ED-IT जांच के आधार पर अफसरों पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई के लिए भाजपा नेता की PIL हाईकोर्ट से खारिज
बिलासपुर. छत्तीसगढ़ में ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) और आयकर विभाग की जांच के आधार पर पूर्व मुख्य सचिव विवेक ढांड, आईएएस अनिल टुटेजा, समीर विश्नोई और सौम्या चौरसिया के खिलाफ अपराध दर्ज कर जांच नहीं करने के खिलाफ भाजपा नेता नरेश चंद्र गुप्ता की याचिका हाईकोर्ट की डबल बेंच ने खारिज कर दी है. चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस राकेश मोहन पांडेय ने सभी पक्षों को सुनने के बाद याचिका को चलने योग्य नहीं पाया.
भाजपा नेता नरेश चंद्र गुप्ता ने हाईकोर्ट में एक याचिका लगाई थी. इसमें उन्होंने कहा था कि पूर्व मुख्य सचिव विवेक ढांड, आईएएस अनिल टुटेजा, समीर विश्नोई और सौम्या चौरसिया के खिलाफ ईडी और आयकर विभाग ने जांच के बाद राज्य सरकार को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत अपराध दर्ज कर कार्रवाई के लिए लिखा है. इस मामले में राज्य सरकार की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई है. इसके लिए उन्होंने हाईकोर्ट से सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव, मुख्य सचिव, डीजीपी, ईओडब्ल्यू/एसीबी के डायरेक्टर और एसपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कोर्ट की निगरानी में सीबीआई जांच कराने की मांग की थी.
इस मामले में आईएएस अनिल टुटेजा की तरफ से अधिवक्ता मतीन सिद्दीकी ने पैरवी की. उन्होंने हाईकोर्ट को आवेदन दिया कि आयकर विभाग की कार्रवाई के संबंध में एक याचिका दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में पेंडिंग है. वहीं, इस मामले में आयकर विभाग ने दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका लगाई है, जो पेंडिंग है. इससे पहले नागरिक आपूर्ति निगम (नान) मामले में सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल पर रोक लगाई है. अधिवक्ता सिद्दीकी ने अपने आवेदन के जरिए यह आग्रह किया कि यह जनहित याचिका चलने योग्य नहीं है. इस मामले में शासन की ओर से महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा ने पैरवी की. डबल बेंच ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद यह पाया कि याचिका चलने योग्य नहीं है और खारिज कर दिया.