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पेंशन ग्रेच्युटी के लिए फंड नहीं : विश्वविद्यालयों में 2016 के बाद रिटायर अधिकारी-कर्मचारियों को सातवें वेतनमान के आधार पर पेंशन की पात्रता नहीं, क्योंकि...

पेंशन ग्रेच्युटी के लिए फंड नहीं : विश्वविद्यालयों में 2016 के बाद रिटायर अधिकारी-कर्मचारियों को सातवें वेतनमान के आधार पर पेंशन की पात्रता नहीं, क्योंकि...
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By NPG News

रायपुर. छत्तीसगढ़ विधानसभा में गुरुवार को उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल ने बताया कि एक जनवरी 2016 के बाद राज्य के विश्वविद्यालयों से रिटायर अधिकारी-कर्मचारी अंशदायी भविष्य निधि में नियोक्ता अंशदान फंड से सातवें वेतनमान के अनुसार पेंशन एवं ग्रेच्युटी भुगतान के लिए पर्याप्त फंड उपलब्ध नहीं होने के कारण सातवें वेतनमान के आधार पर पेंशन व ग्रेच्युटी की पात्रता नहीं रखते हैं.

प्रश्नकाल के दौरान विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने यह मुद्दा उठाया. उन्होंने उच्च शिक्षा मंत्री से पूछा कि प्रदेश के विश्वविद्यालयों के सेवानिवृत्त प्राध्यापकों/ सहायक प्राध्यापकों, शिक्षकों, अधिकारी-कर्मचारियों को पेंशन देने के क्या प्रावधान हैं? मंत्री ने बताया कि अधिकारी-कर्मचारियों को अंशदान भविष्य निधि में नियोक्ता अंशदान फंड की राशि से शासन द्वारा समय-समय पर जारी निर्देश के अनुरूप पेंशन दिए जाने का प्रावधान है. बृजमोहन ने पूछा कि पेंशनधारियों को कौन से वेतनमान के आधार पर पेंशन व ग्रेच्युटी दी जा रही है. क्या ये पेंशनधारी सातवें वेतनमान के आधार पर पेंशन व ग्रेच्युटी की पात्रता रखते हैं.

उच्च शिक्षा मंत्री ने बताया कि दिनांक एक जनवरी 2016 के पूर्व सेवानिवृत्त पेंशनधारियों को सातवें वेतनमान के अनुसार पुनरीक्षित और दिनांक एक जनवरी 2016 के पश्चात सेवानिवृत्त विश्वविद्यालयीन अधिकारी-कर्मचारियों को छठवें वेतनमान के आधार पर पेंशन ग्रेच्युटी भुगतान की जा रही है. अंशदायी भविष्य निधि में नियोक्ता अंशदान फंड से सातवें वेतनमान के अनुसार पेंशन एवं ग्रेच्युटी भुगतान के लिए पर्याप्त फंड उपलब्ध नहीं होने के कारण सातवें वेतनमान के आधार पर पेंशन व ग्रेच्युटी की पात्रता नहीं रखते हैं. बृजमोहन ने पूछा कि विश्वविद्यालय अधिनियम के परिनियम 32 का पालन किया जा रहा है या नहीं. मंत्री ने बताया कि विश्वविद्यालय अधिनियम के परिनियम 32 का पालन करना विश्वविद्यालय का उत्तरदायित्व है.

क्या है परिनियम 32

छत्तीसगढ़ विश्वविद्यालय अधिनियम 1973 का परिनियम 32 विश्वविद्यालय निधि पर है. इसके अनुसार –

1. विश्वविद्यालय एक निधि स्थापित करेगा जो विश्वविद्यालय निधि कहलाएगी.

2. निम्नलिखित विश्वविद्यालय निधि का भाग होंगे या उसमें संदत्त किए जाएंगे –

- केंद्रीय या राज्य सरकार या किसी निगमित निकाय द्वारा दिया गया कोई भाटक अभिदाय या अनुदान

- न्याय, वसीयत, दान, विन्यास (एंडाउमेंट्स) तथा अन्य अनुदान यदि कोई हों

- समस्त स्त्रोतों से हुई विश्वविद्यालय की आय जिसके अंतर्गत फीस तथा अन्य प्रभारों से प्राप्त आय आती है.

- विश्वविद्यालय के द्वारा प्राप्त की गई समस्य अन्य राशियां.

3. विश्वविद्यालय निधि, कार्य परिषद के विवेकानुसार, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया एक्ट 1934 (क्रमांक 2 सन 1934) में यथा परिभाषित किसी भी अनुसूचित बैंक में रखी जाएगी या इंडियन ट्रस्ट्स एक्ट 1882 (क्रमांक 2 सन 1882) द्वारा प्राधिकृत प्रतिभूतियों में विनिहित की जाएगी.

4. इस धारा की कोई भी बात, किसी न्यास के प्रबंधक के लिए विश्वविद्यालय द्वारा या उसकी ओर से निष्पादित किए गए न्यास की किसी भी घोषणा द्वारा विश्वविद्यालय द्वारा प्रतिग्रहित की गई या उस पर अधिरोपित की गई किसी बाध्यता पर किसी भी प्रकार से प्रभाव नहीं डालेगी.

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