विधानसभा ब्रेकिंग : सदन में सत्ता पक्ष का हंगामा, विपक्ष के आरोपों को विलोपित नहीं करने पर प्रश्नकाल चलने नहीं दिया
रायपुर. विधानसभा के बजट सत्र के पांचवें दिन प्रश्नकाल के दौरान अजीब स्थिति बन गई. राइस मिलर्स से प्रति क्विंटल 20 रुपए वसूली के आरोप पर सत्ता पक्ष की ओर से यह शर्त रखी गई कि विपक्ष साक्ष्य प्रस्तुत करे या विलोपित करें, तब ही आगे की कार्यवाही होगी. आसंदी से बार-बार यह कहा गया कि उन्होंने व्यवस्था दे दी है, लेकिन सत्ता पक्ष के सदस्य नारेबाजी करते रहे. इस वजह से प्रश्नकाल की कार्यवाही बाधित हुई. इससे पहले विपक्ष के सदस्यों ने मंत्री के जवाब से असंतुष्ट होकर बहिर्गमन कर दिया था.
प्रश्नकाल के दौरान विधायक शिवरतन शर्मा ने राइस मिलर्स को भुगतान नहीं होने का मामला उठाया. उन्होंने पूछा कि कितने मिलर्स ने देयक प्रस्तुत किया है और पेमेंट नहीं किया गया है. अमरजीत भगत के स्थान पर वनमंत्री मोहम्मद अकबर ने जवाब दिया. उन्होंने बताया कि देयक प्रस्तुत करने की प्रक्रिया ऑनलाइन है. देयक (बिल) प्रस्तुत होने के बाद उसका परीक्षण कराया जाता है.
अजय चंद्राकर ने कहा कि दो साल से 181 करोड़ का भुगतान नहीं हुआ है. क्या देयक प्रस्तुत होने के बाद पेमेंट के लिए कोई समय सीमा निर्धारित है. मंत्री ने बताया कि कोई समय सीमा निर्धारित नहीं है.
इस बीच विपक्ष ने 20 रुपए प्रति क्विंटल मिलर्स से वसूली का आरोप लगाया. इस बात पर मंत्री अड़ गए कि जो आरोप लगाए गए हैं, उसका साक्ष्य प्रस्तुत करें या विलोपित किया जाए. आसंदी से विधानसभा उपाध्यक्ष संतराम नेताम ने कहा कि वे परीक्षण कराएंगे और उसके बाद विलोपित करने या नहीं करने के संबंध में निर्णय लेंगे.
इस दौरान सत्ता पक्ष की ओर से विलोपित करने की मांग आने लगी. सत्ता पक्ष के हंगामे के बीच नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर बहिर्गमन करने की बात कही.
विपक्ष के सदस्य जब बाहर जाने लगे तो मंत्री ने फिर से विलोपित करने या साक्ष्य प्रस्तुत करने की स्थिति में ही कार्यवाही आगे बढ़ाने की शर्त रखी. इसके बाद सत्ता पक्ष के सदस्य भी खड़े गए और नारेबाजी करने लगे. आसंदी से उन्हें बार-बार बैठने के लिए कहा गया. आखिरकार 12.30 बजे तक के लिए कार्यवाही स्थगित कर दी गई.