Congress Mahadhiveshan 2024 का रोडमैप जारी : ईवीएम के खिलाफ जनमत जुटाएगी कांग्रेस, जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा, पुलिस भर्ती में महिलाओं को 33% आरक्षण
85वें राष्ट्रीय महाधिवेशन के दूसरे दिन राजनैतिक, आर्थिक और अंतरराष्ट्रीय मामलों के प्रस्तावों से स्पष्ट हो गया कि कांग्रेस किस दिशा में जाना चाहती है.
NPG ब्यूरो रायपुर. कांग्रेस ने 85वें राष्ट्रीय महाधिवेशन या कहें छत्तीसगढ़ महाधिवेशन में 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव का रोडमैप जारी कर दिया है. जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने, पुलिस की भर्ती में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण, बुजुर्गों के लिए जीवन गौरव योजना, छत्तीसगढ़ की तरह देशभर में खेतिहर मजदूर न्याय योजना और राजस्थान मॉडल पर चिरंजीवी योजना लागू करने, अंतर राज्यीय जल विवादों के निपटारे के लए साउथ अफ्रीका मॉडल पर स्थाई आयोग बनाने का प्रस्ताव लोकसभा चुनाव के घोषणा पत्र का अंग माना जा रहा है. कांग्रेस ने अभी से युवाओं के रोजगार से लेकर किसानों को उचित मूल्य देने का भी वादा किया है. वहीं, 2024-25 तक स्वास्थ्य पर दोगुना खर्च करने का भी विजन जाहिर किया है.
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस किन मुद्दों को लेकर जाएगी और घोषणा पत्र का क्या स्वरूप होगा, उसकी झलक राजनैतिक, आर्थिक और अंतरराष्ट्रीय मामलों से संबंधित प्रस्ताव में नजर आए. तीसरे दिन कांग्रेस कृषि व किसान, युवा व रोजगार और सामाजिक न्याय व सशक्तिकरण के प्रस्तावों पर चर्चा करेगी. तीनों प्रस्ताव राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के संदेश से जुड़े हुए हैं, इसलिए राहुल गांधी का संबोधन भी होगा. इसके बाद हाथ से हाथ जोड़ो अभियान के जरिए पूरे देश में कांग्रेस चुनावी अभियान का आगाज करेगी. यह फॉलोअप या फीडबैक यात्रा होगी. लोकसभा से पहले छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और राजस्थान सहित आधा दर्जन से ज्यादा राज्यों में चुनाव में अपनी तैयारियों को परखेगी.
आम आदमी पार्टी चुनौती, समान विचारधारा की खोज
कांग्रेस के राजनैतिक प्रस्ताव के 52 नंबर बिंदू में कांग्रेस ने जिन बातों का उल्लेख किया है, उससे यह स्पष्ट है कि लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस क्षेत्रीय दलों के साथ गठबंधन करेगी. कांग्रेस ने अपने राजनैतिक प्रस्ताव में यह स्पष्ट किया है कि आम वैचारिक आधार पर एनडीए का मुकाबला करने के लिए एकजुट विपक्ष की तत्काल आवश्यकता है. इससे अगली लाइन गौर करने लायक है, जिसमें कांग्रेस ने 'किसी तीसरी ताकत के उभरने से बीजेपी/एनडीए को फायदा होगा,' लिखा है. फिलहाल पहले से स्थापित क्षेत्रीय पार्टियों को छोड़ दें तो आम आदमी पार्टी ही ऐसा दल है, जिसने कांग्रेस को बड़ा नुकसान पहुंचाया है. दिल्ली में 15 साल की सत्ता हाथ से जाने के बाद गुजरात में भी आम आदमी पार्टी के कारण कांग्रेस को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा था. पंजाब में अमृतपाल सिंह के मामले में कांग्रेस ने पंजाब के चार नेताओं के साथ प्रेस कांफ्रेंस कर यह संकेत दिया कि इस मामले से केंद्र व राज्य की आप सरकार को घेरने की तैयारी है.
ईवीएम के खिलाफ पार्टियों से जनमत जुटाएगी कांग्रेस
ईवीएम की शुरुआत 1999 से हो चुकी है, लेकिन 2014 में केंद्र में भाजपा की सरकार बनने के बाद कांग्रेस पार्टी लगातार ईवीएम के विरोध में है. इसका उल्लेख कांग्रेस ने राजनैतिक प्रस्ताव में भी किया है. इस मामले में कांग्रेस ने समान विचारधारा वाले राजनैतिक दलों के साथ मिलकर व्यापक सहमति बनाने का निर्णय लिया है. इस मामले में चुनाव आयोग से जवाब मांगा जाएगा. यदि चुनाव आयोग की ओर से कोई निर्णय नहीं लिया जाएगा तो अदालत का दरवाजा खटखटाने का निर्णय लिया गया है.
घृणा अपराधों की रोकथाम के लिए नए कानून
देश में घृणा अपराध यानी धर्म के आधार पर हिंसा जैसे मामलों की रोकथाम के लिए कांग्रेस ने नया कानून लाने का संकल्प पारित किया है. कांग्रेस लगातार भाजपा पर नफरत की राजनीति करने और देश का माहौल बिगाड़ने का आरोप लगाती रही है और भारत जोड़ो यात्रा के जरिए प्यार बांटने का संकेत देती है. इसी कड़ी में कांग्रेस ने नया कानून बनाने का प्रस्ताव लाया है. इसी कड़ी में दलबदल की रोकथाम के लिए भी सख्त कानून लाने की बात है. फ्री प्रेस और फ्रीडम ऑफ स्पीच के साथ-साथ विसलब्लोअर्स को सुरक्षा देने का संदेश भी राजनैतिक प्रस्ताव में दिया गया है. कांग्रेस ने पुराने या अनुचित रूप से लोगों की स्वतंत्रता को प्रतिबंधित करने वाले सभी कानूनों, नियमों और विनियमों की समीक्षा करने की बात कही है.
इन पर भी होगा फोकस
राजनेताओं सहित लोक सेवकों द्वारा भ्रष्टाचार के सभी मामलों के लिए एक फास्ट ट्रैक प्रणाली की स्थापना।
सार्वजनिक अनुबंधों और खरीद में पूर्ण पारदर्शिता और विसलब्लोअर्स के लिए सुरक्षा।
विवेकाधीन शक्तियों में कमी, विशेष रूप से भूमि आबंटन में।
प्राकृतिक संसाधनों के दोहन की एक खुली, पारदर्शी, प्रतिस्पर्धी और टिकाऊ प्रणाली।
नए सिरे से शिकायत निवारण विधेयक 2011 को पेश किया जाएगा.
आवास, छात्रावास, होटल जैसी वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति में धर्म, जाति, लिंग या भाषा आधारित भेदभाव रोकने के लिए कानून।
राज्यपाल द्वारा पदों के दुरुपयोग करने पर सार्वजनिक रूप से जवाबदेह ठहराया जाएगा.