल चंद्राकर पर 200 करोड़ रुपए का कलेक्शन हैंडल करने और मनी लांड्रिंग करने का आरोप है. यह राशि सूर्यकांत की बताई गई है, जिसे अपने करीबी निखिल के जरिए पहुंचाने के आरोप हैं.

बेंगलुरु के मामले पर लम्बी बहस

निखिल चंद्राकर की गिरफ्तारी को बचाव पक्ष ने चुनौती दी. उनका कहना था कि यह गिरफ्तारी वैध नहीं है, क्योंकि बेंगलुरु के व्हाइट फील्ड थाने में दर्ज एफआईआर में पुलिस ने चार्जशीट पेश की है और उसमें से धारा 120 बी यानी अपराधिक साजिश और धारा 384 यानी जबरदस्ती वसूली के अपराध को हटा लिया है. ईडी की ओर से वकील ने दस्तावेज दिखाने की मांग की, जिससे यह स्पष्ट हो सके कि कोर्ट ने यह स्वीकार कर लिया है. इसकी सत्यापित प्रति बचाव पक्ष के पास नहीं थी. ईडी की ओर से एक पुराने केस के रेफरेंस के साथ यह दावा किया गया कि चार्जशीट से धारा हटा लेने से ही मान्य नहीं हो जाता. ईडी की ओर से बताया गया कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ओर से भोपाल में कंप्लेंट फाइल की गई है. केस में निखिल चंद्राकर की भूमिका को भी काफी महत्वपूर्ण बताया, जिसके बाद आगे की जांच और पूछताछ के लिए स्पेशल कोर्ट ने रिमांड मंजूर कर ली.

जमानत आवेदन के बाद ईडी का दांव

बेंगलुरु पुलिस द्वारा चार्जशीट से धारा हटाने का मामला प्रकाश में आने के बाद कोल घोटाले के कथित सरगना सूर्यकांत सहित दो खनिज अधिकारी शिव शंकर नाग और संदीप नायक ने जमानत के लिए अर्जी लगाई थी. आबकारी से जुड़े मामले में सचिव व कमिश्नर निरंजन दास के अग्रिम आवेदन पर कल फैसला आना है. इसके अलावा त्रिलोक सिंह ढिल्लन और नितेश पुरोहित द्वारा भी जमानत के लिए आवेदन किया गया है, जिसमें 24 जून, 26 जून और 28 जून को सुनवाई होनी है. इससे पहले निखिल चंद्राकर की गिरफ्तारी कर ईडी ने नया दांव खेल दिया है.

Manoj Vyas

मनोज व्यास : छत्तीसगढ़ में 18 साल से पत्रकारिता में सक्रिय, सभी प्रमुख संस्थाओं में दी सेवाएं, इसी दौरान हरिभूमि समाचार पत्र से जुड़े। इसके बाद दैनिक भास्कर में सिटी रिपोर्टर के रूप में जॉइन किया। नौकरी के साथ-साथ गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय से एमएमसीजे की पढ़ाई पूरी की। न्यायधानी के बाद राजधानी का रुख किया। यहां फिर हरिभूमि से शुरुआत की और नेशनल लुक, पत्रिका, नवभारत, फिर दैनिक भास्कर होते हुए भविष्य की पत्रकारिता का हिस्सा बनने के लिए NPG.News में बतौर न्यूज एडिटर जॉइन किया। इस बीच नवभारत के भुवनेश्वर, ओडिशा एडिशन में एडिटोरियल इंचार्ज के रूप में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं।

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