CG बिजली उत्पादन में छठवां स्थान : छत्तीसगढ़ की जनरेशन कंपनी ने बनाया देश में छठवां स्थान, CSPGCL के दो पॉवर प्लांट देश के टॉप 21 में
रायपुर. छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर जनरेशन कंपनी ने देशभर में सर्वश्रेष्ठ विद्युत उत्पादन में छठवां स्थान प्राप्त किया है. केंद्र सरकार का उपक्रम सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी (केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण) नई दिल्ली ने विभिन्न प्रदेशों के 33 स्टेट सेक्टर में छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर जनरेशन कंपनी को बेहतर परफार्मेंस के लिए यह रैंकिंग दी है. इसके अलावा भी छत्तीसगढ़ के दो संयंत्रों ने देशभर के 200 ताप विद्युत संयंत्रों में सर्वश्रेष्ठ उत्पादन का कीर्तिमान बनाया है.
केंद्र सरकार का उपक्रम सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी (केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण) नई दिल्ली हर साल इसकी रैंकिंग जारी करता है, जिसके अनुसार सीएसपीजीसीएल ने स्टेट सेक्टर में 71.19 प्रतिशत प्लांट लोड फैक्टर (पीएलएफ) के साथ छठवीं रैंकिंग हासिल की है.
साथ ही, कोरबा स्थित डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ताप विद्युत गृह और हसदेव ताप विद्युत गृह कोरबा सर्वाधिक विद्युत उत्पादन करने के मामले में देश के 200 संयंत्रों में से टॉप 25 संयंत्रों में शुमार हुए हैं.
सीईए ने अपनी वर्ष 2022-23 की अंतरिम रिपोर्ट में यह शीर्ष रैंकिंग दी है. इस उपलब्धि के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल व ऊर्जा विभाग के सचिव व पॉवर कंपनी के चेयरमेन अंकित आनंद ने सभी अधिकारी-कर्मचारियों को बधाई व शुभकामनाएं दी हैं.
जनरेशन कंपनी के प्रबंध निदेशक संजीव कुमार कटियार ने बताया कि जनरेशन कंपनी के सभी संयंत्रों ने तमाम चुनौतियों के बावजूद बेहतर प्रदर्शन किया है.
जनरेशन कंपनी भारत के अन्य ताप विद्युत गृहों की तुलना में कम लागत में बिजली का उत्पादन करती है. जनरेशन कंपनी के डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ताप विद्युत संयंत्र (डीएसपीएम) कोरबा पूर्व के 250 मेगावाट के दो यूनिट का प्लांट लोड फैक्टर (पीएलएफ) 83.30 प्रतिशत रहा. इसे 19वीं रैंकिंग प्राप्त हुई है.
उन्होंने बताया कि इस वर्ष हसदेव ताप विद्युत संयंत्र कोरबा को 21वीं रैंकिंग हासिल हुई है. हसदेव संयंत्र का प्लांट लोड फैक्टर (पीएलएफ) 82.51 प्रतिशत रहा. यह रैंकिंग हसदेव ताप विद्युत गृह ने तब हासिल की है, जब वह अपने उम्र के 38वें साल के पड़ाव पर है. इस संयंत्र की स्थापना 1984 में की गई थी, जिसमें 210 मेगावाट के चार यूनिट स्थापित किये गए थे. राज्य बनने के बाद 500 मेगावाट का एक यूनिट स्थापित किया गया. इन पांचों यूनिट को एक संयंत्र माना जाता है और इसकी रैंकिंग संयुक्त रूप से हसदेव ताप विद्युत गृह कोरबा के नाम से की जाती है.