ED के खिलाफ याचिकाएं वापस : आईएएस निरंजन दास और अख्तर ढेबर ने अपनी याचिकाएं वापस ली, सुप्रीम कोर्ट की कड़ी टिप्पणी
नई दिल्ली ब्यूरो. छत्तीसगढ़ में दो हजार करोड़ रुपए के कथित शराब घोटाले में ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) द्वारा PMLA के तहत की जा रही कार्रवाई को चुनौती देने वाली याचिकाएं आबकारी सचिव रिटायर्ड आईएएस निरंजन दास और अख्तर ढेबर ने वापस ले ली है.
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की अवकाशकालीन बेंच ने मंगलवार को मामले की सुनवाई के दौरान ऐसी याचिकाओं की निंदा की. उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 31 के तहत एक अधिनियम को चुनौती देने वाली याचिका के जरिए राहत की मांग अन्य उपलब्ध कानूनी उपायों को दरकिनार करने जैसा है. सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को इसी केस से जुड़े मामले की सुनवाई करते हुए सीधे सवाल किया था कि ऐसे मामलों पर क्यों विचार करना चाहिए?
ईडी की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने निरंजन दास और अख्तर ढेबर की ओर से प्रस्तुत याचिकाओं पर आपत्ति की. एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि इस तरह की दलीलों के साथ सुप्रीम कोर्ट आने की प्रथा को रोकने की जरूरत है. अन्यथा मुकदमों की बाढ़ आ जाएगी. जस्टिस त्रिवेदी ने इस पर सहमति व्यक्त की. उन्होंने ऐसी याचिकाओं को तुच्छ करार दिया.
जस्टिस मिश्रा ने कहा कि हाईकोर्ट जाने के बजाय सुप्रीम कोर्ट एक वैकल्पिक मंच बनता जा रहा है. जस्टिस त्रिवेदी ने कहा कि इस अदालत में जिस तरह की प्रथा चल रही है, वह परेशान करने वाली है. ढेबर की ओर से पेश हुए वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने जमानत व अन्य राहत के लिए हाईकोर्ट जाने की स्वतंत्रता के साथ याचिका वापस लेेने की मांग रखी.