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CG BJP का चिंतन 2.0: गंगरेल के रिसॉर्ट में जुटेंगे चुनिंदा बीजेपी नेता... सरकार में वापसी के लिए करेंगे मंथन

CG BJP का चिंतन 2.0: गंगरेल के रिसॉर्ट में जुटेंगे चुनिंदा बीजेपी नेता... सरकार में वापसी के लिए करेंगे मंथन
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By NPG News

रायपुर। छत्तीसगढ़ भाजपा के बस्तर चिंतन शिविर के बाद अब धमतरी में एक और बैठक हो रही है। गंगरेल डैम के रिसॉर्ट में यह बैठक होगी। इसे चिंतन शिविर के जैसा ही महत्वपूर्ण बताया जा रहा है, क्योंकि चुनिंदा नेताओं को ही बुलाया जाएगा। यह बैठक 6 अक्टूबर को होगी। नए प्रदेश प्रभारी ओम प्रकाश माथुर संभवत: इस बार भी बैठक में नहीं आ पाएंगे। स्वास्थ्यगत कारणों से उनका रायपुर प्रवास टल रहा है।

भाजपा में नेतृत्व परिवर्तन के बाद अब एक अहम बैठक होने जा रही है। भाजपा नेताओं के मुताबिक यह कार्ययोजना बैठक है, जिसमें आगामी रणनीति और योजनाओं पर चर्चा होगी। साथ ही, आने वाले समय के आंदोलनों की रूपरेखा बनाई जाएगी। यह बैठक इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि कोर ग्रुप, प्रदेश महामंत्री और संभागीय प्रभारी मिलाकर करीब 30 पदाधिकारी ही इसमें हिस्सा लेंगे। सभी नेता सुबह राजधानी से रवाना होंगे और विषयवार चर्चा करेंगे। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, प्रदेश सह प्रभारी नितिन नबीन, प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव, नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल सहित पूर्व प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय, पूर्व नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, गौरीशंकर अग्रवाल, बृजमोहन अग्रवाल, प्रदेश संगठन महामंत्री पवन साय आदि बैठक में रहेंगे।

बस्तर चिंतन शिविर में भाजपा ने हार के कारणों पर मंथन करने के अलावा उन पहलुओं पर भी बात की थी, जिसमें सत्ता में वापसी के लिए कोशिश करनी थी। प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष के पद पर बदलाव की नींव भी उसी समय रखी गई थी। इसके अलावा एसटी-एससी के साथ ओबीसी और सामान्य वर्ग को साधने के संबंध में भी उसी समय बात की गई थी। यही वजह है कि प्रदेश उपाध्यक्ष और प्रदेश महामंत्री दोनों महत्वपूर्ण पदों पर एसटी-एससी के साथ ओबीसी और सामान्य वर्ग को भी प्रतिनिधित्व दिया गया है।

हर वर्ग के लिए आंदोलन की रणनीति

भाजपा ने युवा मोर्चा के हल्ला बोल के जरिए चुनावी आगाज किया। इसके बाद राजधानी में ही राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का सम्मेलन हुआ था। यही वजह है कि शराबबंदी और कानून व्यवस्था के मुद्दे पर बिलासपुर में बड़ा आंदोलन होगा। इसके बाद आदिवासियों के मुद्दे पर सरगुजा संभाग में आंदोलन की रणनीति है। सभी मोर्चा का एक-एक बड़ा कार्यक्रम कराने की रणनीति है।

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