छत्तीसगढ़ में दिव्यांगों के लिए हर जिले में स्पेशल कोर्ट, निजी स्कूल एडमिशन देने से मना नहीं कर सकते, नियम लागू...

रायपुर. छत्तीसगढ़ में दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम के अंतर्गत समाज कल्याण विभाग द्वारा नियम तय कर दिए हैं. इस नियम के जरिए दिव्यांगों को समाज रूप से सभी अधिकार उपलब्ध कराए जाएंगे. इसके लिए राज्य व जिले स्तर पर जिम्मेदारियां तय कर दी गई हैं. खास बात यह है कि हर जिले में हाईकोर्ट की सहमति से एक-एक कोर्ट को दिव्यांगों के लिए स्पेशल कोर्ट तय किया जाएगा. साथ ही, विशेष लोक अभियोजक की नियुक्ति की जाएगी, जिससे उन्हें त्वरित न्याय मिल सके. इस अधिनियम में यह भी तय किया गया है कि राज्य सरकार से मान्यता प्राप्त कोई भी निजी स्कूल दिव्यांगता के आधार पर एडमिशन से मना नहीं कर सकेंगे. हर संस्थान में एक नोडन अधिकारी की नियुक्ति की जाएगी, जो दिव्यांगों से जुड़े मसलों का निराकरण करेंगे. दिव्यांग यदि संतुष्ट नहीं होंगे, तो इसकी शिकायत राज्य दिव्यांगजन आयुक्त को शिकायत कर सकेंगे. आयुक्त इस शिकायत पर 60 दिन के भीतर निराकरण करेंगे. पढ़ें, क्या-क्या नियम शामिल किए गए हैं...

Manoj Vyas
मनोज व्यास : छत्तीसगढ़ में 18 साल से पत्रकारिता में सक्रिय, सभी प्रमुख संस्थाओं में दी सेवाएं, इसी दौरान हरिभूमि समाचार पत्र से जुड़े। इसके बाद दैनिक भास्कर में सिटी रिपोर्टर के रूप में जॉइन किया। नौकरी के साथ-साथ गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय से एमएमसीजे की पढ़ाई पूरी की। न्यायधानी के बाद राजधानी का रुख किया। यहां फिर हरिभूमि से शुरुआत की और नेशनल लुक, पत्रिका, नवभारत, फिर दैनिक भास्कर होते हुए भविष्य की पत्रकारिता का हिस्सा बनने के लिए NPG.News में बतौर न्यूज एडिटर जॉइन किया। इस बीच नवभारत के भुवनेश्वर, ओडिशा एडिशन में एडिटोरियल इंचार्ज के रूप में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं।