Begin typing your search above and press return to search.

IAS एम गीता का कल सुबह दिल्ली में होगा अंतिम संस्कार, स्ट्रांग विल पावर मौत को चकमा देने वाली गीता के बारे में आईएएस अफसरों ने ये कहा...

IAS एम गीता का कल सुबह दिल्ली में होगा अंतिम संस्कार, स्ट्रांग विल पावर मौत को चकमा देने वाली गीता के बारे में आईएएस अफसरों ने ये कहा...
X
By NPG News

रायपुर। छत्तीसगढ़ कैडर की महिला आईएएस एम गीता नहीं रहीं। करीब तीन महीने से जीवन और मौत से संघर्ष कर रही गीता आज जिंदगी की जंग हार गईं। दिल्ली के बीएम कपूर अस्पताल में आज देर शाम उनका देहावसान हो गया। ब्रेन स्ट्रोक्स के बाद गीता को जब 27 मई को अस्पताल में भरती कराया गया तो डॉक्टरों ने कहा था कि सात-आठ दिन से ज्यादा उनकी लाइफ नहीं है। लेकिन, गीता तीन महीने तक मौत को चकमा देती रहीं। पिछले महीने उम्मीद की किरण जगी थी, जब वे वेंटिलेटर से बाहर आ गईं थीं। मगर बीमारी एक बार फिर भारी पड़ गई। पिछले हफ्ते उन्हें दिल का दौरा पड़ा। तब भी डाक्टरों ने कहा कि अब बस दो-तीन दिन है। मगर फिर भी एक हफ्ता उन्होंने मौत को मात दिया। मगर आज वो क्रूर घड़ी आ गई, जब मौत का पंजा उन्हें अपना शिकार बना लिया।

गीता का पार्थिव शरीर आज अस्पताल में रहेगा। कल सुबह नौ बजे उन्हें घर ले जाया जाएगा। वहां से रीति रिवाजों के बाद दिल्ली के लोधी इस्टेट श्मशान गृह में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। इस मौके पर छत्तीसगढ़ आईएएस एसोसियेशन के प्रेसिडेट मनोज पिंगुआ एसोसियेशन और राज्य सरकार की तरफ से मौजूद रहेंगे। पता चला है, अंतिम यात्रा में शरीक होने 97 बैच के कई आईएएस अधिकारी भी कल सुबह दिल्ली पहुंच रहे हैं। उनके बैचमेंट और छत्तीसगढ़ कैडर के आईएएस सुबोध सिंह भी अंतिम संस्कार के समय मौजूद रहेंगे।

आईएस एसोसियेशन के अध्यक्ष मनोज पिंगुआ ने गीता के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि गीता रिजल्ट देने वाली अफसर ामनी जाती थी। मुख्य सूचना आयुक्त एमके राउत जब एसीएस पंचायत थे, तब गीता ओडीएफ डायरेक्टर थीं। राउत ने कहा, ओडीएफ की बुनियाद खड़ा करने में गीता का बड़ा योगदान रहा...वो काफी हार्डवर्कर थीं। जो भी उन्हें टास्क किया जाता था, वे जुट कर करती थीं। राउत ने कहा, गीता के निधन की खबर दुखी करने वाला है। केंद्रीय खाद्य और आपूर्ति विभाग में ज्वाइंट सिकरेट्री सुबोध सिंह गीता के बैचमेट हैं। जाहिर है, उन्हें गीता के जाने से ज्यादा तकलीफ हुई होगी। सुबोध ने कहा, गीता हमारे बैच में फाइट करने वाली महिला थी। ट्रेनिंग के समय से उन्हें सोशल सेक्टर में काम करने की काफी रुचि रही। छत्तीसगढ़ में महिला बाल विकास की सिकरेट्री रहने के दौरान गीता ने महिला सशक्तिकरण की दिशा में कई उल्लेखनीय काम किए। सुबोध ने एनपीजी को बताया, एपीसी रहने के दौरान राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना नरवा-गरुवा को शुरूआती आकार देने में अहम भूमिका निभाई...रियली वे एक स्ट्रांग विल पावर वाली महिला थीं।

Next Story