CG में शराबबंदी : सत्यनारायण शर्मा के साथ पहुंची टीम की बिहार के सीएम नीतीश कुमार के साथ बैठक, कई जिलों का दौरा किया
रायपुर. छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव से पहले शराबबंदी के ऐलान के कयासों के बीच वरिष्ठ विधायक सत्यनारायण शर्मा के नेतृत्व में एक टीम बिहार गई है. शराबबंदी के लिए गठित राजनीतिक कमेटी में शामिल संसदीय सचिव रश्मि सिंह, शिशुपाल सोरी, कुंवर सिंह निषाद, द्वारिकाधीश यादव, दलेश्वर साहू और पुरुषोत्तम कंवर के साथ आबकारी आयुक्त निरंजन दास व अधिकारियों ने कुछ जिलों का दौरा करने का बाद शुक्रवार को पटना में बिहार के सीएम नीतीश कुमार के साथ बैठक की. सीएम नीतीश कुमार ने बताया कि किस तरह उन्होंने शराबबंदी का फैसला किया और इसे सफलतापूर्वक लागू किया गया. बिहार के बाद टीम मिजोरम जाएगी. इससे पहले सत्यनारायण शर्मा के साथ यह टीम गुजरात का दौरा कर लौट चुकी है.
पूर्ण शराबबंदी या आंशिक?
छत्तीसगढ़ में पूर्ण शराबबंदी होगी या आंशिक, इस सवाल को लेकर अभी तक जिम्मेदार कुछ भी स्पष्ट रूप से बोलने से बच रहे हैं. गुजरात दौरे से लौटने के बाद विधायक शर्मा ने कहा था कि पूर्ण शराबबंदी लागू होने से तस्करी का डर है. गुजरात में पूर्ण शराबबंदी लागू है, लेकिन वहां आसानी से शराब उपलब्ध है. वहीं, आबकारी मंत्री कवासी लखमा का कहना है कि शराबबंदी का अध्ययन करने के लिए टीम बिहार गई है. इसके बाद मिजोरम जाएगी. वहां से लौटने के बाद कमेटी अपनी रिपोर्ट देगी. सरकार उसका अध्ययन करेगी. लखमा ने बताया कि मिजोरम में एक ब्लॉक में शराबबंदी है, तो दूसरे में शराब बिकती है. छत्तीसगढ़ के बस्तर में पूजा-पाठ में शराब का इस्तेमाल होता है, इसलिए वहां अलग नियम होगा.
तीन कमेटियों का गठन
कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में शराबबंदी करने का उल्लेख किया था. राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद यह विपक्ष के लिए बड़ा मुद्दा है. कांग्रेस सरकार ने तीन अलग-अलग कमेटियों का गठन किया है. इसमें एक राजनीतिक कमेटी है. इसमें विपक्ष के विधायकों को भी शामिल किया गया है. हालांकि एक भी बैठक में विपक्ष के विधायकों ने हिस्सा नहीं लिया है. भाजपा की ओर से शराबबंदी का फैसला नहीं लिए जाने का मुद्दा उठाया जाता है, जबकि कांग्रेस की ओर से बैठक में शामिल नहीं होने का तर्क दिया जाता रहा है.
लोगों के 10 हजार करोड़ बच रहे
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने छत्तीसगढ़ के प्रतिनिधिमंडल को बताया कि शराब के कारोबार से राज्य को 5 हजार करोड़ रुपए प्रतिवर्ष राजस्व मिल रहा था, लेकिन लोग 10 हजार करोड़ रुपए शराब पर खर्च कर रहे थे. शराबबंदी लागू होने के बाद लोग उन पैसों का उपयोग अपनी जरूरत के लिए करने लगे. सब्जी, फल, दूध की बिक्री बढ़ी है. लोगों के खान-पान, शिक्षा, रहन-सहन में सुधार हुआ है. शराबबंदी को लेकर हम लोग लगातार अभियान चला रहे हैं. सभी जिलों में जाकर हमने लोगों से मुलाकात की, बातें की. उस दौरान एक महिला ने आपबीती सुनाते हुए बताया कि मेरे पति पहले शराब पीते थे, काम करते थे, लेकिन घर पर पैसा लेकर नहीं आते थे. घर का माहौल खराब रहता था, लेकिन शराबबंदी के बाद वे जब घर आते हैं तो बाजार से सब्जी सहित अन्य सामान लेकर आते हैं. खुश रहते हैं और अब घर का माहौल अच्छा रहता है.
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— CM Bihar Nitish Kumar (@CMBiharNK) March 10, 2023
सीएम नीतीश कुमार ने बताया कि राज्य में कारोबार बेहतर हो रहा है. कुछ लोग कहते थे कि शराबबंदी के बाद राज्य में पर्यटक नहीं आएंगे, लेकिन पर्यटकों की संख्या और बढ़ी है. समाज में 90 प्रतिशत लोग सही होते हैं. 10 प्रतिशत लोग गड़बड़ करने वाले होते हैं. शराबबंदी कानून का सख्ती से पालन कराया जा रहा है. 2018 में सर्वे से जानकारी मिली थी कि 1.64 करोड़ लोगों ने शराब पीना छोड़ दिया है. हाल ही में चाणक्या लॉ यूनिवर्सिटी के सर्वे से पता चला है कि 1.82 करोड़ लोगों ने शराब पीना छोड़ दिया है. बिहार में 99 प्रतिशत महिलाएं और 92-93 प्रतिशत पुरुष शराबबंदी के पक्ष में हैं.