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नियमितीकरण पर सीएम ने बताया : राज्य के 47 विभागों में 87256 अनियमित और संविदा कर्मचारी, 22 विभागों ने नहीं दी जानकारी

सबसे ज्यादा 25793 संविदा कर्मचारी स्वास्थ्य विभाग में. पंचायत विभाग में सर्वाधिक 10466 अनियमित और दैनिक वेतनभोगी.

नियमितीकरण पर सीएम ने बताया : राज्य के 47 विभागों में 87256 अनियमित और संविदा कर्मचारी, 22 विभागों ने नहीं दी जानकारी
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By NPG News


रायपुर. छत्तीसगढ़ में अनियमित, दैनिक वेतनभोगी और संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण के मुद्दे पर सीएम भूपेश बघेल ने बुधवार को एक सवाल के लिखित जवाब में बताया कि 47 विभागों में 87256 अनियमित, दैनिक वेतन भोगी और संविदा कर्मचारी हैं. इनमें अनियमित और दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों की संख्या 50385 है. इसी तरह संविदा कर्मचारियों की संख्या 36871 है. विधायक शिवरतन शर्मा के लिखित सवाल में जवाब में मुख्यमंत्री ने यह जानकारी दी है. (नीचे देखें विभागवार पूरी लिस्ट)

विधायक शर्मा ने पूछा कि क्या विधि एवं विधायी कार्य विभाग से उक्त कर्मचारियों को नियमित करने हेतु अभिमत चाहा गया है. किस दिनांक को सामान्य प्रशासन विभाग ने अभिमत हेतु पत्र लिखा? क्या अभिमत मिल गया? सीएम बघेल ने बताया कि नियमितीकरण किए जाने के संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग के यू.ओ. क्रमांक 197, दिनांक 25.05.2019 द्वारा विधि एवं विधायी कार्य विभाग से अभिमत चाहा गया था. मुख्यमंत्री ने बताया कि अभिमत मिल गया है.

शर्मा ने पूछा कि क्या प्रदेश के अनियमित, संविदा, दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों की पूरी जानकारी सामान्य प्रशासन विभाग को अन्य विभागों से मिल गई है? यदि हां तो कब दिनांक सहित जानकारी प्रदान करें. सीएम ने बताया कि समिति की प्रथम बैठक दिनांक 09.01.2020 को आहुत की गई थी, जिसमें समिति द्वारा लिए गए निर्णय/अनुशंसा अनुसार शासन के समस्त विभाग से अनियमित, दैनिक वेतनभोगी और संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों की संख्यात्मक जानकारी चाही गई है. 47 विभागों से प्राप्त हुई है. समिति की द्वितीय बैठक दिनांक 16.08.2022 को आहुत की गई, जिसमें समिति द्वारा लिए गए निर्णय/अनुशंसा अनुसार निम्नांकित पांच बिंदुओं की जानकारी शासन के समस्त विभागों से चाही गई है. 24 विभागों से जानकारी प्राप्त हुई है. शेष 22 विभागों से जानकारी अप्राप्त है.

विधायक शर्मा ने पूछा कि कर्मचारियों को नियमित करने के लिए पिछले 3 साल में कितनी समिति, किसकी अध्यक्षता में गठित की गई. उनकी रिपोर्ट क्या है? यदि रिपोर्ट लंबित है तो उसके क्या कारण हैं? सीएम बघेल ने बताया कि अनियमित, दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों के नियमितीकरण के संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश क्रमांक 12-1/2019/1-3, दिनांक 08.03.2019 द्वारा अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया था, जिसे निरस्त करते हुए आदेश क्रमांक 12-1/2019/1-3, दिनांक 11.12.2019 को प्रमुख सचिव वाणिज्य एवं उद्योग विभाग की अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया है. समिति की प्रथम बैठक दिनांक 09.01.2020 को आहुत की गई थी, जिसमें समिति द्वारा लिए गए निर्णय/अनुशंसा अनुसार शासन के समस्त विभाग से अनियमित, दैनिक वेतनभोगी एवं संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों की संख्यात्मक जानकारी चाही गई है. 47 विभागों से प्रज्ञत हुई है. समिति की दूसरी बैठक दिनांक 16.08.2022 को आहुत की गई, जिसमें समिति द्वारा लिए गए निर्णय/अनुशंसा अनुसार निम्नलिखित 5 बिंदुओं की जानकारी शासन के समस्त विभागों से निर्धारित प्रपत्र में चाही गई है-

1. विभागों में पदस्थ अनियमित, दैनिक वेतनभोगी एवं संविदा पर कार्यरत कर्मचारी क्या खुले विज्ञापन/भर्ती प्रक्रिया के माध्यम से नियुक्त हुए हैं?

2. क्या कार्यरत कर्मचारी उक्त पद की निर्धारित शैक्षिणक/तकनीकी योग्यता रखते हैं?

3. कार्यरत कर्मचारी जिस पद पर कार्य कर रहा है, क्या वह पद संबंधित विभाग के पद-संरचना/भर्ती नियम में स्वीकृत है?

4. क्या उक्त नियुक्ति में शासन द्वारा जारी आरक्षण नियमों (अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग) का पालन किया गया है?

5. अनियमित, दैनिक वेतनभोगी और संविदा पर कार्यरत व्यक्ति जिस पद पर कार्यरत है, उन्हें वर्तमान में क्या मानदेय भुगतान किया जा रहा है. उन नियमित पदों का वेतनमान क्या है?

सीएम ने बताया कि 24 विभागों से जानकारी प्राप्त हुई है. शेष 22 विभागों से जानकारी अप्राप्त है. समिति द्वारा की गई उपरोक्त अनुशंसा अनुसार समस्त विभागों से जानकारी प्राप्त न होने के कारण समिति की रिपोर्ट अपेक्षित है.

देखें विभागवार अनियमित, दैनिक वेतनभोगी और संविदा कर्मचारियों की लिस्ट...










नियमितीकरण के संबंध में विधायक विद्यारतन भसीन द्वारा पूछे गए लिखित सवाल के जवाब में सीएम ने बताया कि नियमितीकरण के संबंध में शासन द्वारा प्रमुख सचिव की अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया है. नियमितीकरण के संबंध में विधिवत विचारोपरांत निर्णय लिया जाएगा.

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