डायरेक्टर-कमिश्नर हों विभागीय कैडर से : राज्य प्रशासनिक सेवा के बाद अब राजपत्रित अधिकारियों ने उठाई मांग, 17 को सीएम...
रायपुर। छत्तीसगढ़ के राजपत्रित अधिकारियों की आमसभा में विभागों के पुनरीक्षण की मांग की गई है। डायरेक्टर और आयुक्त के पद पर विभाग के ही सीनियर अधिकारियों को पदस्थ करने पर जोर दिया गया है। इन मुद्दों को लेकर राजपत्रित अधिकारी 17 जनवरी को सीएम भूपेश बघेल के नाम ज्ञापन सौंपेंगे। बता दें कि हाल ही में राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों ने भी डायरेक्टर व कलेक्टर आदि के पदों के लिए राज्य सेवा के अधिकारियों के लिए पद आरक्षित करने की मांग की थी।
प्रदेश राजपत्रित अधिकारी संघ की वार्षिक आमसभा का आयोजन इंद्रावती भवन में किया गया। संघ के अध्यक्ष कमल वर्मा ने बताया कि आमसभा में फरवरी माह में विशेष सदस्यता अभियान चलाकर निचले स्तर तक के अधिकारियों को संगठन से जोड़ने का निर्णय लिया गया। पदाधिकारियों ने प्रांत व जिला स्तर पर परामर्शदात्री की बैठक नहीं होने पर चिंता व्यक्त की। साथ ही, प्रदेशभर में जिला अध्यक्षों को ओर से सीएम और सीएस के नाम से 17 जनवरी को ज्ञापन सौंपने का निर्णय लिया गया। आमसभा में सभी विभाग के राजपत्रित अधिकारियों का भर्ती नियम में एकरूपता लाने पर जोर दिया गया। अधिकारियों का कहना था कि जब हम सब पीएससी से चयनित होकर आते हैं तो भर्ती नियम में असमानता नहीं होनी चाहिए।
आमसभा में विभिन्न विभागों के संचालक/ आयुक्त के पद पर विभाग के ही वरिष्ठ अधिकारियों को प्रभार देने हेतु प्रस्ताव रखा गया, जिसे सर्व सम्मति से पारित किया गया। साथ ही, राज्य बनने के बाद कुछ कैडर में पदों की वृद्धि हुई है, लेकिन अधिकांश विभाग के सेटअप यथावत है, जिसके कारण अधिकारियों के ऊपर कार्य का दबाव बढ़ता जा रहा है। इस दबाव के कारण अधिकांश अधिकारी स्वास्थ्य परेशानियों से जूझ रहे हैं। सभा में डीए, एचआरए और चार स्तरीय पदोन्नत वेतनमान के लिए छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के साथ संघर्ष करने का निर्णय लिया गया।
आमसभा में राजपत्रित अधिकारी संघ का प्रांतीय अधिवेशन करने का निर्णय भी लिया गया। उक्त सम्मेलन में "छत्तीसगढ़ के विकास में भागीदारी - राजपत्रित अधिकारी' विषय पर परिचर्चा को भी शामिल किया जाएगा। साथ ही, देश के प्रख्यात शिक्षाविद को कुशल प्रशासन जैसे विषय पर टिप्स देने आमंत्रित किया जाएगा।
आमसभा में मुख्य रूप से भूपेंद्र पाण्डेय, दिलदार सिंह मरावी, नारायण बुलीवाल, आलोक देव, पूषण साहू, युगल किशोर वर्मा, अविनाश तिवारी, एसके सुंदरानी, पीएल सहारा, डॉ व्हीके पैगवार, डॉ. अनिल कुमार पटेल, आरडी मेहरा, डॉ. डीआर प्रधान, डॉ. दीपक चंद्राकर, डॉ आईपी यादव, डॉ. एमएस कुरैशी, डॉ. नरेश खूंटे, मनोज कुमार, मनीष खोब्रागड़े सहित अन्य प्रतिनिधि उपस्थित थे।