CG डी-लिस्टिंग पर महारैली : धर्मांतरण करने वालों को आरक्षण की सुविधा खत्म करने के लिए बड़े आंदोलन का ऐलान, 16 को जुटेगा आदिवासी समाज
रायपुर. छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण के मुद्दे पर आदिवासी समाज के लोग शक्ति प्रदर्शन की तैयारी में हैं. 16 अप्रैल को जनजाति सुरक्षा मंच के बैनर तले आदिवासी समाज के लोग जुटेंगे और महारैली निकालेंगे. महारैली के जरिए धर्मांतरण करने वालों की डी-लिस्टिंग की मांग की जाएगी. यानी जो लोग आदिवासी संस्कृति और अपना मूल धर्म छोड़कर ईसाई या मुस्लिम बन गए हैं, उन्हें आरक्षण का लाभ नहीं देने की मांग की जाएगी. इसके लिए संविधान में संशोधन की मांग की जाएगी.
जनजाति सुरक्षा मंच के राष्ट्रीय संयोजक गणेश राम भगत, छत्तीसगढ़ के संयोजक भोजराज नाग, रोशन प्रताप सिंह और सह संयोजक संगीता पोया ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि 16 अप्रैल को राजधानी के वीआईपी रोड स्थित राम मंदिर के सामने भव्य रैली का आयोजन किया जाएगा. इस रैली के माध्यम से जनजाति समाज की यह मांग है कि जिन नागरिकों ने अपनी मूल संस्कृति और अपने मूल धर्म को छोड़कर विदेशी धर्म (जैसे ईसाई या इस्लाम) अपनाया है, उन्हें अनुसूचित जनजाति की श्रेणी से तत्काल बाहर किया जाए. इसके लिए आवश्यक संवैधानिक संशोधन किए जाए. छत्तीसगढ़ में भी बड़ी संख्या में धर्म परिवर्तन करने वाले लोगों के द्वारा मूल जनजातियों के हिस्से की सुविधाओं को अवैध रूप से छीना जा रहा है, जिसमें आरक्षण भी एक प्रमुख तत्व है, इसलिए हम चाहते हैं कि छत्तीसगढ़ के जनजातियों के साथ-साथ देश के करोड़ों जनजातियों के साथ हो रहे अन्याय को रोका जाए और धर्मान्तरितों को डी-लिस्ट किया जाए.
जनजाति सुरक्षा मंच के पदाधिकारियों ने कहा कि छत्तीसगढ़ सहित भारत में धर्मांतरण स्वतंत्रता के पूर्व से ही भारत के अनुसूचित जनजातियों के लोगों के लिए बड़ा खतरा बना हुआ है. विदेशी धर्म के द्वारा छत्तीसगढ़ के लोगों का धर्म परिवर्तन कराना कोई नई घटना नहीं है, लेकिन पिछले कुछ दशकों से इसमें भारी वृद्धि देखी गई है. इस तरह के धर्मांतरण जनजाति समुदाय को एक धीमे जहर की तरह प्रभावित कर रहे हैं और यह उनके मूल विश्वास, संस्कृति, रीति-रिवाजों और अनुष्ठानों को समाप्त कर रहे हैं.
सभी जिलों से आएंगे हजारों की संख्या में
जनजाति सुरक्षा मंच के पदाधिकारियों ने बताया कि अपनी मूल संस्कृति, रीति-रिवाजों, भाषाओं, परंपराओं एवं पुरखों की विरासत को बचाने के लिए जनजाति सुरक्षा मंच ने 16 अप्रैल को विशाल महारैली का आयोजन किया है. इसमें छत्तीसगढ़ के सभी जिलों से हजारों की संख्या में जनजाति समाज के लोग शामिल होंगे. मंच ने सभी से विदेशी धर्मों से गरीब अनुसूचित जनजातियों को बचाने में और उनसे संघर्ष करने में सहायता करने का आग्रह किया है.