भीमा मंडावी केस की जांच के लिए 2 माह और: न्यायिक जांच आयोग को 3 माह का अंतिम समय देने के बाद दो माह का और वक्त... देखें अधिसूचना
लोकसभा चुनाव प्रचार के दिन भाजपा विधायक और चार सुरक्षाकर्मियों की नक्सलियों ने हत्या कर दी थी।
रायपुर। बस्तर संभाग से भाजपा के इकलौते विधायक रहे भीमा मंडावी की नक्सल हत्या की जांच के लिए गठित अग्निहोत्री न्यायिक जांच आयोग को राज्य सरकार ने दो माह का और समय दिया है। आयोग की ओर से जांच पूरी नहीं होने के कारण समय बढ़ाने का प्रस्ताव दिया गया था। इसके बाद 8 सितंबर से 7 नवंबर तक समय में वृद्धि की गई है। बता दें कि इससे पहले जून महीने में राज्य सरकार की ओर अंतिम रूप से 3 महीने का समय दिया गया था।
छत्तीसगढ़ में 2018 में हुए चुनाव में बस्तर संभाग से भाजपा ने एकमात्र दंतेवाड़ा सीट से जीत दर्ज की थी। भीमा मंडावी विधायक चुने गए थे। लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान 09 अप्रैल 2019 को दंतेवाड़ा के श्यामगिरी मार्ग पर क्रिकेट ग्राउंड के पास नक्सलियों ने बारूदी सुरंग विस्फोट किया था। इसमें मंडावी के साथ चार सुरक्षा कर्मी शहीद हो गए थे। इसकी जांच के लिए 8 मई को सिक्किम हाईकोर्ट के रिटायर्ड चीफ जस्टिस सतीश के. अग्निहोत्री की अध्यक्षता में एकल सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग का गठन किया गया था। सरकार ने तीन महीने के भीतर जांच रिपोर्ट देने का उल्लेख किया था। हालांकि समय पर जांच पूरी नहीं होने के कारण लगातार आयोग के कार्यकाल में वृद्धि की गई। इस साल 01 फरवरी को आयोग के कार्यकाल में 4 महीने की वृद़धि की गई थी। इसके बाद 8 जून को 3 महीने की वृद्धि की गई थी। हालांकि अधिसूचना में यह स्पष्ट रूप से लिखा था कि अंतिम रूप से 3 माह की वृद्धि की जा रही है। इसके मुताबिक 7 सितंबर तक कार्यकाल समाप्त होता, लेकिन आयोग की ओर से फिर से समय की मांग की गई थी। इसके बाद 2 माह का समय और दिया गया है।
एनआईए भी कर रही जांच
भीमा मंडावी हत्याकांड की जांच नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) भी कर रही है। नवा रायपुर में एनआईए के मुख्यालय के उद्घाटन के मौके पर सीएम भूपेश बघेल ने कहा था कि एनआईए छत्तीसगढ़ में झीरम घाटी हत्याकांड और भीमा मंडावी हत्याकांड की जांच कर रही है, जिसकी रिपोर्ट आनी अभी बाकी है।