Begin typing your search above and press return to search.

Chhattisgarh Assembly Election 2023 मनेंद्रगढ़ : आजादी के बाद से आदिवासियों के लिए आरक्षित थी सीट, प्रीतम थे पहले विधायक, 15 चुनावों में 11 बार कांग्रेस जीती

Chhattisgarh Assembly Election 2023 मनेंद्रगढ़ : आजादी के बाद से आदिवासियों के लिए आरक्षित थी सीट, प्रीतम थे पहले विधायक, 15 चुनावों में 11 बार कांग्रेस जीती
X
By Manoj Vyas

Chhattisgarh Assembly Election 2023

रायपुर. छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के लिए अब 6 महीने का समय शेष है. इसके साथ ही कांग्रेस और भाजपा के साथ-साथ बाकी दलों ने चुनावी रणनीति पर काम शुरू कर दिया है. सीएम भूपेश बघेल के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार ने साढ़े चार साल का समय पूरा कर लिया है. छत्तीसगढ़ में विधानसभा की 90 सीटें हैं, जिसमें 71 में कांग्रेस, 14 में भाजपा, 3 में जनता कांग्रेस और 2 सीटों पर बसपा के विधायक हैं. 2018 में जब विधानसभा चुनाव हुए थे, तब कांग्रेस के पास 68 सीटें थीं. इस बीच 5 उपचुनाव हो चुके हैं. इसमें दंतेवाड़ा, मरवाही और खैरागढ़ सीट कांग्रेस के खाते में जुड़ गई है. क्या कांग्रेस अपना रिकॉर्ड तोड़ पाएगी या भाजपा अपनी खोई हुई ताकत वापस हासिल कर पाएगी, छोटे दलों की क्या भूमिका होगी? इन सवालों का जवाब ढूंढने के लिए आपको हर दिन एक विधानसभा की कहानी बताएंगे. विधानसभा के गठन से लेकर अब तक हुए चुनावों में क्या रह... आज चर्चा मनेंद्रगढ़ सीट की...

जेपी की पार्टी ने रोका कांग्रेस का रथ

अविभाजित मध्यप्रदेश में कुल विधानसभा सीटों में से छत्तीसगढ़ के वर्तमान को देखें तो मनेंद्रगढ़ सीट से शुरुआत होगी थी. छत्तीसगढ़ जब अलग हुआ, तब भी पहले नंबर की सीट मनेंद्रगढ़ ही थी. हालांकि 2008 के बाद से पहले नंबर की सीट भरतपुर सोनहत हो गई. आजादी के बाद से मनेंद्रगढ़ में अब तक कुल 15 विधानसभा चुनाव हुए हैं. इन चुनावों में कांग्रेस का पलड़ा भारी रहा. कांग्रेस ने 15 में 11 चुनाव में जीत दर्ज की है. भाजपा ने सिर्फ तीन बार यह सीट जीती है. एक विधानसभा चुनाव जयप्रकाश नारायण की जनता पार्टी ने जीता था. यहां के पहले विधायक कांग्रेस से प्रीतम कुर्रे और निर्दलीय ज्वाला प्रसाद थे. बता दें कि उस समय कुछ सीटों से दो विधायक चुने जाते थे.

1977 में टूटा था कांग्रेस का तिलिस्म

कांग्रेस ने 1951 से लेकर 1972 के चुनाव में शानदार जीत दर्ज की थी. पांचों चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार अच्छे खासे मार्जिन से चुनाव जीते थे, लेकिन साल 1977 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का तिलिस्म टूट गया और जयप्रकाश नारायण की पार्टी के उम्मीदवार राम सिंह ने 4893 वोट से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे. दरअसल, उस दौरान आपातकाल की वजह से कांग्रेस के खिलाफ लोगों में नाराजगी थी, जिसका फायदा जनता पार्टी को मिला था.

1990 में पहली बार बीजेपी को मिला जीत का स्वाद

मनेंद्रगढ़ सीट पर भारतीय जनता पार्टी ने पहली बार जीत का स्वाद साल 1990 के विधानसभा चुनाव में चखा. भाजपा प्रत्याशी चंद्रप्रताप सिंह ने कांग्रेस के विजय सिंह को 19462 वोट के बड़े अंतर से हराया था. हालांकि साल 1980 और 1985 के चुनाव में भी भाजपा उम्मीदवार चंद्रप्रताप सिंह थे और दोनों ही बार कांग्रेस से विजय सिंह ने उन्हें हराया था. इसके अलावा भाजपा ने साल 2008 और 2013 में मनेंद्रगढ़ सीट से चुनाव जीता था. 2008 के चुनाव में भाजपा के फूलचंद सिंह ने और 2013 के चुनाव में चंपा देवी पावले ने जीत दर्ज की. इस तरह मनेंद्रगढ़ सीट से भाजपा को कुल 3 बार ही जीतने का मौका मिला.

मनेंद्रगढ़ सीट से चुने गए अब तक के विधायक

वर्ष – विधायक – पार्टी

1. 1951 – प्रीतम कुर्रे, ज्वाला प्रसाद – कांग्रेस

2. 1957 – रघुबर सिंह, बृजेंद्र लाल – कांग्रेस

3. 1962 – रतिराम – कांग्रेस

4. 1967 – डी सिंह – कांग्रेस

5. 1972 – धरमपाल – कांग्रेस

6. 1977 – राम सिंह – जेएनपी

7. 1980 – विजय सिंह – कांग्रेस

8. 1985 – विजय सिंह – कांग्रेस

9. 1990 – चंद्रप्रताप सिंह – बीजेपी

10. 1993 – लाल विजय प्रताप सिंह – कांग्रेस

11. 1998 – गुलाब सिंह – कांग्रेस

12. 2003 – गुलाब सिंह – कांग्रेस

13. 2008 – फूल चंद सिंह – बीजेपी

14. 2013 – चंपा देवी पावले – बीजेपी

15. 2018 – डॉ. विनय जायसवाल – कांग्रेस

Manoj Vyas

मनोज व्यास : छत्तीसगढ़ में 18 साल से पत्रकारिता में सक्रिय, सभी प्रमुख संस्थाओं में दी सेवाएं, इसी दौरान हरिभूमि समाचार पत्र से जुड़े। इसके बाद दैनिक भास्कर में सिटी रिपोर्टर के रूप में जॉइन किया। नौकरी के साथ-साथ गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय से एमएमसीजे की पढ़ाई पूरी की। न्यायधानी के बाद राजधानी का रुख किया। यहां फिर हरिभूमि से शुरुआत की और नेशनल लुक, पत्रिका, नवभारत, फिर दैनिक भास्कर होते हुए भविष्य की पत्रकारिता का हिस्सा बनने के लिए NPG.News में बतौर न्यूज एडिटर जॉइन किया। इस बीच नवभारत के भुवनेश्वर, ओडिशा एडिशन में एडिटोरियल इंचार्ज के रूप में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं।

Read MoreRead Less

Next Story