Begin typing your search above and press return to search.

जयराम का बड़ा आरोप : भारत मदर ऑफ डेमोक्रेसी नहीं, बल्कि मर्डर ऑफ डेमोक्रेसी, इन बिंदुओं से जानें डिटेल...

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कांग्रेस पूंजीवाद या निवेश के खिलाफ नहीं है, बल्कि मित्रवादी पूंजीवाद के खिलाफ है.

जयराम का बड़ा आरोप : भारत मदर ऑफ डेमोक्रेसी नहीं, बल्कि मर्डर ऑफ डेमोक्रेसी, इन बिंदुओं से जानें डिटेल...
X
By NPG News

रायपुर. छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के राष्ट्रीय महाधिवेशन से पहले एआईसीसी के संचार प्रमुख जयराम रमेश ने भारत देश में मर्डर ऑफ डेमोक्रेसी का आरोप लगाया. महाधिवेशन स्थल में मीडिया से बातचीत में जयराम रमेश ने कहा कि जी-20 के कार्यक्रम में पीएम नरेंद्र मोदी और उनके मंत्री देश-विदेश के दौरे कर रहे हैं. जगह-जगह होर्डिंग लगाए गए हैं कि इंडिया इज मदर ऑफ डेमोक्रेसी. लेकिन यहां जो हो रहा है, उससे यह स्पष्ट है कि मर्डर ऑफ डेमोक्रेसी का वातावरण है. केंद्र सरकार भारत जोड़ो यात्रा से घबराई हुई है. हमारे नेताओं के खिलाफ ईडी के छापे पड़ रहे हैं. आज एयरपोर्ट पर हमारे मीडिया विभाग के चेयरमैन पवन खेरा को प्लेन से उतार दिया गया. हालांकि सुप्रीम कोर्ट से हमें राहत मिली. इससे लगा कि टाइगर अभी जिंदा है. आगे पढ़ें, अलग-अलग मुद्दों से जुड़े सवालों पर जयराम रमेश ने क्या कहा...

कांग्रेस वर्किंग कमेटी चुनाव पर

कांग्रेस वर्किंग कमेटी के इलेक्शन के संबंध में कल स्टीयरिंग कमेटी की बैठक में फैसला लिया जाएगा. ढाई-तीन बजे तक जानकारी दी जा सकती है. पार्टी के संविधान के अनुसार स्टीयरिंग कमेटी तय करेगी. हम चुनाव के लिए तैयार हैं. हमने राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव किए हैं. कोई दूसरी पार्टी नहीं है, जहां वर्किंग कमेटी के लिए चुनाव होते हैं.

विपक्षी एकता

विपक्ष की एकता मजबूत है. ईडी के खिलाफ हमारी एकता मौजूद है. 3 अगस्त 2022 को 17 राजनीतिक दलों ने एक बयान दिया था, तब कहा था कि यह संशोधन पीएमएलए के बारे में मोदी सरकार लाई है, वह खतरनाक है. इसे सुप्रीम कोर्ट द्वारा रीव्यू करने की जरूरत है.

पार्टी में युवाओं की भागीदारी

युवाओं की भागीदारी पर सब्जेक्ट्स कमेटी बैठेगी. एक ग्रुप ने रिजोल्यूशन तैयार किया है. 26 को चर्चा होगी. हमारी पार्टी के संविधान में संशोधन लाया जाएगा, उस पर अलग समिति है. कल या परसों इस पर स्पष्टीकरण देने की स्थिति में रहूंगा.

महागठबंधन पर

महागठजोड़ पर इंतजार कीजिए. पार्लियामेंट के अंदर सभी विपक्षी दल एक हैं. केरल, तमिलनाडु, बिहार, महाराष्ट्र, झारखंड में कांग्रेस गठबंधन में है. 7-8 राज्यों में पहले से गठबंधन में है. ये चुनाव के पहले का गठन है. यूपीए गठबंधन चुनाव के बाद बना था. विपक्ष की एकता को मजबूत करना हमारी भूमिका हम जानते हैं. सशक्त कांग्रेस के बिना विपक्षी एकता असंभव है. कांग्रेस को सशक्त होना है, तभी विपक्ष की एकता प्रभावशाली होगी. अगर गठबंधन होगा तो एक सकारात्मक साझा कार्यक्रम होने की जरूरत है. नकारात्मक नजरिए से गठबंधन नहीं बना सकते. कॉमन प्रोग्राम होना है. सब लोग सहमति देते हैं, उस पर तो इस पर अभी और बात करने की जरूरत है. 2024 से पहले 2023 में कई राज्यों में चुनाव होने हैं. अभी से ही विपक्षी एकता बोलने का वक्त नहीं है. अभी राज्यों में चुनाव बाकी है. छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, राजस्थान, कर्नाटक, तेलंगाना में कांग्रेस मजबूत पार्टी है.

ईडी के छापों पर

यहां जो छापे हुए हैं, ये प्रतिशोध, उत्पीड़न की राजनीति है. हमारे महाधिवेशन को बदनाम करने के लिए किया गया है. ईडी एक हथियार है मोदी सरकार के पास.

अमृतकाल या आपातकाल

अब तक 6 प्रस्ताव हैं. राजनीतिक प्रस्ताव में जिक्र किया गया है कि यह अघोषित आपात काल है. यह अमृतकाल नहीं, आपातकाल है. इस पर चर्चा होगी. इस पर चर्चा की जरूरत नहीं है, क्योंकि सब लोग देख रहे हैं.

गठबंधन को लीड करने पर

कांग्रेस प्रेसीडेंट के भाषण का इंतजार कीजिए, उसमें टीएमसी या टीआरएस के साथ गठबंधन जैसी बातों का जिक्र होगा. अगर गठबंधन बनता है तो सभी पार्टियों को पीएम की नीयत और नीतियों के खिलाफ आवाज उठानी होगी. बिना डर और समझौते के आवाज उठानी होगी. आज कांग्रेस पार्टी एकमात्र राजनीतिक दल है जो प्रधानमंत्री की नीयत और नीतियों के खिलाफ आवाज उठा रही है. ईडी के छापे पड़े हैं. नेताओं के खिलाफ एफआईआर हुआ है. जो हम कहते हैं, वो हम करते हैं, हमारा दो चेहरा नहीं है. पिछले 15 दिन से एक पार्टी है जो रोज अडाणी के मामले में सवाल कर रहा है.

शिवसेना के चिह्न पर

शिवसेना के मुद्दे पर कहा कि यह अघोषित आपातकाल है. हमारे संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर करने के लिए सिस्टमेटिक प्रयास किया गया. इसमें चुनाव आयोग भी है. हम उम्मीद करते हैं कि सरकार के दबाव में न आकर निर्णय ले. सुप्रीम कोर्ट को कमजोर करने में जिस तरह से लोग लगे हुए हैं, वह दिखाता है कि एक रणनीति है. रणनीति यह है कि सरकार सर्वोपरि है. संसद का आपने मजाक बना लिया. लीडर ऑफ अपोजिशन जो बोलते हैं, उसे रिकॉर्ड से हटा दिया गया. मैं चीफ व्हिप हूं. मैं खड़े होकर पूछता हूं कि प्रधानमंत्री जो आरोप लगा रहे हैं, क्या उसका प्रमाण देंगे? हम अंदर बोल नहीं सकते. अगर आपको किसी के खिलाफ धमकी देना है, एफआईआर कराना है तो असम के मुख्यमंत्री तैयार हैं. वे अपने नए मालिक के प्रति निष्ठा का रोज प्रमाण दे रहे हैं.

पार्टी के भीतरी लोकतंत्र पर

यही तो लोकतंत्र का निशान है. जहां कार्यवाही करनी चाहिए वहां करते नहीं है. लक्ष्मण रेखा बढ़ते जाता है. संवाद होता है पार्टी में. हमारा ऑक्सीजन ही संवाद है. अखबारों में आर्टिकल लिखते हैं. सोशल मीडिया के जरिए संवाद करते हैं.

अडाणी के निवेश पर

राजस्थान में अडाणी ने 60 हजार करोड़ के निवेश का ऐलान किया. राहुल गांधी से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हमने कोई विशेष रास्ता नहीं खोला है एक उद्योगपति के लिए. अगर कोई पूंजीपति आना चाहता है और निवेश करना चाहता है, तो कोई मुख्यमंत्री मना नहीं कर सकता. सवाल यह है कि क्या कानून बदले गए या जो एक पूंजीपति के लिए जो लागू होता है, वह दूसरे पर लागू नहीं होता. क्या विशेष फेवर दिया गया. हम उद्योगपतियों के खिलाफ नहीं हैं. निवेश से रोजगार पैदा होता है. हम निवेश चाहते हैं. मित्रवादी पूंजीवाद है, 6 हवाई अड्‌डे, वित्त मंत्रालय और नीति आयोग कहता है कि 6 हवाई अड्‌डों का निजीकरण हो रहा है, आप किसी को दो से ज्यादा मत दीजिएगा, लेकिन किसी एक कोई सारे हवाई अड्‌डे दिए जाते हैं तो उसके खिलाफ हैं.

नक्सलवाद पर

2018 के पहले ऐसी घटनाएं होती थीं. नक्सलवादी घटनाओं में कमी आई है. हत्याओं में कमी आई है. यह हम नहीं कह रहे हैं केंद्र सरकार ने राज्यसभा में जवाब दिया है.

Next Story