CG में ED का केस कमजोर! कर्नाटक में सरकार बदली और पुलिस ने कोर्ट में दायर चार्जशीट में से धारा 120 बी और 384 हटा दी, इसी पर टिकी है जांच
रायपुर. छत्तीसगढ़ में कोल परिवहन में कथित अवैध लेवी की ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) जांच जिस केस पर टिकी थी, कर्नाटक पुलिस ने उसकी चार्जशीट से धारा 120 बी और 384 को हटा लिया है. ईडी ने इसी केस को आधार बनाकर जांच और कार्रवाई शुरू की थी. इस मामले में आईएएस समीर विश्नोई, सूर्यकांत तिवारी, सौम्या चौरसिया, सुनील अग्रवाल, दो माइनिंग अफसर सहित 9 आरोपी जेल में बंद हैं. वहीं, 3 फिलहाल गिरफ्तार नहीं किए गए हैं.
जानकारी के मुताबिक कर्नाटक पुलिस ने छत्तीसगढ़ के कारोबारी सूर्यकांत तिवारी के विरुद्ध बेंगलुरु की अदालत में चार्जशीट दाखिल की है. कर्नाटक पुलिस द्वारा दायर चार्जशीट में आईपीसी की धारा 120 बी और 384 को हटा दिया गया है, जबकि ईडी द्वारा बेंगलुरु के कादूगोड़ी वाइट फील्ड थाना में जुलाई 2022 में जो एफआईआर दर्ज कराई गई थी, उसमें जांच के दौरान धारा 384 जोड़ी गई थी. उक्त आपराधिक प्रकरण में धारा 120 बी और 384 पीएमएलए के अंतर्गत आती हैं. इन्हीं धाराओं के आधार पर सितंबर 2022 में ईडी ने सूर्यकांत तिवारी एवं अन्य के विरुद्ध मामला दर्ज किया था और बाद में अन्य लोगों की गिरफ्तारियां हुईं थी.
उल्लेखनीय है कि सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा जारी आदेश के परिप्रेक्ष्य में ऐसे आपराधिक प्रकरण जिसके आधार पर पीएमएलए के प्रकरण पंजीबद्ध होते हैं, अगर उक्त प्रकरण से दर्शाए गए अपराधों को हटा लिया जाता है तो पीएमएलए के अपराध का कोई औचित्य नहीं रहता है. इस परिप्रेक्ष्य में कई प्रकरणों में उच्च न्यायालयों ने और पीएमएलए की विशेष अदालतों ने पीएमएलए के अंतर्गत दर्ज अपराधिक प्रकरणों को समाप्त किया है. इससे साफ है कि छत्तीसगढ़ में कोल परिवहन मामले में ईडी ने जो मामला दर्ज किया है, अब वह काफी कमजोर हो सकता है. ईडी की ओर से दर्ज कोल परिवहन केस में यहां हुई गिरफ्तारियों में आरोपियों को बड़ी राहत मिल सकती है.