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छत्तीसगढ़ में दांव पर मूंछें : नंदकुमार साय के बाल के बदले अमरजीत भगत ने मूंछें दांव पर लगाई, जूदेव के बेटे ने दिया मूंछों पर ताव

छत्तीसगढ़ में दांव पर मूंछें : नंदकुमार साय के बाल के बदले अमरजीत भगत ने मूंछें दांव पर लगाई, जूदेव के बेटे ने दिया मूंछों पर ताव
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By NPG News

रायपुर. छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद 2003 में पहला चुनाव होना था. सरपंच से विधायक तक कांग्रेस में शामिल हो रहे थे. उस समय अपनी मूंछों पर दांव लगाकर एक नेता पूरे देश में चर्चा में आ गए. नाम था दिलीप सिंह जूदेव. छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और ओडिशा में ईसाई धर्म अपनाने वाले आदिवासियों की घर वापसी के लिए चर्चित जूदेव का वह बयान काफी चर्चा में रहा. इस बीच एक वीडियो आया. जूदेव कहते दिख रहे हैं कि पैसा खुदा तो नहीं, पर खुदा से कम भी नहीं. ऐसा लगा कि क्या सारा खेल पलट जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. तत्कालीन जोगी सरकार की हार हुई और भाजपा सत्ता में आई. बाद में वे कथित रिश्वत कांड से बरी भी हुए.

बीस साल बाद फिर से मूंछें चर्चा में है. इस बार मूंछों पर दांव लगाने वाले जूदेव नहीं हैं. छत्तीसगढ़ सरकार के खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने अपनी मूंछों पर दांव लगाया है. उनके इस बयान पर जूदेव के बेटे प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने अपनी मूंछों पर ताव देते हुए भगत को चुनौती दी है कि वे अपनी मूंछ कटवाने के लिए तैयार हो जाएं. वैसे, आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ में फिर से भाजपा की सरकार बनाने के लिए पूर्व सांसद नंदकुमार साय के बाल पहले दांव पर लगे. इसके बाद उस चुनौती को स्वीकार करते हुए भगत ने अपनी मूंछें दांव पर लगाईं. इसके बाद भाजपा ने अपने ऑफिशियल सोशल मीडिया पेज पर भगत के बिना मूंछों वाला फोटो भी जारी कर दिया है.


रामविचार नेताम ने किया ऐलान

पीएम आवास के मुद्दे पर रायपुर में आयोजित भाजपा की जनसभा में पूर्व सांसद नंदकुमार साय के बाल को लेकर पूर्व सांसद व आदिवासी नेता रामविचार नेताम ने ऐलान किया कि वे कांग्रेस सरकार को हटाने के बाद ही बाल कटवाएंगे. मंच पर पूर्व सांसद, नेता प्रतिपक्ष और भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष रहे कद्दावर आदिवासी नेता साय को बुलाकर नेताम ने ये ऐलान किया कि जब तक भूपेश बघेल की सरकार नहीं बदल देते ये बाल नहीं कटवाएंगे. नेताम की बातों का साय ने मुस्कुराते हुए और हाथ हिलाकर अभिवादन कर समर्थन कर दिया.

भाजपा की इस चुनौती को कांग्रेस ने भी पलक झपकते लपक लिया. कैबिनेट मंत्री और कांग्रेस के आदिवासी नेता भगत ने कहा कि बालों पर क्या दांव लगाना. अगर उन्हें दांव पर ही कुछ लगाना है, तो छत्तीसगढ़िया लोगों को आरक्षण का लाभ दिलाने के लिए केंद्र और राज्यपाल से बात करनी चाहिए, लेकिन इसके साथ ही उन्होंने भाजपा की चुनौती स्वीकार करते हुए अपनी मूंछें दांव पर लगा दी. अमरजीत ने मूंछों पर ताव देते हुए कहा कि 2023 में कांग्रेस नहीं जीती तो मूंछ कटा लेंगे.

इसके बाद छत्तीसगढ़ भाजपा के प्रदेश मंत्री प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने कहा कि सरगुजा संभाग में भाजपा को जिताने की जिम्मेवारी हमारी और वे कर लें अपनी मूंछ मुड़वाने की तैयारी. प्रबल प्रताप ने कहा कि वचन तो वचन है. मैं उम्मीद करता हूं कि संकल्पवान मंत्री भी अपने संकल्प से पीछे नहीं हटेंगे. अगर वे कांग्रेस को नहीं जिता पाए तो उन्हें अवश्य ही अपनी मूंछें मुड़वा लेनी चाहिए.

बाल और मूंछों पर लगे इस दांव ने राजनीति में गर्माहट ला दी है. माना जा रहा है कि आने वाले समय में अब संघर्ष तेज होगा. हालांकि कांग्रेस और भाजपा दोनों की साख दांव पर है, क्योंकि 15 साल बाद सत्ता में लौटी कांग्रेस किसी भी स्थिति में इसे छोड़ने के लिए तैयार नहीं है. यही वजह है कि गांव, गरीब, किसान, महिला, युवा आदि सभी वर्गों को ध्यान में रखकर सरकार योजनाएं बना रही है. इसके विपरीत भाजपा भी हर हाल में सत्ता में लौटने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाह रही. राज्य सरकार को जो वादे अधूरे हैं, वादाखिलाफी, अपराध, कानून व्यवस्था, भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों पर लगातार भाजपा राज्य सरकार को घेरने में लगी है.

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