Begin typing your search above and press return to search.

चक्काजाम फेल, BJP नेता भिड़े: अंबिकापुर में चक्काजाम के लिए ऐसी जगह तय की, जहां गाड़ियां ही नहीं आईं; बड़े नेता भी नाखुश

चक्काजाम फेल, BJP नेता भिड़े: अंबिकापुर में चक्काजाम के लिए ऐसी जगह तय की, जहां गाड़ियां ही नहीं आईं; बड़े नेता भी नाखुश
X
By NPG News

रायपुर/अंबिकापुर। छत्तीसगढ़ भाजपा के गंगरेल चिंतन के बाद पहला आंदोलन ही सफल नहीं हो पाया। इसे लेकर अंबिकापुर के स्थानीय नेता आपस में भिड़ गए। बड़े नेताओं का आरोप था कि स्थानीय स्तर पर जिनकी जिम्मेदारी चक्काजाम के लिए स्थान तय करने की थी, उन्होंने जान बूझकर प्रशासन को मदद पहुंचाई। प्रशासन ने जो स्थान तय किया, उसी पर सहमत हो गए, जबकि सारी गाडियां डायवर्ट हो गई और असर नहीं दिखा।

दरअसल, चक्काजाम के लिए बिलासपुर चौक का चयन किया गया था। वहां पर भीड़ भी नहीं जुटी। न ही गाड़ियों की कतार लगी, जिससे आंदोलन को सफल माना जाए। बता दें कि अंबिकापुर में वरिष्ठ आदिवासी नेता नंदकुमार साय, पूर्व गृहमंत्री रामसेवक पैकरा, कमलभान सिंह, सिद्धनाथ पैकरा आदि शामिल हुए। खबर है कि इस बार को लेकर एक होटल में स्थानीय नेताओं के बीच जमकर तू तू मैं मैं हुई है। बात यहां तक पहुंच गई कि जान बूझकर आदिवासी समाज के आंदोलन को फेल किया गया है।


बता दें कि भाजपा ने आज आदिवासी समाज के 32 फीसदी आरक्षण की बहाली के लिए बस्तर, सरगुजा और दुर्ग में राष्ट्रीय राजमार्ग पर चक्काजाम किया। इस प्रदर्शन में भाजपा के आदिवासी वर्ग के नेताओं और जनप्रतिनिधियों ने राज्य की कांग्रेस सरकार पर आदिवासी हितों की रक्षा न करने का आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा आदिवासियों का हक बहाल होने तक संघर्ष जारी रखेगी।

कांग्रेस सरकार की नाकामी से छिना आरक्षण

भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष विकास मरकाम ने कहा कि अनुसूचित जनजाति वर्ग द्वारा आज आरक्षण सहित अन्य संवैधानिक अधिकारों की रक्षा हेतु बस्तर, सरगुजा और दुर्ग संभाग में राष्ट्रीय राजमार्ग पर चक्काजाम किया गया। उन्होंने कहा कि विगत दिनों प्रदेश की कांग्रेस सरकार की नाकामी के चलते आदिवासियों का 32 फीसदी आरक्षण छीनकर 20 प्रतिशत कर दिया गया है। छत्तीसगढ़ भारत का पहला ऐसा राज्य बन गया, जहां किसी समुदाय से उसका आरक्षण छीना गया हो। छत्तीसगढ़ सरकार आदिवासियों के हितों पर लगातार कुठाराघात कर रही है।इसके कुछ ही दिन बाद ही बस्तर, सरगुजा और बिलासपुर में तीसरी और चौथी श्रेणी की नौकरियों में जो स्थानीय आरक्षण डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने 2012 से देना प्रारंभ किया था, उसे भी छीनने का आदेश भूपेश बघेल सरकार ने जारी कर दिया है। इससे पूर्व जनजाति वर्ग के सरकारी कर्मचारियों की पदोन्नति में आरक्षण के अधिकार को भी राज्य सरकार ने समाप्त कर दिया है।

Next Story