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CG BJP में बदलाव! क्षेत्रीय संगठन मंत्री जामवाल के साथ अचानक दिल्ली गए विष्णुदेव साय, पुरंदेश्वरी को भी बुलाया गया

छत्तीसगढ़ की राजनीति में काफी समय से प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष को बदलने की बातें हो रही हैं।

CG BJP में बदलाव! क्षेत्रीय संगठन मंत्री जामवाल के साथ अचानक दिल्ली गए विष्णुदेव साय, पुरंदेश्वरी को भी बुलाया गया
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By NPG News

रायपुर। छत्तीसगढ़ भाजपा के अध्यक्ष विष्णुदेव साय और क्षेत्रीय संगठन मंत्री अजय जामवाल के शुक्रवार को सुबह अचानक दिल्ली दौरे से राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है। उनके साथ प्रदेश संगठन महामंत्री पवन साय भी दिल्ली गए हैं। हैदराबाद से छत्तीसगढ़ प्रभारी डी. पुरंदेश्वरी और सह प्रभारी नितिन नबीन को बुलाया गया है। इससे एक बार फिर छत्तीसगढ़ में बदलाव की चर्चा शुरू हो गई है। संगठन के नेता और पूर्व मंत्री भी यह स्वीकार करते हैं कि चुनाव पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारियां बदली जा सकती है।


जो जानकारी सामने आ रही है, उसके मुताबिक शाम को जामवाल की मौजूदगी में सभी भाजपा सांसदों की बैठक होगी। इसमें परिचयात्मक बैठक के साथ साथ छत्तीसगढ़ की राजनीति में सांसदों की भूमिका को लेकर चर्चा होगी। इसके अलावा अन्य विषयों को लेकर भी बात होगी। खासकर जामवाल अपना फीडबैक संगठन के सामने रखेंगे। इसी में संगठन में क्या बदलाव किए जा सकते हैं, यह चर्चा भी शामिल है।

नए संगठन महामंत्री जामवाल ने तीन दिन तक कोर ग्रुप, विधायक, प्रदेश पदाधिकारी, संभाग-जिले प्रभारी, मोर्चा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष संयोजक, मीडिया और आईटी की टीम के साथ बैठक की। ये बैठकें परिचयात्मक ही थीं, लेकिन जामवाल इनमें उन चेहरों को तलाश कर रहे थे, जिन्हें आने वाले समय में कुछ अहम जिम्मेदारियां दी जाएंगी। यही वजह है कि क्षेत्रीय संगठन मंत्री सबसे लंबा परिचय ले रहे थे। अलग अलग जिम्मेदारियों के बारे में पूछने के बाद बाकायदा अपनी डायरी में नोट भी कर रहे थे।


क्षेत्रीय संगठन मंत्री जामवाल पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह से मिलने के लिए उनके निवास गए थे। कोरोना की वजह से वे प्रशिक्षण सत्र और कुशाभाऊ ठाकरे परिसर में हुई बैठकों में शामिल नहीं हो पाए थे।

साय राष्ट्रीय टीम में, केदार छत्तीसगढ़ भाजपा अध्यक्ष

सूत्रों के मुताबिक केदार कश्यप को भाजपा अध्यक्ष की कमान सौंपी जा सकती है। बस्तर में केदार के पिता स्व. बलिराम कश्यप का बड़ा नाम था। उन्हें बस्तर टाइगर कहा जाता था। केदार के अध्यक्ष बनने पर बस्तर की 12 सीटों पर बड़ा असर पड़ेगा। बस्तर को सत्ता का दरवाजा भी कहा जाता है। केदार को अध्यक्ष बनाने की स्थिति में विष्णुदेव साय को राष्ट्रीय टीम में शामिल किया जा सकता है। हालांकि बिलासपुर सांसद अरुण साव को भी अध्यक्ष बनाने की चर्चा थी।

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