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कांग्रेस का बड़ा खुलासा : रमन राज में 17000 गायों की हुई थी हत्या, गौशालाओं में भाजपा और आरएसएस के लोगों ने किया भ्रष्टाचार

कांग्रेस का बड़ा खुलासा : रमन राज में 17000 गायों की हुई थी हत्या, गौशालाओं में भाजपा और आरएसएस के लोगों ने किया भ्रष्टाचार
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By Manoj Vyas

रायपुर. छत्तीसगढ़ सरकार की फ्लैगशिप योजना नरवा गरुवा घुरवा बाड़ी के अंतर्गत गोठान में गड़बड़ियों को लेकर भाजपा के अभियान पर कांग्रेस ने बड़ा पलटवार किया है. राजीव भवन में कांग्रेस ने रमन सरकार में 15 साल में 1677 करोड़ के घोटाले का आरोप लगाया है. साथ ही, 17 हजार गायों की हत्या का भी आरोप लगाया है.

राजीव भवन में पत्रकारों से चर्चा करते हुए प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि रमन राज में गौशालाओं के नाम पर 1677.67 करोड़ रुपए भाजपाइयों ने गौशालाओं के नाम पर डकारा था. रमन राज में 15 साल में 17000 से अधिक गायों की मौतें भूख से, बिना चारा पानी के तड़प कर हुई थी. शुक्ला ने कहा कि वह वीभत्स मंजर आज भी जब याद आता है तो सिहरन सी उठती है, जब एक कमरे में 58 गायों को भरा गया था और दरवाजा खोला गया तो दरवाजे के साथ मृत गायें गिर कर बाहर आई थीं. भाजपा नेता की गौशाला में मछली पालन का तालाब बनाया गया था, जिसमें गायों के मांस का उपयोग गाय के चारे के रूप में होता था. गायों के चमड़े और हड्डी का व्यापार करने के लिये गायों को भूखा रख कर मारा जाता था.

15 साल में गौशाला के नाम से भाजपा नेताओं ने गौमाता के अनुदान को खाया. गौशाला के नाम से सरकारी जमीनों को आवंटित कर निजी उपयोग किया. आज गोधन के संरक्षण की बेहतर व्यवस्था हो रही तो इनको पीड़ा हो रही है.

15 साल तक गौशालाओं को प्रतिदिन आहार के नाम पर 115 गौशालाओं को प्रतिदिन 28 लाख 75 हजार रु. से अधिक राशि दी जाती थी. इसकी कुल राशि होती है एक साल में 1 अरब 4 करोड़ 93 लाख 75 हजार, 15 साल में 1560 करोड़ का गौशालाओं में चारा के नाम पर दिया गया.

20 हजार रुपए पशुओं की दवाइयों के लिए हर माह दिया जाता था. प्रत्येक गौशाला को एक साल में 2 लाख 40 हजार रुपया दिया गया. 115 गोशाला को एक साल दवाई के नाम से 2 करोड़ 76 लाख रु. 15 साल में 41.5 करोड़ रु. के करीब दिया गया. शेड निर्माण, बोरवेल, बिजली व्यवस्था के अलावा अन्य खर्चों के नाम से 76 करोड़ रू. बंदरबांट किया गया था.

गौशाला को लगभग 5 से 10 एकड़ सरकारी जमीन आवंटित किया गया. 15 साल में लगभग 1000 एकड़ से अधिक के जमीन, भाजपा नेताओं ने गौशाला के नाम से लिया और उसका निजी उपयोग किया.

रमन सिंह सरकार के 15 साल में गायों की सेवा के नाम पर भाजपा और आरएसएस के लोगों ने गायों को भूखा रख कर अपना पेट भरा. भाजपा राज में 17000 से अधिक गायों की मौतें हुई थी, जिसके लिए कांग्रेस ने विपक्ष में रहते आंदोलन किया था.

दुर्ग जिले के धमधा के राजपुर की गौशाला में गायें चारे-पानी के अभाव में भूखी मर गई थीं. दुर्ग के दशंरगपुर गौशाला में सैकड़ों गायें मृत पाई गई थीं. हरीश वर्मा के रिश्तेदारों की दो अन्य गौशालाएं में भी, जहां गायें मृत पायी गयी थी. कांकेर के कर्रामाड़ में इलाज, चारा व दाने के अभाव में गायों की मौत हुयी थी. दुर्गकोंडल, रायगढ़ स्थित चक्रधर गौशाला, कर्रामाड़, धमतरी, गरियाबंद, महासमुंद के बागबाहरा गौशाला में गायों की मौत हुई थी. इसी तरह पखांजूर की गौशाला, गोंडमर्रा बेमेतरा की गौशाला, ग्राम रानी साजा के गोरक्षा केंद्र में, बिलासपुर के पथरिया में, कोरबा की गौशाला में गायों की मौत हुई थी. इसके विरोध में कांग्रेस ने आंदोलन किया था.

शुक्ला ने बताया कि सीएम भूपेश बघेल की सरकार ने प्रदेश में 10894 गोठान स्वीकृत किया, जिसमें 9591 गोठानों का निर्माण किया गया है. इन गोठानो के माध्यम से पूरे प्रदेश में 3 लाख 50 हजार एकड़ जमीन चारागाह के लिए आरक्षित है. एक ओर जहां रमन राज में 1000 एकड़ सरकारी जमीन का बंदरबाट हुआ, वहां कांग्रेस सरकार ने साढ़े तीन लाख जमीन आरक्षित किया है.

कांग्रेस ने रमन शासनकाल में गौशालाओं को जो फंड दिया गया, जो जमीन दी गई, उसका ऑडिट कराने की मांग की है. साथ ही, भाजपा नेताओं को गौशाला के लिए जो जमीन जमीन आवंटित की गई थी, जिनका निजी उपयोग हो रहा है, उन जमीनों को गौठान के नाम पर अटैच करने की मांग की है.

पत्रकार वार्ता में प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी महामंत्री प्रशासन रवि घोष, प्रवक्ता आरपी सिंह, धनंजय सिंह ठाकुर, घनश्याम राजू तिवारी, नितिन भंसाली, अजय साहू, सुरेंद्र वर्मा, मणी प्रकाश वैष्णव उपस्थित थे.

Manoj Vyas

मनोज व्यास : छत्तीसगढ़ में 18 साल से पत्रकारिता में सक्रिय, सभी प्रमुख संस्थाओं में दी सेवाएं, इसी दौरान हरिभूमि समाचार पत्र से जुड़े। इसके बाद दैनिक भास्कर में सिटी रिपोर्टर के रूप में जॉइन किया। नौकरी के साथ-साथ गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय से एमएमसीजे की पढ़ाई पूरी की। न्यायधानी के बाद राजधानी का रुख किया। यहां फिर हरिभूमि से शुरुआत की और नेशनल लुक, पत्रिका, नवभारत, फिर दैनिक भास्कर होते हुए भविष्य की पत्रकारिता का हिस्सा बनने के लिए NPG.News में बतौर न्यूज एडिटर जॉइन किया। इस बीच नवभारत के भुवनेश्वर, ओडिशा एडिशन में एडिटोरियल इंचार्ज के रूप में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं।

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