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दिवाली पर 3% DA: सीएम भूपेश बघेल के आश्वासन के बाद हड़ताल खत्म, इन शर्तों पर बनी बात...

छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के बैनर तले 22 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल की शुरुआत हुई थी।

दिवाली पर 3% DA: सीएम भूपेश बघेल के आश्वासन के बाद हड़ताल खत्म, इन शर्तों पर बनी बात...
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By NPG News

रायपुर। छत्तीसगढ़ के पांच लाख कर्मचारी अधिकारियों को दीपावली के मौके पर 3 प्रतिशत महंगाई भत्ते का तोहफा मिलेगा। साथ ही, हाल ही में महंगाई भत्ते में जो 6 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, उसका एक साल का एरियर्स जीपीएफ खाते में जमा किया जाएगा। वहीं, सातवें वेतनमान पर गृह भाड़ा भत्ते की जो लंबित मांग है, उस पर सरकार की ओर से एक कमेटी का गठन किया जाएगा। यानी दिवाली तक राज्य सरकार के कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 31 प्रतिशत हो जाएगा। भारतीय सेवा के अधिकारियों का भी महंगाई भत्ता फिलहाल 31 प्रतिशत ही है। राज्य सरकार के प्रवक्ता और कृषि मंत्री रविंद्र चौबे की मध्यस्थता में सीएम भूपेश बघेल से बातचीत और आश्वासन के बाद आखिरकार अनिश्चितकालीन हड़ताल खत्म करने का निर्णय हुआ।

आगे पढ़ें...हड़ताल शुरू होने से खत्म होने तक ही पूरी कहानी

छत्तीसगढ़ के कर्मचारी अधिकारियों को केंद्र सरकार द्वारा घोषित महंगाई भत्ते से 12 प्रतिशत कम भत्ता दिया जा रहा था। इसके विरुद्ध छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के बैनर तले आंदोलन की रूपरेखा तय की गई। इसके बाद चार चरणों में आंदोलन का निर्णय लिया गया। पहले चरण में प्रदेशभर से जिले ब्लॉक लेवल पर अपनी मांगों के संबंध में ज्ञापन दिया गया। इसके बाद एक दिन की हड़ताल और फिर पांच दिन की हड़ताल का निर्णय लिया गया। इसके बाद भी जब सरकार ने कोई पहल नहीं की, तब अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया गया। हालांकि सरकार ने एक कदम आगे बढ़ते हुए 6 प्रतिशत महंगाई भत्ता बढ़ाने की घोषणा की, लेकिन कर्मचारी इस पर सहमत नहीं थे।

भारतीय सेवा के अधिकारियों को ज्यादा क्यों?

राज्य के कर्मचारियों की नाराजगी तब और भड़क गई, जब राज्य में काम कर रहे आईएएस, आईपीएस और आईएफएस अधिकारियों का महंगाई भत्ता बढ़ाने का आदेश जारी किया गया। यही नहीं, बिजली कंपनी के कर्मचारियों का भी महंगाई भत्ता बढ़ा दिया गया। इसके बाद कर्मचारी भड़क गए और हड़ताल जारी रखने का निर्णय लिया।

सीएम ने अपील की, फिर चेतावनी भी दी

सीएम भूपेश बघेल ने पहले कर्मचारियों से काम पर लौटने के लिए अपील की। साथ ही, कार्रवाई की चेतावनी भी दी। इस वजह से कर्मचारियों में दोहरा रुख सामने आया। एक पक्ष हड़ताल खत्म करने के पक्ष में था, जबकि दूसरा पक्ष हड़ताल पर बने रहने पर अड़ा था। हड़ताल जारी रखने वालों की संख्या ज्यादा थी। हालांकि गुरुवार को करीब चार घंटे चली बैठक में फेडरेशन के कोर ग्रुप को फैसला लेने का अधिकार दे दिया गया।

सीएम से दो बार बातचीत, फिर ऐसे बनी बात

राज्य सरकार के प्रवक्ता कृषि मंत्री रविंद्र चौबे लगातार कर्मचारी नेताओं से बात कर रहे थे। उन्होंने शुक्रवार को सुबह फिर से कर्मचारी नेताओं से बात की। इसके बाद सीएम से बात की। सीएम ने कहा कि कर्मचारी पहले हड़ताल से लौटे, फिर उनकी बातों को मानेंगे। इसके बाद कर्मचारी नेताओं ने तीन शर्तें रखीं, जिसे सरकार ने स्वीकार कर लिया।

फेडरेशन के प्रांतीय संयोजक ने यह कहा...

छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के संयोजक कमल वर्मा ने कहा कि कृषि मंत्री की मध्यस्थता में सीएम से बातचीत के बाद 6 प्रतिशत महंगाई भत्ता देय तिथि से देने और 3 प्रतिशत महंगाई भत्ता दिवाली पर देने पर बात बनी है। एरियर्स की राशि जीपीएफ खाते में जमा की जाएगी। वहीं, गृह भाड़ा भत्ता देने के लिए कमेटी बनाई जाएगी।

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