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अलग हुए विभाग: छत्तीसगढ़ में अब आदिम जाति और अनुसूचित जाति विकास अलग-अलग विभाग बने, ओबीसी पहले ही अलग; राज्यपाल ने किया अनुमोदन

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By NPG News

रायपुर। छत्तीसगढ़ में अब आदिम जाति विकास और अनुसूचित जनजाति विकास अलग-अलग विभाग होंगे। इस संबंध में 6 सितंबर को कैबिनेट की बैठक में जो निर्णय लिया गया था, उसका राज्यपाल अनुसुइया उइके ने अनुमोदन कर दिया है। इस तरह अब एक ही विभाग के रूप में प्रचलित आदिम जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक तीन अलग विभाग होंगे। इनके लिए अलग संचालनालय बनाए जाएंगे। इसके लिए संभवतः इस बार बजट में प्रस्ताव आएगा। अलग विभाग बनने के बाद अब तीन अलग अलग मंत्री इन विभागों की जिम्मेदारी संभाल सकते हैं या तीन सचिव भी हो सकते हैं।

सीएम भूपेश बघेल की अध्यक्षता में 6 सितंबर को हुई कैबिनेट की बैठक में छत्तीसगढ़ के बड़े वर्ग से जुड़े इस विभाग को तीन अलग अलग हिस्से में बांटने का निर्णय लिया गया था। इनमें से ओबीसी व अल्पसंख्यक कल्याण पहले ही अलग नोटिफाई थे। आदिम जाति व अनुसूचित जनजाति के संबंध में कैबिनेट के फैसले के अनुमोदन के लिए राज्यपाल को भेजा गया था। राज्यपाल ने आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग में से अनुसूचित जाति विकास विभाग को पृथक करने हेतु छत्तीसगढ़ शासन कार्य (आबंटन) नियम में संशोधन संबंधी मंत्रि परिषद् आदेश का अनुमोदन कर दिया है। इस अनुमोदन से आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग से अनुसूचित जाति विकास विभाग पृथक हो जाएगा।

अब इस तरह बन जाएंगे विभाग

इस आशय से छत्तीसगढ़ शासन कार्य आबंटन नियम की अनुसूची शीर्षक 25 में ''आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग'' को प्रतिस्थापित करते हुए ''आदिम जाति विकास विभाग'' किया गया है। साथ ही उसके भाग (अ) से (ऊ) तक से संबंधित प्रविष्टियों को भी प्रतिस्थापित किया गया है। उक्त नियमों के अनुसूची शीर्षक 56 के प्रविष्टियों के पश्चात् अनुसूची शीर्षक 57 ''अनुसूचित जाति विकास विभाग'' जोड़ा गया है तथा शीर्षक के अंतर्गत भाग (अ) से (ऊ) जोड़ा गया है। उल्लेखनीय है कि आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग द्वारा समेकित रूप से 04 आयोग, 04 विकास बोर्ड, 04 प्राधिकरण, 04 अल्यसंख्यक कल्याण संस्थाएं, 19 अनुसूचित जनजाति के एकीकृत विकास परियोजना, 06 च्न्ज्ब् के अभिकरण एवं 09 च्न्ज्ळ के प्रकोष्ठ इस प्रकार 50 संस्थाओं का संचालन किया जा रहा है। साथ ही अनुसूचित जाति के 43 जाति समूह एवं अनुसूचित जनजाति के 42 जाति समूह का अनुसंधान कार्य संचालित किया जाता है। अत्एव कार्य सुविधा के दृष्टि से आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग में से अनुसूचित जाति विकास विभाग को पृथक किया जाना प्रस्तावित किया गया था।

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