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CG फैमिली भ्रष्टाचार : ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी के माता-पिता, भाई-बहन और चाचा-चाची ने खेत पर धान बोया और गेंदा, मिर्च, भिंडी की राशि भी ले ली

CG फैमिली भ्रष्टाचार : ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी के माता-पिता, भाई-बहन और चाचा-चाची ने खेत पर धान बोया और गेंदा, मिर्च, भिंडी की राशि भी ले ली
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By Manoj Vyas

रायपुर / बेमेतरा. फैमिली बिजनेस तो आपने सुना होगा पर एक ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी ने अपने भ्रष्टाचार में पूरे परिवार को झोंक दिया. यहां भ्रष्टाचार की राशि तो सिर्फ 14.38 लाख है, लेकिन कमाल की बात यह है कि एक ही समय में खेत में तीन फसल लेने का भी रिकॉर्ड बना है. न्याय योजना के तहत धान की भी राशि ली. यह राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज है. जब कुछ एक्टिविस्ट ने सूचना का अधिकार के तहत जानकारी जुटानी शुरू की तो ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी ने अपना खेल बंद कर दिया, लेकिन जब अधिकारियों को शिकायत की गई तो उनकी ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई, क्योंकि किसानों को किसी योजना का लाभ देने और भुगतान करने की जो प्रक्रिया है, उसमें कई अधिकारी-कर्मचारी शामिल होते हैं.

बेमेतरा जिले के बेरला ब्लॉक के खर्रा गांव निवासी नागेंद्र कुमार वर्मा ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी हैं. जब से चयन हुआ, तब से यानी मई, 2018 से उसी जगह पदस्थ हैं. गृहग्राम खर्रा भी उनके कार्यक्रम में शामिल है. वर्मा ने अपने पिता नारायण वर्मा, मां सविता वर्मा, बहन सुषमा वर्मा, भाई पुष्पेंद्र वर्मा, चाचा देवलाल वर्मा, चाची हीरा वर्मा और चचेरे भाई शुभम वर्मा को हितग्राही बनाकर अलग-अलग योजनाओं के तहत अनुदान दिया. सिविल सेवा आचरण नियम में तो इसे गलत माना गया है, लेकिन इसमें न भी जाएं तो सॉलिड गड़बड़ी यह सामने आई है कि वर्मा ने बिना फसल बोये ही लाभ दिया है. धान की फसल के दौरान उद्यानिकी से जुड़ी योजनाओं के तहत राशि दी गई. इस मामले की शिकायत कलेक्टर से भी की गई और विधानसभा में भी यह सवाल आया, लेकिन कार्रवाई नहीं की गई.

इस मामले में बेमेतरा कलेक्टर पदुम सिंह एल्मा का कहना है कि वे सहायक संचालक से जानकारी लेंगे. जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी.

किसे कितना अनुदान

देवलाल वर्मा, चाचा

मसाला (मिर्च) क्षेत्र विस्तार : राशि – 32000

फल क्षेत्र विस्तार (पपीता) : राशि – 42750

मसाला (मिर्च) क्षेत्र विस्तार : राशि – 12000

घटक पैक हाउस निर्माण : राशि – 200000

नारायण वर्मा, पिता

संरक्षित खेती (प्लास्टिक मल्चिंग) : राशि – 24000

मसाला (मिर्च) क्षेत्र विस्तार : राशि – 32000

पुष्प (गेंदा) क्षेत्र विस्तार : राशि – 32000

मसाला (मिर्च) क्षेत्र विस्तार : राशि – 24000

सब्जी क्षेत्र विस्तार (भिंडी) : राशि – 40000

पुष्पेंद्र कुमार वर्मा, भाई

पुष्प क्षेत्र विस्तार (गेंदा) : राशि – 32000

सब्जी क्षेत्र विस्तार (टमाटर) : राशि – 30000

मसाला (मिर्च) क्षेत्र विस्तार : राशि – 12000

सब्जी क्षेत्र विस्तार (भिंडी) : राशि – 40000

शुभम वर्मा, चचेरा भाई

फल क्षेत्र विस्तार (पपीता) : राशि – 33750

पुष्प क्षेत्र विस्तार (गेंदा) : राशि – 28000

सब्जी क्षेत्र विस्तार (टमाटर) योजना : राशि – 20000

सविता वर्मा, मां

सब्जी क्षेत्र विस्तार (टमाटर) : राशि – 40000

संरक्षित खेती (प्लास्टिक मल्चिंग योजना) : राशि – 24000

पुष्प क्षेत्र विस्तार (गेंदा) : राशि – 32000

सब्जी क्षेत्र विस्तार (टमाटर) योजना : राशि – 20000

मसाला (मिर्च) क्षेत्र विस्तार : राशि – 24000

सब्जी क्षेत्र विस्तार (भिंडी) योजना : राशि – 40000

फल क्षेत्र विस्तार (केला) योजना : राशि – 112500

पॉवर वीडर : राशि – 63000

सुषमा वर्मा, बहन

पुष्प क्षेत्र विस्तार (गेंदा) योजना : राशि – 32000

पॉवर वीडर : राशि – 63000

हीरा वर्मा, चाची

पुष्प क्षेत्र विस्तार (गेंदा) योजना : राशि – 28000

सब्जी क्षेत्र विस्तार (टमाटर) योजना : राशि – 30000

पैक हाउस योजना : राशि – 200000

पॉवर वीडर : राशि - 63000

धान के खेत में फूल-पपीता

ग्रामीण उद्यानिकी विस्तार अधिकारी वर्मा ने जिन खेतों में धान की फसल लगी थी, उसी में गेंदा, मिर्च, पपीता और भिंडी की फसल लगाने के नाम पर राशि निकाली. यही नहीं, जो बीज खरीदने का जो बिल लगाया है, उसमें तो एक दुकान ही नहीं है. इस मामले में कृषि मंत्री रविंद्र चौबे, उद्यानिकी विभाग के सचिव और डायरेक्टर के अलावा कलेक्टर से शिकायत की गई. इन शिकायतों के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई. बता दें कि कृषि मंत्री चौबे का बेमेतरा गृह जिला है.

मैं अभी बाहर हूं : सहायक संचालक

इस मुद्दे पर जब बेमेतरा में पदस्थ सहायक संचालक हितेंद्र कुमार मेश्राम से बात की गई तो उन्होंने बताया कि वे बाहर हैं. बुधवार को ऑफिस के समय में वे जानकारी दे पाएंगे कि शिकायत पर क्या स्थिति है.

Manoj Vyas

मनोज व्यास : छत्तीसगढ़ में 18 साल से पत्रकारिता में सक्रिय, सभी प्रमुख संस्थाओं में दी सेवाएं, इसी दौरान हरिभूमि समाचार पत्र से जुड़े। इसके बाद दैनिक भास्कर में सिटी रिपोर्टर के रूप में जॉइन किया। नौकरी के साथ-साथ गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय से एमएमसीजे की पढ़ाई पूरी की। न्यायधानी के बाद राजधानी का रुख किया। यहां फिर हरिभूमि से शुरुआत की और नेशनल लुक, पत्रिका, नवभारत, फिर दैनिक भास्कर होते हुए भविष्य की पत्रकारिता का हिस्सा बनने के लिए NPG.News में बतौर न्यूज एडिटर जॉइन किया। इस बीच नवभारत के भुवनेश्वर, ओडिशा एडिशन में एडिटोरियल इंचार्ज के रूप में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं।

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