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प्रश्नकाल बाधित : पीडीएस में 600 करोड़ के घपले पर विपक्ष का जोरदार हंगामा, दो बार स्थगित करनी पड़ी कार्यवाही

प्रश्नकाल बाधित : पीडीएस में 600 करोड़ के घपले पर विपक्ष का जोरदार हंगामा, दो बार स्थगित करनी पड़ी कार्यवाही
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By NPG News

रायपुर. छत्तीसगढ़ विधानसभा में शुक्रवार को पीडीएस में 600 करोड़ के घपले के मुद्दे पर विपक्ष ने प्रश्नकाल चलने नहीं दिया. पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह ने आरोप लगाया कि पीडीएस में 600 करोड़ का घोटाला हुआ है. खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि मामले की जांच कराई जा रही है. 24 मार्च 2023 तक जांच रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं. हालांकि विपक्ष के सदस्य सदन की कमेटी से जांच की मांग पर अड़ गए. विपक्ष की ओर से नारेबाजी शुरू हुई हो गई. सरकार पर कमीशनखोरी का आरोप भी लगा. हंगामे के कारण कार्यवाही 5 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी.

पूर्व सीएम डॉ. रमन ने प्रश्नकाल में अतिशेष चावल के संबंध में विभाग द्वारा क्या नियम बनाया गया है, यह जानकारी मांगी गई. खाद्य मंत्री भगत ने कहा कि पूर्व सरकार ने जो फॉर्मूला बनाया था, उसे ही फॉलो किया जा रहा है. पूर्व सीएम रमन ने कहा कि खाद्य विभाग द्वारा छत्तीसगढ़ में संचालित 13391 दुकानों की जांच की गई. विभाग ने पाया कि कुछ दुकानों को छोड़कर शेष सभी दुकानों में दिसंबर 2022 में जिले में दर्ज बचत की मात्रा खाद्य विभाग और जिले के डाटाबेस में फर्क है. 68930 मी. टन चावल स्टॉक में है. दो से पांच महीने तक चावल वितरण किया जा सकता है. पूरी लिस्ट हमारे पास है. इससे ज्यादा भ्रष्टाचार नहीं हो सकता. एक लाख 67 हजार मी. टन चावल है. 68930 मी. टन चावल गायब है. जिले के स्टॉक में गायब है. उन्होंने बताया कि रायगढ़ में 5093 मी. टन चावल का ओवरस्टॉक पाया गया. इसी तरह नवापारा रायपुर में 6000 टन, कोरबा में 4000 मी. टन चावल ज्यादा है. इस संबंध में कोई जांच रिपोर्ट मिली है क्या?

खाद्य मंत्री भगत ने बताया कि बोगस अलॉटमेंट आपके समय होते थे. आपने कभी वेरिफिकेशन कराया था. हमने वेरिफिकेशन कराया है. 4952 उचित मूल्य दुकान में करीब 41000 टन चावल की कमी पाई गई. अनियमितता का परीक्षण कराया जा रहा है. 13 में एफआईआर कराई गई है. 19 प्रकरणों में चावल की राशि वसूल की गई है. स्टॉक कमी वाले मामले में एफआईआर कराई गई है. 161 उचित मूल्य दुकान निलंबित किए गए हैं. सभी जिलों की कार्रवाई 24 मार्च 2023 तक पूर्ण कर विभाग को प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं. आपने कभी ओवरस्टॉक को मेंटेन करने की कोशिश नहीं की. आज ई पॉस मशीन का तीन बार परीक्षण कराती है. इसके बाद ही भुगतान मिलता है. जांच में कमी पाई गई है, प्रचलन में है.

पूर्व सीएम ने कहा कि पिछली सरकार ने जो नियम बनाए थे, उसका पालन होता तो 600 करोड़ का घोटाला नहीं होता. इसकी विधायकों की कमेटी से जांच करानी चाहिए. खाद्य मंत्री ने बताया कि कम्प्यूटरी के कारण अब सेल्फ डिक्लेरेशन बंद हो गया है. 96 प्रतिशत हितग्राहियों को बायोमीट्रिक प्रमाणीकरण के जरिए चावल वितरण किया जा रहा है. इसके बाद खाद्य मंत्री वर्तमान और पिछली सरकार में लागू व्यवस्था के बारे में पढ़ने लगे तो पहले सौरभ सिंह, फिर शिवरतन शर्मा ने आपत्ति की. अपना भाषण पूरा कर मंत्री ने कहा कि जो भी कमी है, वह आपके समय (पूर्ववर्ती सरकार) की है.

इसके बाद जोरदार हंगामा होने लगा. सभी भाजपा के विधायक अपनी अपनी जगह पर खड़े हो गए और जांच की मांग करने लगे. अजय चंद्राकर ने कहा कि किसी के भी कार्यकाल का मामला हो जांच होनी चाहिए. नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा कि सदन की जांच कमेटी से जांच कराइए. धर्मजीत सिंह ने कहा सदन की कमेटी से जांच करा दीजिए. इसमें क्या दिक्कत है. चंदेल ने स्पीकर से आग्रह किया कि वे आसंदी से निर्देशित करें कि सदन की कमेटी से जांच कराएं. धरमलाल कौशिक ने कहा कि आखिर सदन की कमेटी से जांच कराने में क्या दिक्कत है. इसे लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों तरफ से हंगामा होने लगा. इसे देखते हुए स्पीकर ने 5 मिनट के लिए कार्यवाही स्थगित कर दी.

सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो फिर से ऐसी स्थिति बनी. विपक्ष के सदस्य विधायकों की कमेटी से जांच की मांग को लेकर लगातार नारेबाजी करते रहे. हंगामे के कारण स्पीकर ने करीब 11.51 बजे सदन की कार्यवाही प्रश्नकाल तक के स्थगित कर दी.

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