बिलासपुर हत्याकांड में बड़ा खुलासा: मेडिकल स्टोर में फ्रिज के पीछे चार दिन तक छिपाकर रखी थी लाश, पुलिस भी नहीं जान पाई; ऐसे पकड़ा गया आरोपी
पुलिस कई बार मेडिकल स्टोर तक पहुंची लेकिन आशीष ही उन्हें मिस लीड करता रहा।
बिलासपुर। पीएससी की कोचिंग करने आई युवती की लाश चार दिनों तक मेडिकल स्टोर में फ्रिज के पीछे रही। इसकी भनक मोहल्ले के लोगों को तो दूर पुलिस को भी नहीं हुई। गुमशुदा युवती की तलाश करने के लिए पुलिस मेडिकल स्टोर तक पहुंची और आरोपी आशीष साहू उन्हें गुमराह करता रहा। मेडिकल स्टोर में बदबू न आए इसलिए अगरबत्ती जलाता था। तेज खुशबू वाले इत्र छिड़कता था, तब भी पुलिस को वहां जरा भी संदेह नहीं हुआ। शनिवार को तड़के चार बजे आरोपी ने मेडिकल स्टोर से लाश को अपनी कार में शिफ्ट किया। इसके बाद कस्तूरबा नगर स्थित अपने घर पर ले गया। लाश कहीं ठिकाने लगा पाता, उससे पहले ही वह पकड़ा गया। आरोपी आशीष साहू ने यह कबूल किया है कि उसने मृतका प्रियंका सिंह (24 वर्ष) का लगभग 11 लाख शेयर मार्केट में लगाया था। इस महीने पैसा डूब गया। यही पैसा प्रियंका मांगने आई थी और हंगामा मचाने लगी। इसके बाद उसने गला घोंटकर हत्या कर दी।
माता-पिता और छोटे भाई का खर्च चलाती थी प्रियंका
भिलाई सेक्टर-3 निवासी प्रियंका अपने साथ अपने माता-पिता और छोटे भाई का भी खर्च खुद चलाती थी। वह भिलाई में ट्यूशन देकर पैसे कमाती थी। इससे घर का खर्च चलता था। इसी में से कुछ राशि वह बचा भी लेती थी। इसी साल अप्रैल में वह काेचिंग करने के लिए बिलासपुर आई और दयालबंद पंजाबी कॉलोनी स्थित एक कोचिंग सेंटर जॉइन किया। यहां वह दिसंबर तक कोचिंग लेकर जाना चाहती थी। प्रियंका एक लड़के से प्रेम भी करती थी। लड़का रेलवे में नौकरी करता है। वह मूलत: भिलाई का ही रहने वाला है। फिलहाल उसकी पोस्टिंग नागपुर में है। दोनों शादी करने वाले थे। कॉल डिटेल के आधार पर पुलिस को प्रेमी पर भी शक हुआ, लेकिन उससे पूछताछ में यह स्पष्ट हो गया कि उसे घटना की जानकारी नहीं थी।
गाड़ी पार्किंग के दौरान हुई थी आरोपी के साथ पहचान
पंजाबी कॉलोनी स्थित कोचिंग सेंटर जाने के लिए प्रियंका अपनी मोपेड आरोपी आशीष साहू के मेडिकल स्टोर के सामने खड़ी करती थी। इसी दौरान आशीष से परिचय हुआ। आशीष पहले से शेयर में पैसे लगाने का काम करता था। इस बात की जानकारी प्रियंका को हुई तो वह भी कुछ राशि उसे देने लगी। शुरुआत में मुनाफा हुआ तो प्रियंका का उत्साह बढ़ा। वह मुनाफे में से भी कुछ राशि शेयर में लगाने लगी। पुलिस ने दोनों के ट्रांजेक्शन चेक किए हैं। इसके मुताबिक दोनों के बीच 19 लाख का लेनदेन हुआ है। आरोपी ने पुलिस के सामने पूछताछ में बताया है कि फिलहाल प्रियंका के 11 लाख रुपए उसने शेयर में लगाए थे, जिसमें घाटा हो गया।
घटना के दिन प्रियंका आई और आशीष पर फायर हो गई...
घटना के दिन यानी 15 नवंबर को दोपहर करीब डेढ़ बजे प्रियंका मेडिकल स्टोर पहुंची। उसने अपने पैसे मांगे। आशीष ने शेयर में घाटा होने की बात बताई। यह सुनकर प्रियंका फायर हो गई। इससे पहले भी उनके बीच पैसे को लेकर बातचीत हो चुकी थी और प्रियंका ने हर हाल में पैसे की मांग की थी, जिसे आशीष किसी तरह बंदोबस्त करने की बात कहता था। इस बार जब प्रियंका पहुंची तो उसने आसपास के लोगों का लिहाज किए बिना तेज आवाज में पैसे की मांग की। आशीष ने उसे शांतिपूर्वक बात करने का हवाला दिया और दुकान का शटर गिरा दिया। शटर गिरने के बाद भी प्रियंका की बातचीत में कोई नरमी नहीं आई। दोनों के बीच वाद विवाद की स्थिति बनी और तैश में आकर आशीष ने गला दबाना शुरू किया। प्रियंका के चीखने की आवाज बाहर न जाए इसलिए मेडिकल स्टोर से ही कॉटन (रुई) का बंडल लिया और मुंह में ठंूस दिया। जब प्रियंका मर गई तब उसके होश गुम हो गए। उसे कुछ समझ नहीं आया। फ्रिज के पीछे उसने लाश को छिपा दिया। 15 नवंबर तक आशीष ने उसका फोन अपने पास रखा था, फिर 16 को रेलवे कॉलोनी में जाकर फेंक दिया।
लाश को ठिकाने लगाता लेकिन हर दिन पुलिस पहुंच जाती थी
15 नवंबर की दोपहर प्रियंका की हत्या हुई। रात में वह अपने रूम नहीं पहुंची। टिकरापारा मन्न्ू चौक के पास एक लड़की के साथ वह रहती थी। 16 नवंबर को घरवालों को चिंता हुई। उन्होंने रूममेट से पूछा तो उसने बताया कि प्रियंका रात में नहीं आई थी। उसका नंबर बंद है। परिजनों को चिंता हुई। वे बिलासपुर सिटी कोतवाली पहुंचे। प्रियंका की गुमशुदगी दर्ज कर पुलिस ने तलाश शुरू की। प्रियंका की रूममेट ने बताया था कि वह मेडिकल स्टोर के सामने मोपेड खड़ी करती है तो उसके घरवाले आशीष के पास भी पहुंचे थे और उनके साथ वह भी थाने गया था।
जांच की शुरुआत पुलिस ने आशीष के मेडिकल स्टोर से ही की। वहां पहुंचे तो आशीष ने बताया कि सीसीटीवी खराब है। दीपावली के समय पटाखा फूटने के कारण खराब हुआ। उसी ने बताया कि मेडिकल स्टोर के सामने स्थित एक बिल्डिंग में प्रियंका के आने जाने का फुटेज है। पुलिस ने वह फुटेज देखा। प्रियंका के भाई ने भी किसी और युवती को ही प्रियंका बता दिया। इससे पुलिस गुमराह हो गई। पुलिस ने प्रेमी के साथ जाने वाले लीड पर काम शुरू किया। इस बीच आशीष लाश को ठिकाने लगाना चाहता था, लेकिन लगातार पुलिस के आने-जाने के कारण उसे मौका नहीं मिला। इस बीच आसपास के लोगों को भी शक नहीं हुआ कि वहां कोई लाश है, जबकि बदबू न आए इसलिए आशीष ने जरूरत से ज्यादा अगरबत्तियां जलाना शुरू कर दिया था।
इस पूरे घटनाक्रम के दौरान पुलिस की जांच आशीष पर ही अटक जाती थी, इसलिए उसे थाने में बैठाकर पूछताछ की गई। दरअसल, उसके साथ पैसों का लेनदेन होने के कारण पुलिस को शक हुआ था। आखिरकार आशीष ने पूरी बात स्वीकार की और पुलिस को लाश तक भी लेकर पहुंचा।