CG सियासतः अपने ही पोस्ट में गोल क्यों मार रहे सत्ताधारी पार्टी के विधायक, मोहन मरकाम के बाद आज अमितेश ने दिखाए तेवर... सियासी पंडित हैरान
रायपुर. छत्तीसगढ़ विधानसभा में मंगलवार को प्रश्नकाल के दौरान शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम अपने ही विधायकों के सवालों से घिर गए. राजिम विधायक अमितेश शुक्ल ने जहां अधिकारियों पर पैसे खाने का आरोप लगाया तो चंदन कश्यप ने सदन में गलत जानकारी देने का आरोप लगाकर कार्यवाही की मांग की. रामकुमार यादव ने बजट में एक भी छात्रावास नहीं मिलने पर दुख जताया. अमितेश के सवाल पर तो मंत्री टेकाम ने सहायक आयुक्त को निलंबित करने की घोषणा करनी पड़ी.
सोमवार को सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने ही डीएमएफ की राशि में बंदरबांट का आरोप लगाकर सबको चौंका दिया था. सियासी पंडित भी यह देखकर हैरान रह गए. आरईएस में होने वाले काम से जुड़े एक सवाल पर पंचायत मंत्री रविंद्र चौबे जवाब दे रहे थे और मरकाम एक के बाद एक पूरक प्रश्न कर रहे थे. पहले मंत्री चौबे ने अपने जवाब से उन्हें संतुष्ट करने की कोशिश की, लेकिन मरकाम जांच की मांग पर अड़ गए. इस पर मंत्री चौबे ने जांच कराने की घोषणा की. दूसरे दिन भी ऐसा ही कुछ देखने को मिला. इस बार एक नहीं, बल्कि सत्ता पक्ष के कई विधायकों ने सवाल किया.
प्रश्नकाल में आज करीब 10 सवालों पर चर्चा हुई. इनमें 6 सवाल सत्ता पक्ष के विधायकों के थे. इस दौरान सत्ता पक्ष के विधायकों ने अपनी ही सरकार के मंत्री पर तीखे सवाल किए. जर्जर स्कूल भवन से जुड़े अपने सवाल पर चर्चा के दौरान चंदन कश्यप ने कहा कि अधिकारियों ने गलत जानकारी दी है. जर्जर भवन की संख्या एक बताई गई है, जबकि 10 हैं. वे फोटोग्राफ्स उपलब्ध करा सकते हैं. उन्होंने मंत्री से सीधे सवाल किया कि जो गलत जवाब आया है, उस पर क्या कार्रवाई करेंगे? मंत्री को कहना पड़ा कि इसकी अलग प्रक्रिया है.
अमितेश शुक्ल ने आदिवासी विकास विभाग द्वारा संचालित कार्यालय और छात्रावास-आश्रमों में दैनिक वेतन भोगी व कलेक्टर दर पर कार्यरत चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के नियमितीकरण के मुद्दे पर घेरा. शुक्ल ने आरोप लगाया कि भयानक भ्रष्टाचार हुआ है. पैसा खाकर चार महीने से गायब एक कर्मचारी को नियमित कर दिया गया. उन्होंने जांच और कार्रवाई की मांग की. विधायक अजय चंद्राकर ने इस पर टिप्पणी की कि सत्ता पक्ष की ओर से गंभीर आरोप लगाए जा रहे हैं. इस मामले में कार्रवाई होनी चाहिए.
मंत्री ने कहा कि उन्हें ऐसे किसी मामले की जानकारी नहीं है. वे जांच कराएंगे. शुक्ल ने जांच के साथ ही जिम्मेदार अधिकारी को सस्पेंड करने के लिए जोर दिया. विपक्ष ने भी उनका समर्थन किया. इस पर मंत्री को सहायक आयुक्त को सस्पेंड करने की घोषणा करनी पड़ी. इससे पहले चंदन कश्यप के सवाल के जवाब में पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम ने अहाता विहीन स्कूलों के बारे में प्रतिप्रश्न किया तो छन्नी साहू ने कह दिया कि सभी सदस्य बड़ी उम्मीद से सवाल करते हैं, ताकि जर्जर स्कूल बने. आपकी ओर से पहले बाउंड्री बनाने के बजाय तार फेंसिंग की बात कही गई थी, लेकिन कोई स्पष्ट आदेश ही नहीं दिया गया, इसलिए लिखित आदेश जारी किया जाए.
चुनावी साल में तेवर ने चौंकाया
छत्तीसगढ़ में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव है. ऐसे समय में सत्ता पक्ष के विधायकों के आक्रामक रुख ने लोगों को चौंकाया है. कांग्रेस विधायकों के इस रुख की चर्चा सियासी गलियारे में होने लगी है. ऐसा इसलिए इससे पहले जो सत्र हुए हैं, उसमें सत्ता पक्ष की ओर से ऐसा आक्रामक रुख देखने में नहीं आया था.